नमस्कार मित्रों,
आज का यह लेख खासकर महिलाओं के लिए है , क्योकि आज के इस लेख में हम राष्ट्रीय महिला आयोग के बारे में जानेंगे। राष्ट्रीय महिला आयोग नाम सुनकर आप सभी के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे और इन सवालों के जवाब जानने के इच्छुक भी होंगे। ये सवाल हो सकते है जैसे कि :-
- राष्ट्रीय महिला आयोग क्या है ?
- राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन कैसे होता है ?
- राष्ट्रीय महिला आयोग का काम क्या है ?
- राष्ट्रीय महिला आयोग को किस प्रकार की शिकायत सुनने का अधिकार है ?
इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानें।
1. राष्ट्रीय महिला आयोग क्या है ?
राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 के अधीन किया गया, ताकि महिलओं के साथ होने वाले अत्याचारों पर रोकथाम लग सके व् होने वाले अत्याचारों का निवारण किया जा सके। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य देश यह है कि :
- राष्ट्रीय महिला आयोग शिकायत पंजीकरण व् निगरानी प्रणाली का गठन करना,
- महिलओं के साथ होने वाले अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करना,
- महिलाओं के मान - सम्मान के लिए आवाज उठाना,
- महिलाओं के उनके हक़ के लिए आवाज उठाना व् उनके हक़ दिलवाना,
- पीड़ित महिला की शिकायत पर उसको न्याय दिलवाना ,
- देश में कही भी महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ स्वयं कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
2. राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन कैसे होता है ?
राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 की धारा 3 के अधीन राष्ट्रीय महिला आयोग के गठन के सम्बन्ध में प्रावधान किया गया है। जहाँ पर केंद्रीय सरकार राष्ट्रीय महिला आयोग के नाम से जाने वाली एक निकाय (body) का गठन करेगी, जो कि अधिनियम के अधीन प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करेगी व् कार्यो का पालन करेगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग का घटन कुछ इस प्रकार से होगा जो कि :-
- एक अध्यक्ष जो महिलओं के हित के लिए समर्पित होगा, जो कि केंद्रीय सरकार द्वारा नामित किया जायेगा।
- पांच सदस्य शामिल होंगे जो कि योग्य, सत्यनिष्ठ और प्रतिनिष्ठित व्यक्तियों में से केंद्रीय सरकार द्वारा नामित किये जायेंगे।
- इन पांच सस्दयों को विधि- विधान, व्यवसाय संघ आंदोलन, महिलओं की नियोजन सम्भाव्यताओं की वृद्धि के लिए समर्पित उद्योग संगठन के प्रबंध, स्वैच्छिक महिला संगठन जिसके अंतर्गत महिला कार्यकर्त्ता भी है, प्रशासन , आर्थिक विकास, स्वास्थ्य , शिक्षा या सामाजिक कल्याण का अनुभव है।
- इन पांच सस्दयों में कम से कम एक सस्दय अनुसूचित जाति -अनुसूचित जनजाति का भी होगा।
- एक सस्दय सचिव होगा जो कि केंद्रीय सरकार द्वारा नामित किया जायेगा।
- यह सचिव सस्दय ऐसा होगा जो प्रबंध, संगठनात्मक संरचना या समाजिक आंदोलन के क्षेत्र में विशेषज्ञ है,
- ऐसा अधिकारी हैम जो संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का सस्दय है अथवा संघ के अधीन कोई सिविल पर धारण करता है और जिसके पास समुचित अनुभव है।
3. राष्ट्रीय महिला आयोग का कार्य क्या है ?
- राष्ट्रीय महिला आयोग का कार्य महिलाओं के लिए संवीैधनिक और विधायी सुरक्षोपायों की समीक्षा करना है।
- उपचारी विधायी उपायों की सिफारिश करना।
- पीड़ित महिलाओं की शिकायत को सुनना और शिकायत के निवारण को आसानी से सुलझाना।
- महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।
- महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।
4. राष्ट्रीय महिला आयोग को किस प्रकार की शिकायत सुनने का अधिकार है ?
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शिकायत सुनने का क्षेत्राधिकार निम्न है :-
- महिलाओं के साथ हिंसा।
- महिलओं के साथ घरेलु हिंसा।
- महिलओं के साथ क्रूरता।
- महिलओं के साथ उत्पीड़न।
- महिला / पुरुष के साथ भेदभाव।
- ऐसिड से हमला।
- बलात्संग / रेप करने की कोसिस।
- बलात्संग / रेप /
- यौन उत्पीड़न।
- स्त्री अशिष्ट निरूपण।
- दहेज़ हत्या / दहेज़ उत्पीड़न।
- महिलओं का शील भंग।
- द्विविवाह /बहुविवाह।
- विवाह वरणाधिकार।
- लिंग का चयन करना। गर्भपात। कन्या भूर्ण हत्या।
- महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न।
- महिलओं का अवैध देह व्यापर / वैश्यावृत्ति।
- महिलओं का लुक छिप कर पीछा करना।
- महिलओं के लिए निशुल्क कानूनी व्यवस्था।
- तलाक के मामले में बच्चों की अभिरक्षा का अधिकार।
- महिलओं की निजता से सम्बंधित अधिकार।
- महिलओं के साथ साइबर अपराध।
- महिलओं के विरुद्ध पुलिस की उदासीनता।
- महिलओं का प्रजनन स्वस्थ अधिकार।
- महिला अधिकारों के लिए अपमानजनक सती प्रथा , देवदासी प्रथा और डायन के शिकार जैसी परंपरागत प्रथाएं।
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