नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम बात करने जा रहे है , साइबर सुरक्षा युक्ति के बारे में , जिसमे हम आप जानेंगे कि " फिशिंग ईमेल क्या है और इस फिशिंग ईमेल के शिकार होने से कैसे बचे ?
आज के इस आधुनिक युग में जो कि इंटरनेट, स्मार्टफ़ोन, इलेक्टॉनिक संसाधनों से भरा है , यहाँ अधिकतम कार्य अब ऑनलाइन यानी इंटरनेट के माध्यम से हो रहे है। उदाहरण के तौर पर जैसे कि :-
- विद्यालय में प्रवेश के दौरान फीस का भुगतान व् शिक्षण के दौरान शिक्षण फीस का ऑनलाइन भुगतान,
- ऑनलाइन एक बैंक से दूसरे बैंक में रूपये का लेन देन,
- ऑनलाइन खाने का आर्डर,
- ऑनलाइन कपड़ो की खरीदारी,
- ऑनलाइन टिकट यात्रा के लिए,
- ईमेल जो कि दूरसंचार का माध्यम बना है,
- अन्य कार्य जो कि ऑनलाइन सम्भव है।
पर इस ऑनलाइन इंटरनेट के युग में जब सभी कार्य ऑनलाइन हो रहे है तो इस ऑनलाइन सभी ऑनलाइन सुविधा के उपयोगकर्ता को सजग रहना भी आवश्यक है। क्योकि इस ऑनलाइन के युग में जहाँ हमे विभन्न प्रकार की घर बैठे सुविधा प्राप्त हो रही है, वही साइबर अपराधी भी अपना काम बड़ी ही चालाकी से कर लोगो कोअपना शिकार बनाकर ठग रहे है। इन साइबर अपराधियों का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन प्रणाली से अनभिज्ञ लोगो को शिकार बनाकर इनको आर्थिक रूप से ठगना है।
आज हम जानेंगे कि ये,
कैसे साइबर अपराधी ईमेल के जरिये लोगो अपना शिकार बनाकर ठगते है ?
देश में लगभग प्रतिशत लोग ईमेल का उपयोग अपनी उपयोगता के अनुसार कर रहे है। जैसे कि :-
- विद्यालय में प्रवेश के दौरान ईमेल का माँगा जाना ताकि विद्यालय से जारी कोई भी आवश्यक नोटिफिकेशन विद्यार्थियों तक पहुंचे,
- ऑनलाइन खरीदारी के दौरान ईमेल का उपयोग,
- नौकरी के लिए आवेदन के दौरान ईमेल का उपयोग,
- अन्य कार्य जहाँ ईमेल का उपयोग होता है।
ये साइबर अपराधी ईमेल का एड्रेस किसी न किसी तरीके से कहीं न कहीं से निकाल लेते है और फिशिंग ईमेल के जरिये लोगो को अपना शिकार बनाकर ठगते है।
क्या है फिशिंग ईमेल ?
फिशिंग ईमेल जिसमे दो शब्द है , फिशिंग जिसका अर्थ जालसाजी और ईमेल जिसका अर्थ इलेक्ट्रॉनिक पत्र इसका उपयोग अधिकतर औपचारिक संदेशों को भेजने में किया जाता है। परन्तु जब साइबर अपराधियों द्वारा ईमेल का दुरूपयोग जालसाजी के रूप में किया जाता है, तो इसे फिशिंग ईमेल कहाँ जायेगा।
फिशिंग ईमेल जिसका साधारण सा अर्थ ऐसा जाली, नकली, धोखाधड़ी वाला ईमेल जो कि ईमेल उपयोगकर्ताओं के ईमेल इनबॉक्स में भेज कर गोपनीय , संवेदनशील जानकारियों को एकत्रित कर आर्थिक क्षति पहुँचाना। ये गोपनीय व् संवेदनशील जानकारियां निम्न हो सकती है जैसे कि :-
- डेबिट व् क्रेडिट कार्ड का नंबर, पिन व् अन्य गोपनीय जानकारी,
- बैंक अकाउंट से सम्बंधित अकाउंट नंबर व् अन्य गोपनीय जानकारी,
- नेट बैंकिंग से सम्बंधित यूजर आईडी व् पासवर्ड व् अन्य गोपनीय जानकारी।
फिशिंग ईमेल क्या होती है ?
फिशिंग ईमेल वह ईमेल होती है , जो कि अनचाहे श्रोतों से व् अनजान व्यक्ति से या जालसाजों द्वारा भेजी जाती है , इनकी पहचान का तरीका निम्न प्रकार से है :- ऐसे फिशिंग ईमेल जो कि :-
- ऐसा ईमेल जिसमे लाटरी का लालच शामिल है,
- ऐसा ईमेल जिसमे जिसमे अनचाहे लिंक शामिल है,
- ऐसा ईमेल जिसमे झूठी नौकरी देने का दावा शामिल है,
- ऐसा ईमेल जिमसे जाली वेबसाइट का यूआरएल शामिल है,
- ऐसा ईमेल जिसमे झूठा लकी ड्रा में आपका नाम शामिल है ,
- अनजान व्यक्ति से प्राप्त ईमेल जिसमे कोई अनजान लिंक शामिल है ,
- अन्य ऐसे झूठे, लुभावने व् जाली ईमेल जिनसे प्राप्तकर्ता अनजान है।
फिशिंग ईमेल के शिकार होने से बचा कैसे जाये ?
फिशिंग ईमेल यानी जालसाजी ईमेल इनसे बचने का मुख्य उपाय निम्न प्रकार से है :-
- अनचाहे प्राप्त होने वाले ईमेल को खोले न,
- यदि अनचाहे ईमेल को खोल भी लेते है , तो ऐसे ईमेल पर किसी भी प्रकार का कोई जवाब न दे ,
- अनचाहे ईमेल पर प्राप्त किसी भी प्रकार की लिंक पर क्लिक न करे,
- अनचाहे ईमेल पर बैंक से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई जानकारी शेयर न करे जैसे कि बैंक अकाउंट नंबर , डेबिट व् क्रेडिट कार्ड नंबर पिन व् नेट बैंकिंग यूजर नेम पासवर्ड और OTP शेयर न करे ,
- स्वयं जागरूक बने।
No comments:
lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।
नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।