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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को बताने जा रहा कि " कोई अचल संपत्ति बंधक संपत्ति हाँ या नहीं कैसे मालूम करे ? , बिना किसी सरकारी कार्यालय जाये।
अचल संपत्ति जो कि भूमि से जुड़ी रहती है, जिसका एक जगह से दूसरी जगह सत्तानांतरण होना असंभव है जब की उसे हटाया या अलग न किया जाये। संपत्ति की बात करे तो जैसे की भूमि/जमीन, खेत, प्लाट, मकान, दुकान, आदि अचल संपत्ति। अब मुख्य बात आती है कि जब हम कोई अचल संपत्ति खरीदने की सोचते है या खरीदने वाले होते है, तो उसके बारे कई जानकारी मालूम करते है जैसे कि :-
- संपत्ति पर कोई वाद तो नहीं दायर या किसी भी प्रकार का विवाद तो नहीं है ? या,
- संपत्ति किसी वित्तीय संस्था में बंधक तो नहीं है।
आज इस लेख में इसी सवाल को जानेंगे कि "कोई अचल संपत्ति बंधक है या नहीं इसको कैसे मालूम करे ?"
इन्ही सवालों को विस्तार से जानेंगे।
अचल संपत्ति को समझने के लिए हम इसे दो भागों में विभाजित करेंगे ताकि आपको अच्छे से समझ में आये।
1. खेत, भूमि, प्लाट।
2. दुकान, मकान, भवन अन्य निर्माण।
1. खेत, भूमि प्लाट बंधक है या नहीं कैसे जाने ?
कोई भी खेत, भूमि, प्लाट या अन्य भूमि बंधक है या नहीं या जानने के लिए दो दस्तावेजों का निरिक्षण कर जान सकते है।
- खतौनी,
- रजिस्ट्री/बैनामा यानी सेल डीड।
1. खतौनी - खतौनी एक ऐसा दस्तावेज होता है, जिसमे खेती की भूमि से सम्बंधित विवरण लिखा होता है जैसे कि :
- संक्रमिणय अधिकार वाले भूमिधर,
- खाता संख्या, गाटा संख्या, खसरा संख्या,
- भूमि का क्षेत्रफल ( हेक्टेयर में ),
- टिपण्णी।
खतौनी के टिपण्णी वाले भाग में भूमि, खेत, प्लाट के सम्बन्ध में होने वाले परिवर्तन के बारे में लिखा होता है।
जब कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि, खेत पर किसी वित्तीय संस्था से लोन लेता है, तो ऐसे में उस भूमि के दस्तावेज उधार राशि देने वाले वित्तय संस्था के पास सिक्योरिटी के रूप में तब तक बंधक होते है, जब तक उधार ली गयी राशि ब्याज सहित लौटा न दी जाये।
तहसील से खतौनी की नकल निकलवा कर यह जाना जा सकता है कि उस अमुक भूमि पर लोन है या नहीं ? खतौनी के टिपण्णी वाले भाग में लोन का विवरण साफ - साफ लिखा होता है। खतौनी निकलवाने के लिए उस अमुक संपत्ति की जानकारी होनी चाहिए। जैसे कि :-
- खातेदार का नाम,
- खसरा, खाता, गाटा संख्या,
- जिला,
- तहसील,
- गावं।
2. रजिस्ट्री /बैनामा
जब कोई भी व्यक्ति किसी अचल संपत्ति पर किसी वित्तीय संस्था से लोन लेता है, तो उस अचल सम्पति के दस्तावेज लोन देने वाली वित्तीय संस्था के पास सिक्योरिटी के रूप में तब तक बंधक बने रहते है, जब तक उधार ली गयी राशि ब्याज सहित लौटा नहीं दी जाती है।
जब भी खेत, भूमि, प्लाट ख़रीदे तो, उसकी रजिस्ट्री / बैनामा मूल दस्तावेज अवश्य मांगे। यदि रजिस्ट्री / बैनामे का मूल दस्तावेज दिखाने में असमर्थ है, या नहीं दिखा पता तो एक कारण यह भी हो सकता है कि दस्तावेज बंधक के रूप में वित्तीय संस्था में जमा है।
2. दुकान, मकान, भवन अन्य निर्माणधीन बंधक है या नहीं कैसे जाने ?
दुकान, मकान, भवन अन्य निर्माणधीन अचल संपत्ति खरीदने जा रहे है तो यह अवश्य जानना चाहेंगे कि बंधक तो नहीं है।
1. अचल संपत्ति से सम्बंधित रजिस्ट्री / बैनामे की मूल कॉपी की मांग करे। यदि बेचने वाले के पास में रजिस्ट्री की मूल होगी तो आपको दिखा पायेगा। यदि नहीं दिखा पाता तो एक कारण यह भी हो सकता है कि दस्तावेज बन्धक के रूप में वित्तीय संस्था के पास हो।
2. यदि अचल संपत्ति की रजिस्ट्री / बैनामा दिखाने पर कोई बहाना बताता है और आपको विश्वास दिलाता है कि खरीद के समय मिल जायेंगे तो ऐसे में आप रजिस्ट्री विभाग से उस अमुक संपत्ति का बारह साला निकलवा ले। यदि संपत्ति में कोई लोन होगा जिसके कारण बंधक होगी तो मालूम चल जायेगा।
बारह साला निकलवाने से पहले उस अमुक संपत्ति के बारे में निम्न जानकारी मालूम होनी चाहिए जैसे कि :-
- संपत्ति का प्रकार,
- स्वामी का नाम,
- जनपद,
- तहसील,
- उपनिबंधक कार्यालय,
- गावं / मोहला,
- परगना,
- तिथि।
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