उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना क्या है और मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चों को मिलने वाले लाभ क्या है ? general knowledge
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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना क्या है ? बाल योजना जो कि बच्चों से सम्बंधित है जिनकी उम्र 0 से 18 वर्ष है , 0 यानी नवजात शिशु जो कि तुरंत जन्म है। दिसंबर 2019 में सम्पूर्ण विश्व में भयंकर जानलेवा महामारी आयी थी जिसके कारण से सम्पूर्ण देश की अर्थ व्यवस्था और व्यक्तियों की हानि हुई। वे व्यक्ति जिनपर उनके परिवार निर्भर से उन्हें अत्यधिक हानि हुई। छोटे -छोटे बच्चों के सर से उनके माता पिता का हाथ हट जाना , इन बच्चों को अत्यधिक कष्टदायक हुआ। इन अनाथ बच्चों की भरण पोषण की समस्या को नज़र में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चो के भरण पोषण और हितों का ध्यान रखते हुए एक योजना का आरंभ किया , जो कि उत्तर प्रदेश मुख्य मंत्री बल सेवा योजना के नाम से जानी जायगी।
इस योजना को लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि :-
इन सभी सवालों के जवाब हम विस्तार से जाने।
1. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना क्या है ?
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गयी एक ऐसी योजना जिनके अंतर्गत वे बाल / बच्चें लाभ्यार्थी होंगे जिनके माता -पिता , माता या पिता दोनों में से किसी एक की भी मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी के कारण हुई है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ भी प्रदान करना है। इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्न है :-
- कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ / निराश्रित बच्चों की देखभाल / भरण पोषण हेतु 4000 रूपये तक की आर्थिक सहायता।
- 10 वर्ष की काम उम्र के अनाथ / निराश्रित बच्चों को राजकीय बाल गृह (शिशु ) में आवासित कर उनकी देखभाल की जाएगी।
- अनाथ नाबालिग बच्चियों की देखभाल व् उनकी पढाई कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार करेगी।
- अनाथ सभी बालिकाओं की शादी की उम्र में शादी हेतु 101000 रूपये तक सहायता राशि उपलब्ध कराएगी।
- प्रदेश सरकार स्कूल / कॉलेज में पढ़ रहे व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टेबलेट / लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
2. किन बच्चों को मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना का लाभ मिलेगा ?
मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना के योजना से लाभान्वित किये जाने वाले बच्चों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
- 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यु कोविड 19 के संक्रमण से महामारी के दौओरान हो या जिनके माता या पिता में से के की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पहले हो गयी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड 19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो या माता व् पिता दोनों की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पहले हो गयी थी तथा उसके वैध संरक्षण ( legal guardian ) की मृत्यु कोविड 19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो।
- 0 से 18 की उम्र तक के ऐसे बच्चे सभी बच्चे शामिल किया जायेगा जिन्होंने कोविड 19 के कारण अपने मयता पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता सहित परिवार की आय 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो।
- कोविड 19 से मृत्यु के साक्ष्य के लिए Antigen या RT -PCR की +ve Test Report Blood ता CTScan कोविड 19 इंफेक्शन होंना माना जा सकता है। कोविड 19 का patient कपितय परिस्थियों में negative आने के बाद Post Covid Complication में उसकी मृत्यु हो सकती है। वह मृत्यु भी Post Covid 19 की वजह से ही मणि जाएगी।
मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत बाल सेवा योजना लाभान्वित बच्चों के लिए अन्य शर्तों का भी उल्लेख किया गया है।
- लाभ्यर्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो।
- एक परिवार के सभी ( जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिए गए ) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
- 01 मार्च 2020 को या बाद उपरोक्त 02 श्रेणी में आने वाले बच्चों को ही योजना का लाभ दिया जा सकेगा।
मुख्य मंत्री बाल योजना के तहत बच्चों को मिलने वाले लाभ निम्न है :-
- उपरोक्त श्रेणियों के 01 से 10 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खातें में 4000 रु प्रतिमाह की धनराशि देय होगी। बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी म,मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बचे जो पूर्णयता अनाथ हो गए हो एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अंतर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गए हो , उनका कक्षा 6 से 12 तक शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गाँधी आवसीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा।
- 11 से 18 वर्षतक आयु के सभी बच्चों की कक्षा 12 तक की निशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गाँधी प्रवेश जरया जायेगा तथा विद्यलयों की 3 महीने की अवकाश हेतु बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह 4000 /- रूपये दर 12000 /- रूपये की धनराशि प्रतिवर्ष वैध संरक्षक जिसकी अभिरक्षामे बच्चा हो उसके बैंक खातें में हस्तांतरित की जाएगी तथा उक्त धनराशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्णहोने तक जो भी पहले हो देय होगी।
- यदि बच्चों के संरक्षक उपरोक्त आवसीय विद्यालयों में किसी कारण से प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हो तो बच्चों की देखरेख व् शिक्षा हेतु उनको 18 वर्ष की आयु होने अथवा कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक 4000 /- रूपये की धनराशि दी जाएगी बशर्ते बच्चे की औपचारिक शिक्षा हेतु अनिवार्य रूप किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।
- प्रदेश सरकार ऐसी सभी बालिकाओं की शादी हेतु 101000 /- धराशि उपलब्ध कराएगी।
- उपरोक्त शेरनी के अंतर्गत आने वाले कक्षा 9 ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के छात्रों के बच्चों को टेबलेट / लैपटॉप की सुविधा एक बार उपलब्ध कराएगी।
- उपरोक्त के अतिरिक्त बच्चे जिनके माता पिता की मृत्यु हो गयी हो उनके बालिग होने तक उनकी चल -अचल संपत्ति की सुरक्षा हेतु जिला मजिस्ट्रेट संरक्षक होंगे तथा संपत्ति से सम्बंधित कानूनी विवादों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक सहायता उपलब्ध करायेंगे।
- वैध संरक्षक का चिन्हांकन जनपद स्तरीय टास्क फाॅर्स द्वारा किया जायेगा तथा जनपद स्तरीय टास्क फाॅर्स ऐसे प्रकरणों का सतत अनुश्रवण भी करेगी।
- जिला बाल संरक्षण इकाई व् बाल कल्याण समिति द्वारा उपरोक्त बच्चों की शिक्षा ,पोषण , शारीरिक व् प्रत्येक स्वास्थ आदि के सम्बन्ध में निरंतर फ़ॉलोअप किया जायेगा तथा अपनी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रत्येक तिमाही पर जनपद सस्तरीय टास्क फाॅर्स के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
- जिला प्रोबेशन अधिकारी को जनपद की मांग के अनुसार बजट आवंटन किया जायेगा।
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