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नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि पर्सनल डाटा को साइबर हैकर्स से कैसे बचाए ? how to protect your personal data from cyber hackers ? इंटरनेट की इस आधुनिक दुनिया में हर व्यक्ति ऑनलाइन सुविधा का भरपूर्ण उपयोग कर रहा है। इस ऑनलाइन की दुनिया ने जहाँ लोगो के जीने के तरीके को आसान बना दिया है वहाँ पर एक सवाल यह भी उठता है कि इस इंटरनेट की दुनिया में सुरक्षित रहना भी उतना ही आवश्यक है जितना हम सजग रहते है की हमारे आँखों सामने से कोई हमे कोई क्षति कारित न करें।
इंटरनेट की इस दुनिया में लगभग प्रत्येक कार्य अब ऑनलाइन माध्यम से हो रहे है जैसे कि शॉपिंग, फ़ूड आर्डर, बिल पेमेंट अन्य वस्तु और सेवाओं का उपयोग। ऐसे में हम इन सभी के उपयोग के लिए पर्सनल डाटा जैसे कि नाम, एड्रेस , मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी का उपयोग करना पड़ता है।
ये साइबर हैकर हमारे पर्सनल डाटा को हमारी ही एक छोटी सी गलती से चोरी कर लेते है , जिसका परिणाम हमे भरी आर्थिक क्षति होती है।
साइबर हैकर्स से पर्सनल डाटा को सुरक्षित रखने के 10 बेस्ट टिप्स
इन 10 सुरक्षित उपायों से कुछ हद तक आप अपने पर्सनल डाटा को साइबर हैकर्स से चोरी होने से बचा सकते है।
- स्पैम और फिनिशिंग ईमेल से बचे।
- डोमेन स्पेलिंग ध्यान से चेक करें।
- एक मजबूत पासवर्ड बनाये।
- समय -समय- पर पासवर्ड बदले।
- टू -स्टेप वेरिफिकेशन का उपयोग करें।
- सुरक्षित इंटरनेट का उपयोग करें।
- सॉफ्टवेयर तो समय -समय पर अपडेट करे।
- एंटीवायरस का उपयोग करें।
- डाटा बैक उप रखे।
- सावधान रहे आप किस लिंक या किस पर क्लिक कर रहे है।
1. स्पैम और फिनिशिंग ईमेल से बचे।
स्पैम और फिनिशिंग ईमेल हैकर्स का सबसे प्रचलित हथियार है लोगो का उसने डाटा चोरी करना , इसमें हकेर्स
रैंडम्ली कई सारे लोगो को एक जैसा लालच देने वाले सन्देश जरिये ईमेल से भेजते है। यह लालच डिस्काउंट , एक की खरीद पर दूसरा मुफ्त , लाटरी जैसे अन्य लालच देकर लिंक पर क्लिक करने को बोलते है।
लिंक पर क्लिक करने से फॉर्म ओपन होता है , जिसमे व्यक्ति से उसकी निजी जानकारी को भरने को कहा जाता है , ताकि उस ऑफर लाभ उठा सके।
जैसे कि :-
- नाम।
- पता।
- उम्र।
- मोबाइल नंबर।
- बैंक डिटेल।
- अन्य जानकरी।
जब आप ये सब जानकारी बिना सोचे समझे स्वयं अपनी मर्जी से देते है , तो ये हैकर इन्ही जानकारी के जरिये लोगो आर्थिक क्षति पहुँचाते है।
स्पैम और फिनिशिंग ईमेल का शिकर होने से बचने का एक आसान तरीका है , की ऐसे अनजान और जालसाज ईमेल को ओपन ही न करें जिसमें आपको कोई ऑफर , लाटरी, का लालच दिया जा रहा है।
2. डोमेन की स्पेलिंग ध्यान से चेक करें।
डोमेन जो की किसी वेबसाइट में जाने का रास्ता होता है , क्योंकि हमे इंटरनेट के माध्यम से कोई भी जानकारी प्राप्त करनी हो तो , कीवर्ड डलना होता है , तो वो कीवर्ड के सहायता से खोजे गए परिणाम की पूर्ण जानकारी के लिए वेबसाइट पर रिडाइरेक्ट करता है , तो हमे उस खोजी गए की पूर्ण जानकरी मिलती है।
जैसे हम किसी प्रचलित ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से खरीदारी करते है , तो हमे इस बात का खास ध्यान देना चाहिए की हम अमुक कम्पनी की अधिकृत वेबसाइट पर ही जा कर ही शॉपिंग करें।
