डिजिटल अरेस्ट क्या होता है और इसे कैसे बचे ? what is digital arrest and to be safe from digital arrest - cyber crime alert
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नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि डिजिटल अरेस्ट क्या होता है और इसे कैसे बचे ? डिजिटल जो कि एक नए ऑनलाइन युग का विकास। इस ऑनलाइन टेक्नोलॉजी ने विकास की गति को तीव्र कर दिया है। अब व्यक्ती घर बैठे -बैठे आवश्यकता के अनुसार वो हर कार्य आसानी से कर ले रहा है जिसकी उसे जरुरत है।
लेकिन जहाँ इस ऑनलाइन के युग में लोगो को जो घर बैठे सुविधा मिल रही है , दैनिक कार्य में आसानी हो रही है , जहाँ इसके कई फायदे है वही इसके कई नुकसान भी देखने सुनने को मिलते है।
साइबर अपराध भी काफी बढ़ गया है , साइबर अपराधी लोगो को ऑनलाइन शिकार बना कर उन्हें आर्थिक क्षति पहुँचा रहे है साथ ही साथ मानसिक क्षति भी।
डिजिटल युग में डिजिटल होना सब चाह रहे , परन्तु सावधानी न बरती तो अवश्य साइबर अपराधियों के चंगुल में फस कर साइबर अपराध का शिकार हो सकते है , तो बेहतर यही होगा कि डिजिटल युग को समझे और सावधानीपूर्वक इसका उपयोग करे।
- डिटिजल अरेस्ट होता क्या है ?
- डिजिटल अरेस्ट होता कैसे है ?
- डिजिटल अरेस्ट से खुद को कैसे बचाएँ ?
इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे।
डिजिटल अरेस्ट क्या होता है ?
डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा साइबर अटैक है जो किसी भी व्यक्ति को मानसिक रूप से इतना कमजोर और डरा देता है कि व्यक्ति उस परिस्थति से अपने को बचाने के लिए वो सब करता जाता है जो कि उससे ये साइबर अपराधी करवाते है , इन साइबर अपराधियों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक क्षति कारित करना होता है।
डिजिटल अरेस्ट कैसे होता है ?
ऑनलाइन की दुनिया में हम सभी जरुरत और आवश्यकता अनुसार हर वैध कार्य कर रहे , परन्तु जब हम किसी ऐसी अनजान वेबसाइट पर किसी ऐसे अनजान प्लेटफार्म पर जाते है ,तो हमे उस प्लेटफार्म के सुरक्षित होने का कोई अंदाजा नहीं रहता है कि क्या वो सुरक्षित है या नहीं जैसे कि :-
- पायरेटेड मूवी डाउनलोड करना,
- पायरेटेड गेम डाउनलोड करना ,
- पायरेटेड सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना,
- फेक ऑफर से सम्बंधित लिंक पर क्लिक करना,
- फेक डुप्लीकेट वेबसाइट का ज्ञान न होना,
- अन्य कारण।
आपके ब्राउज़र के वेबपेज पर सीबीआई , साइबर क्राइम पुलिस या अन्य सरकारी एजेंसी से मिलती जुलती नकली वेबसाइट को शो कराते है।
इस वेबपेज पर आपको फेक नोटिस भी शो होती है की आपने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की इस धारा के तहत अपराध किया है , आपको इतने लाखो रुपए से दण्डित किया जाता है , जुर्माना की राशि न जमा करने पर आपके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
अब जिस व्यक्ति के सामने ऐसा नोटिस आएगा वो डर और घबराहट के कारण इन साइबर अपराधियों का शिकार बन जाता है।
ऐसे में आपको साइबर अपराधी की किसी भी ऐसे फेक नोटिस पर ध्यान नहीं देना है और न ही किसी भी धन राशि की मांग को पूरा करना है।
आप लोगो से मेरी यही प्रार्थना है कि ऑनलाइन जो भी कार्य करें उसे सावधानी व् सुरक्षा से करे ऐसा होने पर डरना व् घबराना नहीं है , तुरंत अपने घर में इसकी सूचना दे और तत्काल नजदीकी थाने में या ऑनलाइन साइबर सेल करें।
डिजिटल अरेस्ट से खुद को कैसे बचाएँ ?
डिजिटल अरेस्ट जो की साइबर अपराधियों की एक चाल है जो की लोगो को मानसिक रूप से डरा कर आर्थिक नुकसान पहुँचाना है। डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई अरेस्ट होता ही नहीं है। इससे बचना आपकी समझ और सावधानी है। बचने के कुछ उपाए है जैसे कि :-
- फेक वेबसाइट को पहचाने।
- ऑनलाइन पायरेटेड कोई भी चीज डाउनलोड न करें।
- अनजान वेबसाइट पर एंटर न करें।
- लुभावने और आकर्षक ऑफर के लालच में न फसे।
- किसी भी प्रकार की कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड न करें जो संदिग्ध हो।
- किसी भी प्रकार की राशि की मांग किये जाने पर कोई भी राशि न दे।
- SMS या EMAIL या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म में या इनबॉक्स में आने वाली अनजान लिंक पर क्लिक न करने।
- फिर भी यदि इतनी सावधानी के बाद भी आप इसका शिकार हो जाते है तो, सबसे पहले उस वेबपेज को क्लोज करें ,
- यदि वेबपेज क्लोज नहीं हो रहा है तो डिवाइस को ऑफ करें।
- यदि फिर भी आप दरें हुए है तो इस घटना की सूचना अपने घर में दे और तत्काल इसकी रिपोर्ट पुलिस थाने में या साइबर सेल में करें ।
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