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मुक़दमे की त्वरित सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र कैसे लिखे ? how to write urgent hearing application in court.

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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को यह बताने जा रहा हु कि " दीवानी के मामलों में मुक़दमे की त्वरित सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र कैसे लिखे ?

अक्सर दीवानी के मुकदमो को लकेर त्वरित सुनवाई के लिए सक्षम न्यायालय के समक्ष वादी/ वादीगण या प्रतिवादी/ प्रतिवादीगण के अधिवक्ता द्वारा एक लिखित प्रार्थना पत्र उस न्यायालय में दाखिल करना होता है जहाँ उस मुक़दमे का विचारण हो रहा है। ताकि वादी / प्रतिवादी के आवेदन पर मामले की सुनवाई जल्द हो सके।  

त्वरित सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र कैसे लिखे ? how to write urgent hearing application in court.



सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 151 के तहत न्यायालय के अंतर्निहित शक्ति (inherent power) के बारे में बताया गया है। जहाँ न्यायालय को किसी वाद की कार्यवाही के सम्बन्ध में स्वयं से उस पर कुछ परिस्थियों के अनुसार निर्णय लेने की शक्ति का प्रावधान किया गया है जहाँ पर ऐसी किसी परिस्थिति के लिए अधिनियम या विधि में कोई उपबंध नहीं है।  

दीवानी मुक़दमे में त्वरित सुनवाई हेतु प्राथना पत्र कैसे लिखे। 

न्यायालय श्रीमान सिविल जज (जु ० डि ०) कोट न. ----------  


वादी 

बनाम 

प्रतिवादी 
प्रार्थना पत्र अं० धा ० 151 जा ० दी ० 
                    बाबत त्वरित सुनवाई हतु

नियत पेशी -                                      

महोदय ,
                       निवेदन है कि वाद उपरोक्त में प्रतिवादी की मृत्यु दौरान कोविद 19 महामारी हो गयी है इस कारण मृतक के कायम मुकाम हेतु प्रार्थना पत्र समय में नहीं दिया जा स्का है अब माननीय न्यायालय द्वारा पुराने वादों की अर्जेंट हेयरिंग सुनी  जा रही है इस कारण वादी त्वरित सुनवाई हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहा है। जिसका समय सीमा की बाध्यता को देखते हुए त्वरित सुनवाई किया जाना न्याय हित में आवश्यक है। 
                                                                                अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि इस प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न प्रार्थना पत्र अं० आदेश 22 नियम 4, अं० आदेश 22 नियम 9, अं० धारा 5 मियाद अधिनियम, की सुनवाई त्वरित करते हुए न्याय प्रार्थना पत्र का निस्तारण गुण दोष के आधार पर किये जाने की कृपा की जाये। 

वादी              
            (                         )
दिनाँक - 


उपरोक्त प्रकार की प्रार्थना तभी लिखी जाएगी जब :-
  1. किसी वाद में  प्रतिवादी की मृत्यु के बाद मुक़दमे की पैरवी के लिए उनके उत्तराधिकारी को वाद में स्थापित करना है। 
  2. वाद में मियाद समाप्त होने की स्थिति में। 
  3. वाद का ख़ारिज हो जाना। 

19 comments:

  1. सर मैं जानना चाहता हूं कि अगर कोई झूठा मेडिकल किसी प्राइवेट हॉस्पिटल से करा कर किसी पर मुकदमा दर्ज करा देता है तो इसमें क्या करना चाहिए क्या आप बता सकते हैं

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    1. साबित करो कि मेडिकल रिपोर्ट झूठी है ।

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  2. Sir,ek letter likhna hai ek client ko hearing k liye bulane ke, 4 weeks k andar

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  3. Sir hamara virendra maurya hai
    Kal khuch log milker hamare Ghar ke sabhi sadsyo ko milker bina khuch Matlab ke peete hai.jisme hamare mammi papa ki jaan se Marne ki koshis bhi aur 2 behno ke sar aur haath par chote bhi lagi.
    Thaana aur chauki par gye waha hamari koi sunwai nahi kar rahe hai
    Sir.is pristhithi me ham Kya Kare
    Ham un logo par bada mukdma karna chahte kyonki wah log abhi bhi hame Marne ki dhamki diye hai

    Please sir koi upay bataye

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    1. एसपी को लिखित शिकायत जरिये रजिस्टर्ड डाक करो, फिर भी कुछ न हो तो न्यायालय मे 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करो ।

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  4. Sir mari mummy ka papa ki property mari mummy ko milgaye Or ush property ki will mara name par ha tho mari mummy ka badma vo property ka liya claim kar sakta ha kya

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    1. तुम्हें विल किसने लिखी ?

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  5. SERVICE RELATING TO STATE GOVT.-17100
    Dismissal/Removal/Termination-17129 he case rp catgri me lagaya gaya hai lekin 6 mah se hearring n ho rahi uske liye application kese likhe our kya karna chahiye batane ka kast kare ��

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  6. Mera case high court me chal raha hai pahli sunvai hui hai jiske bad next week ka adesh hua hai. Lekin 8 mah ho gaye hearing hi n ho rahi iske liye upay bataye plz

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    1. उचित कारण का उल्लेख करते हुये त्वरित सुनवाई का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करो ।

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  7. सर कोर्ट में 20 25 वर्षों से हफ्ते का मुकदमा भी चल रहा है उसमें सुनाई नहीं होती उसके लिए मुझे कहां की शिकायत दर्ज कराने चाहिए जिससे कोर्ट में सुनवाई जल्द से जल्द हो सके और हत्यारों को सजा मिल सके

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  8. Family court me exparty order ke liye ye applications restand ke liye yah lga sakte hai

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  9. Sir apse ye jankari Lena thi kitni tarik na Jane ke baad karywahi yani giraftari ke aadesh hote hai mera case rampur up mai huaa hai

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    1. जब तक आपके अधिवक्ता द्वारा हाजिरी माफी की प्रार्थना पत्र प्रस्तुत होती रहेगी और न्यायधीश को उचित लगेगा तब तक ।

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