दाखिल ख़ारिज के बाद की प्रक्रिया क्या है ? खतौनी में नाम कैसे दर्ज करवाए ? land mutation process step by step full guide
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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को बताने जा रहा हु कि ' संपत्ति के दाखिल ख़ारिज की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद की प्रक्रिया क्या है, संपत्ति के दस्तावेज की नकल कैसे मिलते है ? इसके बारे में हम चार चरणों से जानेगें ताकि आपको यह विषय अच्छे से समझ आये।
हम आप सभी अपने जीवन में जमीन, खेत, प्लाट अन्य भूमि की खरीद करते है या हमे अपने पूर्वजों से उनके जीवनकाल या जीवित न रहने पर मिलती है। अब उस संपत्ति पर पहले उनका नाम होता है यानि संपत्ति के सम्पूर्ण अधिकार उन्ही के पास होते है। जब हम संपत्ति ख़रीदते या हमे मिलती है, तो उस संपत्ति के मालिक हम होते है लेकिन मालिक तभी होंगे जब वह संपत्ति कानूनन हमारे नाम दर्ज हो, यानी उस संपत्ति की खतौनी, रजिस्ट्री / बैनामा के दस्तावेज हमारे पास हो।
दाखिल ख़ारिज के बाद की प्रक्रिया क्या है ?
दाखिल ख़ारिज के बाद की प्रक्रिया को समझने के लिए हमे शुरू से जानना होगा की दाखिल ख़ारिज होता कैसे है ? इसको चार आसान चरणों में समझेंगे।
दाखिल ख़ारिज के बाद खतौनी में नाम कैसे दर्ज करवाए - सम्पूर्ण जानकारी - step by step
1. पहला चरण :-दाखिल ख़ारिज के लिए आवेदन।
- जब हम कोई अचल संपत्ति खरीदते है या हमे वरासतन मिलती है ,तो उसमे हमारा यानी संपत्ति लेने वाले का नाम उस ली गयी संपत्ति के सरकारी कागजातों में चढ़ जाये। इस कार्य के लिए दाखिल ख़ारिज के लिए आवेदन किया जाना अनिवार्य है। यह संपत्ति लेने के तुरंत बाद किया जाना चाहिये।
- दाखिल ख़ारिज के आवेदन के लिए संपत्ति से सम्बन्घित सभी आवशयक दस्तावेज को तहसील में तहसीलदार / नायब तहसीलदार न्यायालय में दाखिल करना होता है।
- नोटिस जारी होती है, यदि भूमि में किसी को कोई आपत्ति होती है तो वह नियत तिथि को अपनी आपत्ति न्यायालय में प्रस्तुत करता है।
- उस अमुक संपत्ति के सम्बन्ध में आपत्ति न आने पर तहसीलदार /नायब तहसीलदार न्यायालय के द्वारा उस दाखिल ख़ारिज के सम्बन्ध में आदेश दिया जाता है कि संपत्ति में प्रथम पक्ष का नाम ख़ारिज कर द्वितीय पक्ष का दाखिल किया जाये।
2. दूसरा चरण :- कानूनगो का कार्य।
- दाखिल ख़ारिज के आदेश की प्रमाणित नकल निकलवा कर तहसील में कानूनगो कार्यालय में दाखिल करना होगा।
- कानूनगों उस आदेश के अंतर्गत संपत्ति नामांतरण रजिस्टर जिसे रजिस्टर नंबर 10 भी कहा जाता है उसमें उक्त आदेश के तहत उस व्यक्ति का नाम व् संपत्ति विवरण को दर्ज करेगा।
- ऐसे रजिस्टर को समय -ंसमय पर लेखपाल द्वारा देखा जाता है।
3. तीसरा चरण :- लेखपाल का कार्य।
- तहसील में होने वाले दाखिल ख़ारिज के सम्बन्ध में कानूनगों द्वारा तैयार किया हस्तांतरण रजिस्टर जिसे रजिस्टर नंबर 10 कहा जाता है, उसका समय समय पर निरक्षण कर लेखपाल द्वारा खतौनी रजिस्टर जिसे रिकॉर्ड ऑफ़ राइट कहा जाता है , उसमें उस उक्त संपत्ति के सम्बन्ध में संपत्ति के स्वामी का नाम, भूमि का क्षेत्रफल, खाता संख्या, गाटा संख्या, अन्य जानकरी दर्ज की जाती है।
- इन रिकॉर्ड को लेखपाल कंप्यूटर कक्ष में भेजता है।
4. चौथा चरण :- कंप्यूटर कक्ष।
- लेखपाल द्वारा भेजे गए खतौनी के विवरण को कंप्यूटर कक्ष वाले ऑनलाइन सरकारी अधिकृत वेबसाइट भूलेख पर अंकित कर देते है।
- आप अपने खतौनी की प्रमाणित नकल के लिए इसी कंप्यूटर कक्ष में खतौनी आवेदन पत्र दाखिल कर प्राप्त कर सकते है।
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