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बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता की शारीरिक परीक्षा की रिपोर्ट तैयार करने की प्रकिया क्या है ?

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को " दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 164 क  के बारे में बताने जा रहा हु, जहाँ अधिनियम की धारा 164 क में बलात्संग के शिकारी हुए व्यक्ति की शारीरिक परीक्षा की प्रकिया के बारे में प्रावधान किया गया है।  

अधिनियम की धारा 164 में संस्वीकृत और कथन अभिलिखित किये जाने की प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है और कैसे लिखा जायेगा उसका जिक्र अधिनियम की धारा 281 में प्रावधान किया गया है। लेकिन इस अधिनियम की धारा 164 में संसोधन  कर एक और नयी धारा को जोड़ा गया जो कि 164 क - बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता की शारीरिक परीक्षा की रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। 
 
sec 164a medical examination of the victim of rape.  बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता की शारीरिक परीक्षा की रिपोर्ट तैयार करने की प्रकिया


अब सवाल या यह उठता है की :-
  1. पीड़िता की शारीरिक पीरक्षा किसके द्वारा की जाएगी ? 
  2. पीड़िता की शारीरिक परीक्षा की रिपोर्ट में क्या क्या लिखा होगा ?
तो चलिए इन सभी सवालो के जवाब आज हम विस्तार से जानेंगे। 


बलात्संग की हुई शिकार पीड़िता की शारीरिक परीक्षा कौन करेगा ?

दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 164 क - बलात्संग के शिकार हुए व्यक्ति की शारीरिक परीक्षा कैसे की जाएगी इसके सम्बन्ध में प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। जहाँ किसी स्त्री के साथ बलात्संग किया गया है बलात्संग किये जाने का प्रयास किया गया है ऐसे अपराध की जाँच की जा रही है तब ऐसे चरण के दौरान उस स्त्री शारीरिक परीक्षा की जाएगी जिसके साथ बलात्संग किया गया है या बलात्संग किये जान का प्रयास किया गया है। बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता की शारीरिक परीक्षा किसी चिकित्सक विशेषज्ञ से कराया जाना है वहां ऐसी परीक्षा सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी द्वारा चलाये जा रहे किसी अस्पताल में नियोजित पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा की जाएगी। यदि चिकित्सा विशेषज्ञ उस दौरान मौजूद नहीं है या उपस्थित नहीं है तो ऐसे चिकित्सा व्यवसायी की अनुपस्थिति में किसी दूसरे पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा शारीरिक परीक्षा की जाएगी। जहाँ ऐसी शारीरिक परीक्षा किये जाने से पहले बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता से उसकी सहमति प्राप्त की जाएगी या उसकी तरफ से ऐसी शारीरिक परीक्षा किये जाने के लिए सक्षम व्यक्ति से सहमति प्राप्त  जाएगी, सहमति प्राप्त होने पर बलात्संग शिकार हुई पीड़िता की शारीरिक परीक्षा की जाएगी। 

बलात्संग अपराध की शिकार हुए ऐसी स्त्री के सम्बन्ध में ऐसे अपराध के किये जाने से सम्बंधित सूचना मिलने पर 24 घण्टे के भीतर ऐसी स्त्री की शरीरिक परीक्षा के लिए उसको पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी के पास भेजा जायेगा। 
बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता की शारीरिक परीक्षा रिपोर्ट में क्या -क्या लिखा होगा ?

दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 164 की उपधारा 2 के तहत बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता जिसकी शारीरक परीक्षा होनी है ऐसे पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी के पास भेजी जाती है, वह चिकित्सा व्यवसायी कोई देरी किये बिना उस पीड़िता के शरीर की परीक्षा करेगा और उस शारीरिक परीक्षा के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा जिसमे निम्नलिखितब्यौरा लिखा होगा :- 
  1. बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता कण व् पता और साथ में उस व्यक्ति का नाम व् पता जो उसे लाया है। 
  2. बलात्संग की शिकार हुई पीड़िता / स्त्री की उम्र,
  3. बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री के डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए शरीर से ली गयी सामग्री का वर्णन,
  4. बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री के शरीर में आई चोटों के निसान / चिन्ह यदि कोई है तो इनका वर्णन,
  5. बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री की मानसिक स्थिति कैसे है उसका वर्णन,
  6. उचित ब्योरे के साथ अन्य उपयुक्त वर्णन ,
  7. बाल्त्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री की मेडिकल रिपोर्ट में संक्षेप में वे जानकारी भी लिखी जायँगी जिनसे हर एक परिणाम निकाला गया है।  
  8. बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री की मेडिकल रिपोर्ट में यह भी निर्धारित रूप से लिखा जायेगा कि ऐसी शारीरिक परीक्षा के लिए उस स्त्री की सहमति प्राप्त कर ली गयी है या वह स्त्री असमर्थ है तो ऐसी सहमति देने के लिए सक्षम व्यक्ति की सहमति प्राप्त कर ली गयी है।  
  9. बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री की शारीरिक परीक्षा शुरू करने से लेकर समाप्त करने का सही समय रिपोर्ट में लिखा जायेगा। 
  10. बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री की शारीरिक परीक्षा की तैयार रिपोर्ट चिकित्सा व्यवसायी इस रिपोर्ट को बिना किसी देरी इस बलात्संग के अपराध की जाँच कर रहे अधिकारी को भेजेंगे और यह अधिकारी इस रिपोर्ट को अधिनियम की धारा 173 की उपधारा 5 खंड क में उल्लिखित दस्तावेजों के रूप में मजिस्ट्रेट के समक्ष भेजेंगे। 
  11. इस धारा की किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जायेगा की बलात्संग की शिकार हुई पीड़ित स्त्री की सहमति  के बिना या उसकी तरफ से ऐसी सहमति देने के लिए सक्षम व्यक्ति की सहमति के बिना किसी परीक्षा को विधिमान्य बनाती है।  

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