नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि " डॉक्टर और स्टाफ के साथ चिकित्सा परिसर में मारपीट, हंगामा औरचिकित्सा संस्था की संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने में सजा क्या होगी ?
अक्सर सरकारी व् निजी चिकित्सालय सेवा संस्था परिसर में मरीज की मृत्यु हो जाने से या अन्य कारणों से , उसके परिवार जनो द्वारा किन्ही कारणों से डॉक्टर स्टाफ के प्रति आक्रोश बढ़ जाता है। जिसका परिणाम चिकित्सा परिसर में हंगामा व् डॉक्टरों और स्टाफ के साथ मरीज के परिवारजन मारपीट, गाली-गलौज करने लग जाते है। कभी कभी यह आक्रोश इतना भयानक रूप ले लेता है कि चिकित्सा परिसर में मरीज के परिवारजन तोड़ - फोड़ करने लग जाते है।
इस हंगामे , मारपीट और तोड़फोड़ के कारण डॉक्टर्स और स्टाफ को गंभीर चोटे आ सकती है, और चिकित्सा परिसर में मौजूद बहुमूल्य चिकित्सा उपकरण की क्षति होती है।
उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवा संस्था में लगे डॉक्टर, स्टाफ व् कर्मचारियों की सुरक्षा को दृष्टि में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा सुरक्षा अधिनियम पारित किया जिसका नाम " उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और संपत्ति की क्षति का निवारण ) अधिनियम 2013 " है।
उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा सस्न्था (हिंसा और संपत्ति निवारण ) अधिनियम 2013, जो कि डॉक्टर, स्टाफ और सेवा परिचर्या कर्मचारियों को हिंसा और संपत्ति की क्षति होने से सुरक्षा प्रदान करती है। इस अधिनियम में हिंसा करने वालो के विरुद्ध और संपत्ति को क्षति पहुँचाने वालो के खिलाफ दाण्डिक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान किया गया है। जो की अधिनियम की निम्न धाराओं में परिभाषित किया गया है।
1. अधिनियम धारा 3 - चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी के विरुद्ध हिंसा और संपत्ति की क्षति पर सजा।
2. अधिनियम की धारा 4 - दंडनीय अपराध संज्ञेय व् गैरजमानतीय है।
3. अधिनियम की धारा 5 - संपत्ति को पहुँचाई गयी क्षति की वसूली।
चलिए इनको विस्तार से समझे।
1.चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी के विरुद्ध हिंसा और सम्पति की क्षति पर सजा क्या होगी।
1. उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था हिंसा और संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी के विरुद्ध हिंसा और संपत्ति की क्षति के सम्बन्ध में दंड का प्रावधान करती है।
अधिनियम की धारा 3 के तहत कोई भी जो :-
1.धारा 3 उपखण्ड क के तहत किसी चिकित्सा परिचर्या सेवा में लगे व्यक्ति यानी ऐसे व्यक्ति जो कि शिशु जन्म से सम्बंधित प्रसवपूर्व और प्रसव के बाद या उससे सम्बंधित कोई भी बात की देखभाल में लगा है या किसी बीमारी , चोट या अंग शैथिल्य चाहे शारीरिक या मानसिक से ग्रस्त व्यक्तियों को किसी भी रूप में परिचर्या एवं देखभाल को शामिल करते हुए चिकित्सीय उपचार और देखभाल उपलब्ध करने के कार्य में लगे कर्मी के खिलाफ हिंसात्मक कार्य करता है जैसे कि परिचर्या कर्मी को कोई हानि पहुँचाता है, क्षति पहुँचाने या उसके जीवन के प्रति संकट उत्पन्न करने या उसको धमकी, अवरोध या बाधा पहुँचाने वाला कार्य करता है , तो ऐसे अपराध के लिए कारावास से दण्डित किया जायेगा जो कि 3 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो 50,000 रु तक हो सकेगी या दोनों से दण्डित किया जा सकेगा।
2. धारा 3 उपखण्ड ख के तहत किसी चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान की संपत्ति यानी सभी चल -अचल संपत्ति, चिकित्सा उपस्कर या चिकित्सा यंत्र सामग्री जो किसी सेवा कर्मी या चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान के नियंत्रण में है, ऐसी चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान की संपत्ति को क्षति पहुँचाएगा, ऐसे अपराध के लिए कारावास से दण्डित किया जायेगा जो कि 3 वर्ष तक कारावास की सजा हो सकेगी या जुर्माने से जो 50, 000 रु तक हो सकेगी या दोनों से दण्डित किया जा सकेगा।
2.चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी के विरुद्ध हिंसा और संपत्ति की क्षति का अपराध किस श्रेणी में आएगा ?
2. उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था हिंसा और संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 4 के तहत जो कोई चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी के साथ हिंसात्मक कार्य करेगा याचिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान की चल -अचल सम्पति को क्षति पहुँचाएगा , तो ऐसी अपराध दंडनीय होगा , जो की संज्ञेय अपराध व् गैरजमानतीय अपराध होगा।
3. संपत्ति में हुई क्षति की वसूली कैसे होगी ?
3. उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था हिंसा और संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 5 के तहत चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान की संपत्ति की क्षति की वसूली का प्रावधान किया गया है जो कि :-
1. धारा 5 उपधारा 1 के तहत धारा 3 के अधीन चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी के साथ हिंसा या चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान की सम्पति क्षति कारित करने के अपराध के सम्बन्ध में उपबंधित दंड 3 वर्ष की कारावास या 50, 000 रु जुर्माना के अतिरिक्त न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते समय यह आदेश दिया जायेगा कि आरोपित व्यक्ति क्षतिग्रस्त चिकित्सीय उपस्कर के क्रय मूल्य की धनराशि और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था की संपत्ति को हुई हानि के दोगुने की राशि के जुर्माने के लिए दायी होगा।
2. चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान संपत्ति की क्षति कारित करने वाले व्यक्ति द्वारा धारा 5 उपधारा 1 के अधीन न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अधीन क्षतिपूर्ति की धनराशि का संदाय नहीं किया जाता है ,तो उक्त जुर्माने की धनराशि की वसूली उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1950 की बकाया के रूप में की जाएगी।
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Useful and well written article..
ReplyDeleteThanks for sharing!