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सिविल वाद में वाद दायर करते समय या दौरान वाद से सम्बंधित दस्तावेज दाखिल करने की प्रक्रिया है ?

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नमस्कार मित्रों,

आज के इस लेख हम जानेंगे कि सिविल वाद में वाद दायर करते समय या दौरान वाद से सम्बंधित दस्तावेज दाखिल करने की प्रक्रिया है ?

सिविल वाद में वादी द्वारा वाद दायर करते समय अपने वाद पत्र में लिखित तथ्यों को मजबूत व अपने अधिकार को साबित करने के लिए विवादित विषय के सम्बन्ध में वैध दस्तावेजों की मूल या प्रमाणित प्रति दाखिल की जाती है। इन दस्तावेजों का महत्व वाद के अंतिम निर्णय तक होता है। 

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अब सवाल यह है कि  :-

जरिये फेहरिस्त  दस्तावेज  कब - कब दाखिल किये जाते है ?

1.वादी द्वारा वाद दायर करते समय सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के आदेश 7 नियम 14 के तहत उन दस्तावेजों का प्रस्तुत किया जाना जिन पर वादी वाद लाता है या निर्भर करता है। 

2.प्रतिवादी द्वारा जवाब दावा दाखिल करते समय सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के आदेश 8 नियम 1 क के तहत प्रतिवादी को उन दस्तावेजों को पेश करने का कर्तव्य जिन पर उसके द्वारा अनुतोष का दावा किया गया है या निर्भर किया गया है। 

3.अपील की स्टेज में सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के आदेश 41 नियम 27 के तहत अतिरिक्त साक्ष्य  दस्तावेजी पेश कर सकेगा यदि :-
  1. डिक्री पारित करने वाले न्यायालय ने दस्तावेज लेने से इंकार किया हो,
  2. सम्यक तत्परता का प्रयोग करने के बाद भी ऐसे साक्ष्य की जानकारी नहीं रखता था या उसे उस समय पेश नहीं कर सकता था जिस समय डिक्री पारित की गयी। 
  3. अपीलीय न्यायालय द्वारा दस्तावेजों की मांग पर। 

सिविल वाद में दस्तावेज दाखिल किये जाने की प्रक्रिया क्या है ?

न्यायालय में सिविल वाद में वाद से सम्बंधित दस्तावेजों को दाखिल किये जाने के लिए वादी / प्रतिवादी की ओर से जरिये फेहरिस्त दाखिल कागजात के जरिये दाखिल किये जाते है। फेहरिस्त एक लिखित फॉर्म होता है , जिसमें मांगी गयी जानकारी वाद के अनुसार दर्ज करना होता है।  जैसे कि  :-
  1. न्यायालय का नाम,
  2. सन,
  3. वाद संख्या,
  4. वादी बनाम प्रतिवादी,
  5. वादी / प्रतिवादी किसकी ओर से दस्तावेज दीये जा रहे है,
  6. जिसकी ओर से दिया जा रहा है उसका नाम,
  7. तिथि,
  8. सन,
  9. जो -जो दस्तावेज दाखिल किये जाने है , उन सभी का वर्णन। 

फेहरिस्त दाखिल कागजात ( दस्तावेज दाखिल किये जाने का फॉर्म ) 


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न्यायालय में वाद से सम्बंधित दस्तावेज दाखिल किये जाने के लिए वादी / प्रतिवादी की ओर से जरिये फेहरिस्त दाखिल कागजात प्रस्तुत किया जाता है। इस फेहरिस्त में मांगी गयी जानकारी वाद के अनुसार दर्ज की जाएगी जो कि निम्न प्रकार से है :-

1.श्रीमान - न्यायालय का नाम जहाँ वाद विचारण में है। 

2. वाद संख्या - वाद संख्या यानी जब न्यायालय में वाद दायर होता है, तो एक संख्या मिलती है, जो कि इस बात का सूचक होती है, की यह उपरोक्त वाद इस संख्या के अधीन है, इसी वाद संख्या के आधार पर वादी / प्रतिवादी अपने वाद से सम्बंधित स्थिति जान सकते है। 

3.वादी बनाम प्रतिवादी - यहाँ पर वादी बनाम प्रतिवादी पर उस व्यक्ति का नाम लिखने है, जिसके नाम से वाद दायर किया गया है और जिसके विरुद्ध।  यह जानकारी फाइल से लिखेंगे। 

4.वादी / प्रतिवादी की ओर से - दस्तावेज वादी की ओर से दिए जा रहे है तो उसका नाम जो वाद पत्र में लिखा है और यदि प्ररिवादी की ओर से तो प्रतिवादी का नाम जो वादपत्र में लिखा है। 

5.दस्तावेज का अभिवर्णन और उसकी तारीख यदि कोई हो - वादी / प्रतिवादी की ओर से जो दस्तावेज दिए जाने है उन सभी दस्तावेजों के नाम व् कोई तारीख हो तो उनका विवरण जैसे कि :-
  1. खतौनी,
  2. रजिस्ट्री,
  3. वादकालीन आदेश,
  4. अन्य वाद सम्बंधित दस्तावेज या आदेश की प्रमाणित प्रति।  
6. हस्ताक्षर -  फेहरिस्त दाखिल कागजात पर वादी / प्रतिवादी जसकी ओर से दिया जा रहा है उसके हस्ताक्षर , यदि अंगूठा लगाता है तो अंगूठे का निसान नाम के साथ।  








3 comments:

  1. Thank you for this information. For a country law is very important, without law a country have no discipline. As an advocate you are doing such a good things. You are providing such a awesome work. you provide your knowledge and your experiences. It will help those people who doesn't know about this law. As I "Advocate for Supreme Court of India"

    I always try to explore my knowledge.

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  2. आपका आभार व्यक्त करता हूँ , RTI की सूचना देने के लिए PIO जो दस्तावेज प्रेषित करते हैं उसमे अपने मूल पत्र में अंत में केवल संलग्न - उपरोक्तानुसार , संलग्न - छायाप्रतियां , संलग्न - सात आदि आदि लिखते है मूल पत्र के साथ कौनसे दस्तावेज दिए जा रहे हैं उनकी सूची (फेहरिस्त) नहीं लगाते हैं जिससे बाद में बचाव में झूंठ बोल जाते हैं आप इस पर और अधिक विस्तार से जानकारी देने का कष्ट करें तो सभी को बहुत लाभ होगा |
    दिनेश कुमार खाण्डल
    बैंगलोर (कर्नाटक)

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