lawyerguruji

एंड रन कैसे क्या है और हिट एंड रन केस में सजा कितनी है ? what is the hit and run case and punishment in hit and run case

www.lawyerguruji.com

नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि हिट एंड रन कैसे क्या है और हिट एंड रन केस में सजा कितनी है ? सभी लोगो का अपने दैनिक कार्यों के लिए घर से निकलना होता है , ऐसे में कोई अपने निजी वाहन से और कई सार्वजनिक वाहन से आना जाना होता है और यात्रा करते है। 

ऐसे में कभी -कभी सार्वजनिक मार्ग में कई हादसे / दुर्घटना भी होती है, कभी अचानक, उतावलेपन से और उपेक्षापूर्वक वाहन चलाने के कारण भी होते है।  

एंड रन कैसे क्या है और हिट एंड रन केस में सजा कितनी है ? what is the hit and run case and punishment in hit and run case



हिट एंड रन केस क्या होता है ? 

हिट एंड रन केस को आसानी से समझा जा सकता है। सार्वजनिक स्थान पर मोटर यान का चलाना ऐसे में मोटर यान का उतावलेपन से या उपेक्षापूर्वक चलाने से किसी व्यक्ति को टक्कर लगती है या एक वाहन से दूसरे वाहन को टक्कर लगती है और टक्कर मरने वाला वाहन उस घटना स्थल को छोड़कर भाग जाता है , वह पड़े पीड़ित की किसी भी प्रकार से कोई मदद नहीं करता है , तो ऐसे में इस घटना को हिट एंड रन केस कहा जायेगा। 

सरल भाषा में वाहन से  किस वाहन या व्यक्ति को टक्कर मारके भाग जाना। 

हिट एंड रन केस में सजा क्या होगी ? 

मोटर यान अधिनियम के तहत सार्वजनिक मार्ग पर मोटर यान चलाने के लिए नियमों का प्रवधान किया गया है , कि मोटर यान चलाने वाले की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो गयी हो , वाहन चलाने  के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो , वाहन का वैध पंजीकरण हो , वाहन बीमित हो , यातायात वाहनों का परमिट के भीतर चलाना अन्य नियमों का पालन करना आवश्यक है।  

कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक मार्ग में उतावलेपन से या उपेक्षापूर्वक मोटर यान चलाता है और उसके इस उतावलेपन से या उपेक्षापूर्वक मोटर यान चलाने के कारण सार्वजनिक मार्ग में किस भी व्यक्ति को क्षति होती है और क्षति कारित करने के बाद उस घटना के स्थान से भाग जाता है , तो ऐसा करने  वाले को भारतीय न्याय संहिता 2023  की धारा 106  उपधारा 2 के तहत दण्डित किया जायेगा। 

क्या कहती भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 ? 

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करने के सम्बन्ध में दंड का प्रावधान करती है। 

धारा 106 की उपधारा 1 के तहत जो कोई उतावलेपन से या उपेक्षापूर्वक किसी ऐसे कार्य कसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा , जो आपराधिक मानव वध की कोटि में ,  दोनों में किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 5 वर्ष तक हो सकेगी दण्डित किया जायेगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा। 

धारा 106 उपधारा 2 के तहत जो कोई यान के उतावलेपन से या उपेक्षापूर्वक किसी ऐसी कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा जो आपराधिक मानव वध की कोटि में नहीं आता है और घटना के तत्काल पश्चात इसे पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट किये बिन निकलकर भागेगा किसी भी भांति के ऐसी अवधि के कारावास से जो 10 वर्ष तक  दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से के लिए दायी होगा। 


No comments:

lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।

नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।

Powered by Blogger.