हैकर कुछ प्रसिद्ध और प्रचलित कंपनी के डोमेन नेम की स्पेलिंग में थोड़ा सा बदलाव करके , जो कि आसानी से मालूम नहीं किया जा सकता तब की ध्यान से पढ़ा न जाये , वैसी ही हूबहू नकली वेबसाइट तैयार करके लोगो को जिरए ईमेल , संदेश से ऑफर का लालच देते हुए भेजते है। कई बार उपयोगकर्ता स्वयं नकली वेबसाइट में चले जाते है।
हमे कम्पनी के वेबसाइट का डोमेन नेम की स्पेलिंग पर ध्यान देना अति आवश्यक है , ताकि नकली वेबसाइट में
जाकर किसी भी प्रकार की कोई भी आर्थिक क्षति न हो।
3. एक मजबूत पासवर्ड बनाये।
पासवर्ड यानी आपके अपने पास के शब्दों , अंकों और चिन्हों का एक ऐसा समूह जो केवल आपके पास ही है जो केवल आपको ही मालूम है अन्य किसी को नहीं , जो आपके स्मार्टफोन , लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में स्टोर गोपनीय डाटा को अन्य किसी की पहुँच से दूर रखता है।
पासवर्ड हमेसा ऐसा बनाये जो कि अन्य द्वारा आसानी से आंका न जा सकें।
अक्सर लोग ऐसे पासवर्ड का उपयोग करते है , जिनका लोगो द्वारा आसानी से पता लगाया जा सकता है। जैसे कि
- 12345 ,
- जन्म तिथि।
- नाम।
- मोबाइल नंबर।
- सिटी का नेम।
- देश का नाम
- अन्य।
ऐसे कमजोर असानी से पता चल जाने वाले पासवर्ड का उपयोग बिलकुल करें।
4. समय -समय पर पासवर्ड बदलते रहे।
एक मजबूत पासवर्ड बना देना ही काफी नहीं है कि आप अपने डाटा को सिक्योर कर रहे है , कभी कभी किन्ही वेबसाइट पर पर जो लॉगिन क्रेडेंशियल का उपयोग करती है , वो आपको पासवर्ड सेव करने का विकल्प भी देती है , की बार बार पासवर्ड इंटर करने से अच्छा है कि आटोमेटिक पासवर्ड फइलल हो जाये।
ऐसे में हमे पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहना चाहिए।
5. टू-स्टेप वेरिफिकेशन का उपयोग करें।
एक मजबूत पासवर्ड बनाना साथ में उस पासवर्ड को समय समय पर बदलना ही आपके डाटा को सुरक्षित नहीं रखता , ऐसे में डाटा प्रोटेक्शन को ध्यान में रखते हुए कुछ कंपनी ने टु-स्टेप वेरिफिकेशन भी शामिल कर दिया है।
जब आप इन कंपनी के द्वारा चालू किसी सेवा का उपयोग करते है , तो लॉगिन आईडी व् पासवर्ड बनाना पड़ता है। जब अप्प लॉगिन आईडी पासवर्ड इंटर करते है ,तो लॉगिन की प्रक्रिया। इसे और सुरक्षित रखें के लिए टू -स्टेप वेरिफिकेशन को जोड़ा गया , जिसमे उपयोगकर्ता जब टू -स्टेप वेरिफिकेशन को इनेबल करता है , तो समय दर्ज किये गए मोबाइल नंबर OTP प्राप्त करता है उस OTP के बाद ही पूर्ण रूप से लॉगिन होता है।
यह अभी तक का सबसे शक्तिशाली डाटा सिक्योर करने का तरीका है। क्योंकि जब तक आप OTP इंटर नहीं करते लॉगिन पूर्ण होगा ही नहीं।
6. सुरक्षित इंटरनेट का उपयोग करें।
सुरक्षित इंटरनेट का उपयोग करें यह इसीलिए ध्यान देने योग्य है कि अक्सर नवजवान हो या बूढ़े इन्हे फ्री का इंटरनेट मिले तो बिना कुछ सोचे समझे उसका उपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है।
उन्हें इस बात की भनक तक नहीं होती जिस फ्री असुरक्षित इंटरनेट का उपयोग वे अपने कार्य या मनोरंजन के लिए कर रहे है वो उनको आर्थिक क्षति पहुंचाने वाला है। उनका डाटा कॉपी कर चोरी कर रहा है।
क्योंकि हैकर असुरक्षित इंटरनेट वाले wifi को टारगेट बना कर उसे हैक कर उस wifi को उयपोग करने वालो का डाटा ऑनलाइन ट्रांसफर कर चोरी करते है।
