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नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में लॉ की पढाई के लिए बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के नियम क्या है ?
सबसे पहला सवाल यह उठता है कि भारत में लॉ करने के लिए क्या करना होगा ? भारत ने लॉ करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को लॉ कॉलेज में प्रवेश लेना होगा उसके लिए उसे 12वी कक्षा पास करनी होगी या स्नातक के बाद भी लॉ क्यूकी पढ़ाई शुरू की जा सकती है।
भारत में लॉ की पढ़ाई से सम्बंधित नियम बनाने के लिए बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया का गठन किया गया , ताकि लॉ की पढ़ाई , अधिवक्ता पंजीकरण अन्य सम्बंधित नियम बनाये जा सके।
बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा लॉ की पढाई के लिए बनाये इन नियमों का पालन करना प्रत्येक विधि छात्रों के लिए अति आवश्यक है , यदि इन नियमों के उल्लंघन में दोषी पाए जाते है तो उनका अधिवक्ता बनने का सपना सपना ही रह जायेगा।
बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने विधिं छात्रों से निम्न घोषणाओं को किया जाना अनिवार्य कर दिया है जो कि :-
- आपराधिक पृष्ठिभूमि की जाँच।
- एक साथ डिग्री और / या नियमित शैक्षणिक कार्यक्रम।
- रोजगार की स्थिति और उपस्थिति अनुपालन।
- बायोमेट्रिक उपस्थिति और cctv tv निगरानी।
1. आपराधिक पृष्टिभूमि की जाँच।
1. बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने विधि की शिक्षा प्राप्त करने वाले विधि के छात्रों द्वारा यह घोषणा करना अनिवार्य कर दिया है कि उनका कोई भी आपराधिक पृष्टिभूमि न हो। कानूनी पेशें की नैतिकता के मानकों को बनाये रखने के लिए विधि के छात्रों को एक साफ़ आपराधिक रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए।
2. विधि छात्रों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया की आधिकारिक ईमेल पर मेल करनी होगी। यह रिपोर्ट जो की जाएगी वह आपराधिक पृष्टभूमि जाँच रिपोर्ट के नाम से होगी जिसमे निम्न सूचनाएं शामिल होगी।
- कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट जो चल रही हो ,
- आपराधिक मामला,
- दोषसिद्धि ,
- दोषमुक्ति
उपयुर्क्त सूचनाएँ विधि के छात्रों को उनके अंतिम मार्कशीट और डिग्री जारी होने से पहले देने होगी। ऐसी जानकरी का खुलासा न करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी , जसिमे अंतिम मार्कशीट और डिग्री को रोकना भी शामिल है।
2. एक साथ डिग्री या नियमित शैक्षणिक कार्यक्रम।
1. बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने विधि की शिक्षा प्राप्त करने वाले विधि के छात्रों द्वारा यह घोषणा करना अनिवार्य कर दिया कि एक साथ डिग्री या नियमित कार्यक्रम के सम्बन्ध में सूचना दे।
2. कानूनी शिक्षा नियमों 2008 के अध्याय 2 नियम 6 के अनुसार छात्रों को एक साथ एक से अधिक नियमित डिग्री कार्यकम करने से प्रतिबंधित किया जाता है।
3. विधि के छात्रों को यह घोषित करना अनिवार्य होगा कि उन्होंने अपनी एलएलबी डिग्री के दौरान कोई अन्य नियमित शैक्षणिक कार्यक्रम में प्रवेश नहीं लिया है।
कानूनी शिक्षा नियम 2008 के अनुसार निम्न कार्यक्रमों के किये जाने की अनुमति दी गयी है वो है :-
- भाषा या कंप्यूटर अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में अल्पकालिक , अंशकालिक प्रमाणपत्रों पाठ्यक्रमों या ,
- दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रमों।
4. विधि का कोई भी छात्र शिक्षा के इस नियम का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो कानूनी शिक्षा केंद्र द्वारा उस छात्र की अंतिम मार्कशीट या डिग्री जारी नहीं की जाएगी।
3. रोजगार स्थिति और उपस्थिति अनुपालन।
1. बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने विधि की शिक्षा प्राप्त कर रहे विधि के छात्रों द्वारा यह घोषणा किया जाना अनिवार्य कर दिया की रोजगार स्थिति की सूचना और उपस्थिति अनुआपालन किया जाना होगा।
विधि छात्रों को यह घोषित करना होगा कि वे अपनी एलएलबी की डिग्री के दौरान किसी भी नौकरी, सेवा या व्यवसाय में शामिल नहीं थे ,अगर ऐसे नौकरी , सेवा याव्यवसाय में शामिल भी थे तो इसके लिए उनके पास वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र ( NOC ) है।
2. रोजगार के ऐसे सभी मामलों की सूचना बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया को उनके आधिकारिक ईमेल पर मेल करके दी जानी चाहिए।
मेल का शीर्षक यानी सब्जेक्ट होगा - एलएलबी डिग्री कोर्स के दौरान कानूनी शिक्षा केंद्र रोजगार / व्यवसाय की स्थिति।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया को रोजगार , सेवा या व्यवसाय की सूचना को सूचित करने और अपने नियुक्त से noc प्राप्त करने में विफल रहता है , तो ऐसे किसी भी व्यक्ति को किसी भी राज्य बार कौंसिल में नामांकित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
4. कानूनी शिक्षा नियमों 2008 के नियम 12 के अनुसार उपस्थिति मानदंडों के अनुपालन का प्रमाण भी प्रदान किया जाना चाहिए.
5. ऐसे उम्मीदवारों / छात्रों की अंतिम मार्कशीट और डिग्री जारी करने से पहले कानूनी शिक्षा केंद्र को बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के निर्णय का इंतज़ार करना चाहिए। रोजगार की स्थिति की रिपोर्ट न करने पर अंतिम मार्कशीट रोक दी जाएगी और गैर अनुपालन के लिए छात्रों और कनूनी शिक्षा केंद्र दोनों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
4. बायोमेट्रिक उपस्थिति और CCTV निगरानी।
बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के सर्कुलर के अनुसार सभी कानूनी शिक्षा केंद्रों को विधि छात्रों की उपस्थिति की सटीक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली स्थपित करने होगी।
बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के अलावा कक्षाओं और संस्थान के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में निगरानी हेतु CCTV कैमरे लगाएं जाने चाहिए। ऐसे CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग में छात्रों की उपस्थिति और छात्रों के आचरण सम्बंधित किसी भी आवश्यक सत्यापन या जाँच का समर्थन करने के लिए इन कैमरों की रिकॉर्डिंग को एक वर्ष तक की अवधि के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए।
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