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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में जानेंगे कि "शिनाख्त परेड क्या होती है ? जिसे टेस्ट आइडेंटिफिकेशन ऑफ़ पर्सन (test identification of person - TIP ) के नाम से भी जाना जाता है।
अपराधों को इनकी गंभीरता व् प्रकृति के आधार पर विभाजित किया गया है। संज्ञेय अपराध व् असंज्ञेय अपराध, जमानतीय अपराध व् गैर-जमानतीय अपराध और समझौते योग्य अपराध व् असमझौते योग्य अपराध। अपराध जैसा भी हो उसके कथित होने की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी द्वारा उस कथित अपराध की जाँच की जाती है , और अंतिम रिपोर्ट लगाई जाती है , ताकि दोषी को उसके द्वारा किये गए अपराध के अनुसार न्यायालय द्वारा दण्डित किया जा सके।
कभी -कभी पुलिस अधिकारी अभियुक्त के दोष सिद्ध के लिए शिनाख्त परेड का सहारा लेते है, जहाँ पर अपराध करने वाले अभियुक्त (व्यक्ति) की पहचान गवाहों द्वारा उसे देखे जाने से की जा सकती है।
शिनाख्त परेड को लेकर आपके मन में कई प्रकार के सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि ;-
- शिनाख्त परेड क्या होती है ?
- शिनाख्त परेड कैसे होती है ?
- शिनाख्त परेड का प्रवधान किस अधिनियम में किया गया है ?
आपके इन्ही सवालों को विस्तार से समझे -
1. शिनाख्त परेड क्या होती है ?
शिनाख्त का अर्थ है पहचान करना और परेड का अर्थ है व्यक्ति का पंक्तियों में खड़ा होना। शिनाख्त परेड का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति भारतीय दंड संहिता या अन्य विधि में वर्णित अपराध कारित करने के बाद , पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसी अपराधी को गिरफ्तार किया जाता है, तो अन्वेषण के दौरान ऐसे अपराधी द्वारा कारित किये गए अपराध को साबित करने के लिए साक्ष्य एकत्रित करने के लिए, अभियुक्त की पहचान सुनिश्चित हो सके, उसके लिए पीड़ित / पीड़िता से अपराध कारित करने वाले व्यक्ति की पहचान कराइ जाती है , कि क्या ये वही व्यक्ति है जिसने कथित / कारित अपराध किया है। कई व्यक्तियों के की पंक्तियों के मध्य खड़े अभियुक्त की पहचान पीड़ित / पीड़िता द्वारा की जाने वाली इस प्रक्रिया को शिनाख्त परेड कहा जायेगा।
2. शिनाख्त परेड कैसे होती है ?
शिनाख्त परेड जिसे गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त भी कहा जाता है। शिनाख्त परेड में अभियुक्त व्यक्ति को उसी की कद काठी शारीरिक ढाल से मिलान करते हुए कई व्यक्तियों के मध्य खड़ा कर दिया जाता है ,और पीड़ित / पीड़िता को उन व्यक्तियों के मध्य खड़े अपराध कारित करने वाले अभियुक्त की पहचान करवाई जाती है। पीड़ित / पीड़िता के द्वारा अभियुक्त की पहचान की जाती है।
3. शिनाख्त परेड का प्रावधान किस अधिनियम में दिया गया है ?
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 54 क गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त किये जाने की प्रक्रिया का प्रावधान करती है। जब कोई व्यक्ति अपराध कारित करने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है , कि उसने कोई अपराध किया है और किसी अधिकारिता रखने वाले न्यायालय द्वारा उसका शिनाख्त परीक्षण किसी साक्षी द्वारा आवश्यक समझता जाता है, तो ऐसे न्यायालय के निर्देश के अधीन गिरफ्तार व्यक्ति का शिनाख्त परीक्षण करना कार्यपालक मजिस्ट्रेट के लिए विधिपूर्ण होगा।
नोट :- उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या १ वर्ष 1984 धारा 8 दिनांक 1 -5 -1984 से प्रभावी।
4. शिनाख्त परेड क़ी प्रक्रिया किस अधिनियम में दो गयी है ?
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 54 क में गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त के सम्बन्ध में प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। जहाँ कोई व्यक्ति कोई अपराध करने के आरोप में गिऱफ्तार किया जाता है और किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियो द्वारा उसकी शिनाख्त ऐसे अपराध क अनवेषण के लिए आवाश्यक समझी जटी है तों वह न्यायालय जिसके अधिकारिता है , यानी जिसके क्षेत्राधिकार के भीतर अपऱाध किया गया हैँ, , पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के निवेदन पर गिरफ्तार किये गए व्यक्त्ति को ऐसी रीती से जो न्यायालय ठीक समझता है , किसी अन्य व्यक्ति या किन्ही अन्य व्यक्तियों से शिनाख्त कराने का आदेश दे सकेगा।
5. शिनाख्त करने वाला व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से निर्योग है तो ?
यदि गिरफ्तार कियें गए व्यक्ति की शिनाख्त करने वाला व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से निर्योग है तो शिनाख्त की ऐसि प्राक्रिया नययिक मजिस्ट्रट के पर्वेयनणाधींन होग़ी। जो यह सुनिश्चित करने के लिए समुचित कदम उठाएगा की ऐसा व्यक्ति गिरफ्तार किये गए व्यक्ति क़ी शिनाख्त उन ढंगों का प्रयोग़ करके करता है , जो ओस व्यक्त्ति क लिए सुविधापूण है।
यदि गिरफ़तार किये गए व्यक्ति क़ी शिनाख्त करने वाला व्यक्त्ति मासिक या शारीरिक रूप से निर्योग हैँ , तो शिनाख्त किये जाने की प्रक्रिया की प्रक्रिया की वीडियों फिल्म तैयार की जाएगी।
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