नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख हम जानेंगे भारत में स्थापित चर्चित प्रतिमा ( स्टेच्यू ) सरदार वल्ल्भभाई पटेल के बारें में । सिविल सेवा या न्यायिक सेवा या अन्य प्रतियोगी परीक्षा में सामान्य ज्ञान से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है।
भारत में स्थापित चर्चित प्रतिमा (स्टेच्यू) सरदार वल्ल्भभाई पटेल ।
स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी 182 मीटर ऊँची प्रतिमा सरदार भल्लभ भाई पटेल गुजरात।
- सरदार वल्ल्भभाई पटेल जिन्हे लोह पुरुष कहा जाता है जिनकी विश्व ऊँची प्रतिमा जिसकी ऊंचाई 182 मीटर जो कि फुट में 597 फुट है।
- भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्ल्भभाई पटेल जी को समर्पित एक स्मारक है।
- यह स्मारक भारतीय राज्य गुजरात में स्थापित है।
- इस परियोजना की घोषणा गुजरात सरकार द्वारा 7 अक्टूबर 2010 को की गयी।
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 31 अक्टूबर 2013 को इस विशालकाय सरदार वल्ल्भभाई पटेल जी की मूर्ति का शिलान्यास इनके जन्म दिन के मौके पर किया था।
- सरदार वल्ल्भभाई पटेल स्मारक सरोवर बांध से 3. 2 किलोमीटर नर्मदा नदी के किनारे पर साधु बेट नमक स्थान पर जो की एक टापू है। गुजरात के भरूच नर्मदा जिले में स्थिति है।
- इस प्रतिमा के निर्माण में भारत सरकार द्वारा लगभग 3000 हजार करोड़ यानी 438 मिलियन डॉलर की लगत राखी गयी थी।
- मूर्ति का निर्माण कार्य मध्य अक्टूबर 2018 को सम्पूर्ण हो गया ।
- सरदार वल्ल्भभाई पटेल जी की मूर्ति का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 इनके जन्मदिन के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद मोदी ने किया।
निर्माण कार्य में भूमिका
- सरदार वल्ल्भभाई पटेल जी की मूर्ति के निर्माण के लिए लोहे की आवश्यकता पड़ी ,इन्हे लोह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। जिसके लिए पुरे भारत वर्ष के गावों में निवास करने वाले किसानों से उनके खेती के काम में आने वाले पुराने व् बेकार औजारों को जो कि उपयोग हेतु न हो, उनसे प्राप्त किये गए।
- सरदार वल्ल्भभाई पटेल राष्ट्रीय एकता नाम के इस ट्रस्ट ने मूर्ति निर्माण कार्य हेतु सम्पूर्ण भारत वर्ष में कुल 36 कार्यायल की स्थापना की।
- इन 36 कार्यालयों ने 5 लाख किसानों से लोहा एकत्रित करना का लक्ष्य रखा लेकिन तीन महीने के इस इस लोह एकत्रित अभियान ने लगभग 6 लाख किसानों से लोहा एकत्रित किया। यह लोहा सभी किसानों ने बिना आर्थिक लालच के दान के रूप में देकर सहयोग किया।
- इस अभियान में देश के किसानों से लगभग 5000 मीट्रिक टन लोहा एकत्रित कर संग्रह किया गया।
- प्रारंभ में घोषणा हुई थी की इस एकत्रित लोहे का उपयोग मूर्ति निर्माण में होगा परंतु लेकिन बाद में इस एकत्रित लोहे का उपयोग मूर्ति के सिवाए अन्य निर्माण कार्यों में हुआ।
क्या है सुराज प्रार्थना पत्र।
सरदार वल्ल्भभाई पटेल मूर्ति निर्माण अभियान से सुराज प्रार्थना पत्र बना। इस प्रार्थना पत्र का मुख्य उद्देश्य बेहतर शासन के लिए जनता से उनकी राय जानना था। इस सुराज प्रार्थना पत्र पर 2 करोड़ लोगों ने अपने हस्ताक्षर किये। 2 करोड़ जनता के हस्ताक्षर होने के कारण से यह प्रार्थना पत्र विश्व का सबसे बड़ा हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र बना।
रन फॉर यूनिटी
सुराज प्रार्थना पत्र अभियान के बाद बाद 15 दिसंबर 2013 को रन फॉर यूनिटी नाम से मैराथन का भी पुरे भारत वर्ष में आयोजन हुआ। इस मैराथन में भारत वर्ष में बड़ी संख्या में लोगो ने भाग लिया।
सरदार वल्ल्भभाई पटेल स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी के निर्माण में लगने वाली समग्री।
- इस्पात।
- कंक्रीट।
- कांस्य।
सरदार बल्ल्भभाई पटेल मूर्ति की विशेषताएँ।
- सरदार वल्ल्भभाई पटेल की मूर्ति में कांस्य का लेपन है।
- मूर्ति का निर्माण तीन स्तर पर हुआ है। पहला प्रदर्शनी फ्लोर , दूसरा छज्जा व् तीसरा छत शामिल है।
- मूर्ति के इन तीन स्तरों पर पहुंचने के लिए लिफ्ट लगी है।
- मूर्ति के निरक्षर यानी देखने के लिए नर्मदा नदी के तट पर 500 फिट ऊँचा आब्जर्वर डेक का निर्माण किया गया , लगभग एक समय 200 लोग मूर्ति को देखने के लिए रह सकते है।
- नर्मदा नदी में नाव के जरिये 5 मिनट तक मूर्ति को देखा जा सकता है।
- एक आधुनिक सार्वजानिक प्लाजा का निर्माण किया गया ताकि जनता नर्मदा नदी व् स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी को देखने का आनंद उठायें।
- इस प्लाजा में खाद्य व् पेय पदार्थ सामग्री के लिए स्टाल, व् उपहार की दुकाने , रिटेल व् अन्य सुविधाएँ उपलब्ध है।
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