www.lawyerguruji.com
नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम रियल स्टेट विनियम और विकास अधिनियम 2016 के उद्देश्य और लाभ के बारे में जानेंगे। क्योकि जो कोई भी व्यक्ति अपने सपनो का घर खरीदता है ,तो इसके पीछे उस खरीदार के कई अरमान होते है। वह उस घर के सम्बन्ध में कई बातों को सोचता है।
ऐसे में रियल स्टेट या बिल्डर द्वारा फ्लैट या माकन, विला अन्य निवास की स्थापना करके ऐसे अचल सम्पति की बिक्री हेतु किये गए विज्ञापन पर आकर्षित होकर ऐसी अचल संपत्ति के इच्छुक खरीदार ग्राहक के हितों को सुरक्षित करने के लिए रियल स्टेट विनियम और विकास अधिनियम 2016 पारित किया गया।
इस अधिनियम में रियल स्टेट, बिल्डर और भवन खरीदारों के सम्बन्ध में कई प्रावधान किये गए है। जो इस उद्योग नियंत्रित कर सके और अच्छे निवेश को बढ़ावा दे और भवन ग्राहकों के हितों को संरक्षित करे।
रियल स्टेट विनियम और विकास अधिनियम 2016 के तहत ग्राहकों के अधिकारों के बारे में विस्तार से जाने।
रियल स्टेट (विनियम और विकास ) अधिनियम 2016 की उद्देश्य क्या है ?
रियल स्टेट विनियम और विकास अधिनियम 2016 रियल स्टेट क्षेत्र विनियमित करना और मकान खरीदारों की समस्याओं का समाधान करना है जैसे कि -
- इस अधिनियम का विस्तार आवासीय और वाणिज्यिक अचल संपत्ति तक है।
- मकान खरीदारों और विक्रेताओं के मध्य संपत्ति से सम्बंधित सही व् स्पष्ट जानकारी का प्रसार करना है।
- संपत्ति आवंटियों के हितों का संरक्षण और उनकी संपत्ति के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को सुनिश्चित करना है।
- संपत्ति के सम्बन्ध में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और धोखाधड़ी जैसे मामलों को रोकथाम व् घटाना है।
- मकान, अपार्टमेंट , फ्लैट्स या अन्य सम्पत्तियों के सम्बन्ध में बिल्डरों और निवेशकों दोनों पर अधिक से अधिक जिम्मेदारियां डालना है।
- रियल स्टेट सेक्टर की विश्वसनीयता को समाज में बढ़ाने के साथ साथ इस तरह निवेशकों के मध्य विश्वास को बढ़ावा देना है।
- सम्पूर्ण भारत वर्ष में रियल स्टेट सेक्टर के मानकीकरण को लागु करना और रियल स्टेट व्यावसायिकता करना है।
- विक्रेता और संपत्ति के खरीदारों के मध्य न्यायसंगत और सही लेन देन को तय करना है।
- 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक या 8 आपर्टमेंट और उससे अधिक रियल स्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण नियामक प्राधिकरण के साथ होना अनिवार्य है।
- रियल स्टेट एजेंटों का पंजीकरण नियामक प्राधिकरण के साथ होना अनिवार्य है जो किसी प्लाट , आपर्टमेंट या भवन को बेचने का इरादा रखते है।
- प्रोमोटर को परियोजना से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण विषयों और तथ्यों की जानकारी खरीदार के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। जैसे कि :-
- योजना का लेआउट , विकास कार्यों की योजना , भूमि की स्थिति।
- वैधानिक अनुमोदन की स्थिति , पार्किंग की संख्या , परियोजना के लिए समयावधि।
- खरीदारों के साथ किये जाने वाले एग्रीमेंट का प्रोफोर्मा।
- एजेंटों , ठेकेदारों , वास्तुकारों , इंजीनियर आदि के नाम व् पता।
- प्रोमोटर अपने रियल स्टेट परियोजना का विक्रय विज्ञापन परियोजना का रियल स्टेट विनियामक प्राधिकरण में पंजीकृत होने के बाद करेंगे।
2. रियल स्टेट विनियम और विकास अधिनियम 2016 का संपत्ति खरीदारों को क्या लाभ है ?
- संपत्ति से सम्बंधित स्पष्ट व् महत्वपूर्व जानकारी प्रकट होना , जो की सुसंगत और विश्वनीय है।
- परियोजना का लेआउट से सम्बंधित जानकारी प्राप्त होना।
- विकास कार्य की प्रगति की स्थिति से सम्बंधित जानकारी समय -समय पर प्राप्त होना।
- परियोजना कार्य की अवधि का मालूम चलना कि कितने समय के भीतर विकास कार्य सम्पूर्ण होगा।
- मकान , अपार्टमेंट , फ्लैट या अन्य परियोजना से सम्बंधित खरीदारों के साथ किये जाने वाले एग्रीमेंट।
- एजेंट्स , ठेकेदार , वास्तुकार , इंजीनियर आदि के नाम व् पता।
- परियोजना से सम्बंधित विज्ञानपन या प्रॉस्पेक्टस की प्रमाणिकता के सम्बन्ध में प्रमोटर एजेंट का दायित्व।
- परियोजना से सम्बंधित संरचनात्मक दोषों को सुधारने का प्रोमोटर एजेंट्स का दायित्व।
- परियोजना के सम्बन्ध हुई डिफ़ॉल्ट मामलों में रकम वापसी का कानून।
- परियोजना से सम्बंधित विवादों का शीघ्र निपटारे हेतु फ़ास्ट ट्रैक प्रणाली की व्यवस्था।
- आवंटियों को अधिभोग प्रमाण पत्र और पूर्णता प्रमाण पत्र परियोजना विकास कार्य पूर्ण होने पर समय से प्राप्त होगा।
No comments:
lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।
नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।