ध्यान रखे की कही भी आसानी से फ्री में मिलने वाले wifi जिसका सिक्योरिटी वीक हो उसका इस्तेमाल कभी न करें।
7. सॉफ्टवेयर को समय -समय पर अपडेट करें।
स्मार्टफोन / डेस्कटॉप अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को ऑपरेट करने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम के सॉफ्टवेयर को उसके अपडेट नोटिफिकेशन आने पर अपडेट करते रहना अति आवश्यक है। इन्सटाल्ड एप्लीकेशन के अपडेट आने अपर उसे अपडेट करते रहे।
सॉफ्टवेयर अपडेट करना इसलिए अति आवश्यक है, की सॉफ्टवेयर में कोई एरर , बग्स , सुरक्षा कमी या अन्य कोई न्यू फीचर शामिल रहते है।
8. एंटीवायरस का उपयोग करना।
एंटीवायरस का उपयोग करना एक हद तक आपके डेस्कटॉप , लैपटॉप में डाटा ट्रांसफर होने के दौरान अनचाहे फाइल , डेंजरस फाइल , वायरस , मैलवेयर को रोकता और डिलीट करता है। एक तरह से लैपटॉप डेस्कटॉप के स्टोर डाटा को दूषित होने से बचाने में सहायक होता है।
उदाहरण -
इंटरनेट से कोई मूवीज डाउनलोड करते है , तो ऐसे में उस मूवीज के साथ कोई हानिकारक फाइल भी डाउनलोड हो जाती है ,तो ऐसे एंटीवायरस वार्निंग के साथ उस फाइल को मूवीज के साथ डिलीट के देता है, ताकि वो फाइल आपके डाटा को दूषित न करे।
लैपटॉप या डेस्कटॉप में इन्टॉल ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज में विंडो डिफेंडर एंटीवायरस का काम करता है , ये अनचाहे व हानिकारक फाइल की पहचान कर उसे सिस्टम से डिलीट कर देता है, ताकि लैपटॉप डेस्कटॉप वायरस फ्री रहे।
स्मार्टफोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में एक समय के अंतराल में सिक्योरिटी अपडेट मिला करते है। जिन्हे अपडेट करना अति आवश्यक है।
9. बैकअप रखें।
डाटा यानी एक ऐसा संग्रह जो की किसी व्यक्ति के जीवन से सम्बंधित उसकी यादें जो इमेज और फोटो के रुप में है ,या गोपनीय दस्तावेज जो उस व्यक्ति के भविष्य तक काम आने वाले है या अन्य ऐसे दस्तावेज जो बहुत ही गोपनीय है , जिनके खो जाने या नष्ट हो जाने पर उन्हें पुनः वैसे ही नहीं पाया जा सकता है।
इस टेक्नोलॉजी के आधुनिक युग ने कई चीजों को आसान बना दिया है, अब आप अपने कीमती डाटा को एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस में स्टोर कर बैकअप के तौर पर रख सकते है।
बैकअप रखना इसलिए आवश्यक है ताकि यदि डाटा को डिलीट करना पड़े तो डाटा बैकअप रहेगा।
10. सावधान रहे आप किस लिंक पर क्लिक कर रहें।
जब कभी भी आपके पास कोई लिंक सन्देश , ईमेल या किसी अन्य माध्यम से प्राप्त हो तो ऐसे में आप किसी भी लिंक पर लिंक करने से पहले उसकी विश्वसनीयता को देखें। जो लिंक आपको प्राप्त हुई है , वो लिंक किस सोर्स से प्राप्त हुई है इसकी जानकारी होना अति आवश्यक है।
साइबर अटैकर लोगो को आर्थिक क्षति पहुँचाने के लिए फेक लाटरी स्कैम की लिंक भेजते है ये क्लेम करते हुए कि आप लकी विनर है। विनिंग अमाउंट के लिए लिंक पर क्लिक कर अपनी जीती हुई धनराशि को प्राप्त करें। उसके लिए बैंक से सम्बंधित जानकारी भी मांगते है।
ऐसे में ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी लिंक आने पर बिना इसकी पुष्टि किये कि वो लिंक सोर्स क्या है लिंक पर क्लिक न करें।
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