बैंक ग्राहकों के जमा धन की सुरक्षा के लिए क्या करता है ? DICGC - / निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम क्या है ?
नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम जानेगें की DICGC - / निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम क्या है ? इस पृथ्वी पर कोई भी चीज वो चाहे वस्तु हो या व्यक्ति का जीवन इसमें से कुछ भी निश्चित नहीं है , कब क्या हो जाये किसी को नहीं मालूम। लेकिन मनुष्य ने अपने इस निश्चिंता का उपाय भी ढूंढ निकाला है। मनुष्य अपने जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के लिए अब तैयार होने लगा है , उसका मुख्य कारण है कि व्यक्ति जागरूक हो रहे है। प्रत्येक व्यक्ति ये चाहता है कि उसके परिवार को कोई दिक्कत न आये खास कर आर्थिक तंगी न झेलनी पड़े।
जैसे मनुष्य अपने जीवन के लिए जीवन बीमा करवाता है , ताकि उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार वालों को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। बीमा की राशि के लिए क्लेम तभी मिलता है जब शर्तों का पालन हो।
अब बात आती बैंक की कि क्या बैंक किसी वित्तीय कारणों से विफल हो ने से अपने ग्राहक के जमा धन का भुगतान कर पाने में असमर्थ है ,तो क्या करेगा , इसके लिए बैंक के पास क्या बैकअप है। इसको लेकर आपके मन में कई सवाल ा रहे होंगे जैसे कि :-
1. बैंक ग्राहकों के जमा धन की सुरक्षा के लिए क्या करता है ?
2. DICGC क्या है ?
इन सवालों को विस्तार से जाने।
1. बैंक ग्राहक के जमा धन की सुरक्षा के लिए क्या करता है ?
बैंक में जमा बैंक ग्रहाकों के धन को एक सुरक्षा कवर देना बैंक की जिम्मेदारी और कर्तव्य है। इस जिम्मेदारी व् कर्तव्य का पालन करने के लिए बैंक जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा के लिए बैंक में जमा धन का बीमा DICGC से करवाती है। यदि बैंक किन्ही वित्तीय विफलताओं के कारण से या परिसमापन के कारण से बैंक में धन जमाकर्ताओं के धन का भुगतान नहीं कर पता है तो उस परिस्थिति में DICGC बैंक जमा धनराशि को होने वाले नुकसान के खिलाफ एक आर्थिक सुरक्षा कवर प्रदान करती है। साथ ही साथ प्रत्यय गारंटी भी कवर करती है जिसका आशय यह है कि प्रायः कर्ज लेनदार को उस परिस्थित में एक विशिष्ट उपाय प्रदान करती है जन लेनदार बैंक से लिए हुए अपने कर्ज को वापस नहीं कर पाता है।
सरल शब्दों में बैंक जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा के लिए बीमा करवाती है।
2. DICGC क्या है ?
Deposit Insurance and Guarantee Corporation जो की हिंदी में निक्षेप बीमा प्रत्यय गारंटी निगम है।जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम ,जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम अन्य नामो से भी जाना जाता है। डीआईसीजीसी के कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बनाये गए जमा बिमा और ऋण गारंटी निगम सामान्य विनियम 1961 के प्रावधानों के अधीन शासित होते है।
डीआईसीजीसी का मुख्य कार्य बैंको का बीमा करना है ताकि किसी बैंक के विफल होने की स्थिति में डीआईसीजीसी भारत में डे बैंक जमाराशियों को बीमा सुरक्षा प्रदान करती है।
3. डीआईसीजीसी द्वारा किन बैंकों का बीमा किया जाता है ?
डीआईसीजीसी द्वारा जिन बैंकों का बीमा किया जाता है , उन्हें मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया गया है :-
- वाणिज्य बैंक।
- सहकारी बैंक।
1. वाणिज्य बैंक।
भारत में कार्यरत सभी वाणिज्य बैंकों का बीमा डीआईसीजीसी द्वारा किया जाता है जो कि है :-
- विदेशी बैंकों की शाखाओं।
- स्थानीय क्षेत्र बैंक।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक।
- सभ वाणिज्य बैंक।
2. सहकारी बैंक।
भारत में राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों में कार्य कर रहे सभी राज्य, मध्यवर्ती और प्राथमिक सहकारी बैंक जिन्हें शहरी सहकारी बैंक भी कहा जाता है, इनसे सम्बंधित राज्य / संघ शासित क्षेत्र की सरकारों द्वारा रिज़र्व बैंक को यह अधिकार देने के लिए अपने सहकारी समिति अधिनियम को संशोधित किया गया है कि वह राज्यों। संघ शासित क्षेत्रों की समितियों के रजिस्ट्रार को आदेश दे सके कि किसी सहकारी बैंक का समापन कर दे अथवा इसके प्रबंध समिति को अधिक्रमित करे और रजिस्ट्रार से अपेक्षित है की वह रिज़र्व बैंक को लिखित पूर्व स्वीकृत के बिना किसी सहकारी बैंक के समापन , समामेलन या पुनिर्माण के लिए कोई कार्रवाई न करे।
जमा बीमा स्कीम के अंर्गत आते है।
- मेघायल,
- मिजोरम,
- नागालैंड राज्य,
- चंडीगढ़,
- लक्ष्यदीप,
- दादरा और नगर हवेली के संघ शासित क्षेत्रों के अलावा अन्य राज्यों / सहज शासित क्षेत्रों के सभी सहकारी बैंक डीआईसीजीसी द्वारा बीमित किये।
3.डीआईसीजीसी किन जमाराशियों का बीमा करता है ?
डीआईसीजीसी किसी बैंक के विफल होने की स्थिति में भारत में डे बैंक जमाराशियों की बीमा सुरक्षा पप्रदान करता है। डीआईसीजीसी निम्नलिखित जमाराशियों को बीमा प्रदान करता है :-
- बचत खाता।
- मियादी खाता।
- चालू आवर्ती आदि जैसे सभी बैंक जमाराशियों को बीमा प्रदान करता है।
4. डीआईसीजीसी किन जमाराशियों को बीमा प्रदान नहीं करता है ?
डीआईसीजीसी निम्नलिखित जमाराशियों को बीमा प्रदान नहीं करता है :-
- विदेशी सरकारों की जमाराशियां।
- केंद्र / राज्य सरकारों की जमाराशियां।
- अंतर् बैंक जमाराशियां।
- राज्य सहकारी बैंक में राखी गयी राज्य भूमि विकास बैंक की जमाराशियां।
- भारत के बाहर प्राप्त जमाराशि के कारण देय कोई राशि।
- रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से निगम द्वारा विशेष रूप से छूट प्राप्त कोई राशि।
5. डीआईसीजीसी द्वारा अधिकतम कितनी जमाराशि का बीमा किया जा सकता है ?
डीआईसीजीसी किसी बैंक के लाइसेंस रद्द करने या परिसमापन की तिथि तक अथवा समामेलन / विलय / पुर्निर्माण स्कीम लागु होने की तिथि तक प्रत्येक जमाकर्ता को किसी बैंक में समान अधिकार एवं क्षमता ममें रखे गए मूल धन और ब्याज दोनों के लिए अधिकतम 5 ,00 ,0000 रूपये तक बीमा प्रदान किया जाता है।
उदाहरण :-
बचत खाता - 4,20,000
चालू खाता - 22,200
मियादी जमा खाता - 90,000
कुल जमा राशि - 5,32,200
इसमें से केवल बीमित राशि 5,00,000
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