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व्यवसाय समाज व्यक्ति और राष्ट्र को बीमा से क्या लाभ है - बीमा का महत्त्व

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नमस्कार मित्रो,
आज के यह आप सभी लोगो के बहुत ख़ास है क्योकि इस लेख में आप सभी को "व्यवसाय समाज व्यक्ति और राष्ट्र को बीमा से क्या लाभ है - बीमा का महत्त्व" के बारे में विस्तार से बताने वाला हु। 

व्यवसायिक, समाजिक, व्यक्तिगत और राष्ट्र इन सभी को बीमा से कई प्रकार से लाभ प्राप्त होता है। बीमा जिसका मुख्य उद्देश्य जोखिम बाटना और बीमित को एक तरह से सुरक्षा प्रदान करना। बीमा व्यक्ति की सुरक्षा उसके जन्म से लेकर उसके जीवन के अंत तक और मृत्यु के बाद भी उसके परिवारजनों की सुरक्षा करती है। यही मुख्य कारण है कि बीमा समाज के प्रत्येक व्यक्ति, व्यवसाय और राष्ट्र का एक आवश्यक महत्वपूर्ण अंग बना गया है। देश में ऐसे कुछ कार्य है जिनके लिए बीमा विधि द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है।  उदाहरण के रूप में "मोटर वाहन बीमा" जो की अनिवार्य है।  
what-is-the-benefit-of-insurance-to-business-society-induvidual-and-nation-importance-of-insurance   व्यावसाय समाज व्यक्ति और राष्ट्र को बीमा से  लाभ

बीमा से कई विभन्न प्रकार के क्षेत्रो को लाभ प्राप्त होता है,वे क्षेत्र निम्न प्रकार से है जैसे कि :-

  1. व्यवसाय,
  2. समाज,
  3. व्यक्तिगत,
  4. राष्ट्र।
इन सभी को बीमा से कैसे और किस तरह से लाभ प्राप्त होता है, इसको विस्तार से जानेंगे। 

1. व्यवसाय को बीमा से क्या लाभ है ?
  1. व्यवसायिक पूंजी की सुरक्षा -  पूंजी प्रत्येक व्यवसाय का मूल आधार होती है, जहाँ प्रत्येक छोटे से लेकर बड़े व्यवसाय में पूंजी लगी होती है और हर व्यवसाय इसी पूंजी पर ही पूर्णतः निर्भर रहता है। अब व्यवसाय है तो जोखिम भी होगा और जोखिमों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक व्यावसायिक अपने व्यवसाय का बीमा करवाता है। वह इसीलिए जब कभी ही व्ययवसाय को किसी आकस्मिक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़े तो ऐसे में बीमा की धनराशि ऐसी घड़ी में काम आती है।  
  2. व्यावसायिक जोखिमों से सुरक्षा - प्रत्येक व्यवसाय में कोई न कोई कार्य होता रहता है अब वह चाहे किसी वस्तु के उत्पादन से सम्बंधित हो या किसी सेवा से सम्बंधित हो। इन सभी में मानव व् मशीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती और इन्ही पर प्रत्येक व्यवसाय निर्भर होता है। प्रत्येक व्यावसायिक कंपनी अपने माल व् मशीन का बीमा करवाती है ताकि वर्तमान या भविष्य में माल या मशीन को किन्ही दुर्घटना के कारण क्षति होती है तो उसकी भरपाई की जा सके और आर्थीक मदद प्राप्त हो सके।  
  3. व्यावसायिक कार्यक्षमता में वृद्धि - प्रत्येक व्यावसायिक कंपनी को बीमा से एक लाभ यह भी प्राप्त होता है कि इन सभी की अपनी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। ऐसा इसलिए क्योकि बीमा करवाने से बड़े-बड़े जोखिमों पर से इनकी चिंता समाप्त हो जाती है और ये सभी निश्चिंत हो होकर अपने कार्य को सुचारु रूप से चलाते रहते है। इससे इन सभी की पूंजी पर भी वृद्धि होती है।  
  4. व्यावसायिक साख में वृद्धि - प्रत्येक व्यावसायिक कंपनी के माल, मशीन व् संपत्ति के बीमित होने से  व् व्यवसायी के स्वयं बीमित होने से इन सभी की साख (क्रेडिट) में वृद्धि हो जाती है। जिससे कारण इन सभी को वित्तीय संस्था से आसानी बीमा पॉलिसी की प्रतिभूति पर  ऋण प्राप्त हो जाता है। 
  5. मिल-कारखानों के मालिकों को लाभ - बीमा करवाने से मिल -कारखानों के मालिकों को दो प्रकार से लाभ प्राप्त होता है पहला ये मिल -कारखानों में स्थापित मशीनों व्  भंडारण में रखे कच्चे माल व् उत्पादन का बीमा करवाते है, यदि किन्ही दुर्घटना के कारण इनमे क्षति होती है तो बीमा से कुछ हद तक इनकी भरपाई की जा सकती है। दूसरा ये अपने मिल -कारखानों में कार्य कर रहे प्रत्येक व्यक्ति का बीमा करवाते है ताकि कार्य अवधि के दौरान यदि किसी श्रमिक की मृत्यु हो जाती है या पूर्णतः या भागतः या आंशिक विकलांगता होती है तो उसे बीमा की धनराशि से कुछ हद तक आर्थिक मदद प्राप्त हो सके। 
  6. व्यवसायिक साझेदारों को लाभ - बीमा से व्यावसायिक साझेदारों को भी लाभ प्राप्त होता है। जब  व्यवसाय बीमित होता है तो उसमे होने वाले जोखिमों से सुरक्षा बीमा कंपनी करती है जहाँ व्यावसायिक साझेदारों का उनका जोखिमों की क्षतिपूर्ति में लगने वाली धनराशि की हिस्सेदारी में कुछ हद तक बचत हो जाती है। इसको ऐसे समझले की क्षतिपूर्ति में धनराशि बीमा कंपनी से मिल जाती और बाकि बची राशि साझेदारों द्वारा बची राशि के अनुपात में दी जाती है। जिससे व्यवसाय में हुई क्षति से पार पाया जा सके। 
  7. अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय के विस्तार में सहायक -व्यवसाय जो कि बहुत ही व्यापक यानी बड़ा होता है, अर्थात यह एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा तक और एक  देश से दूसरे देश की सीमा तक फैला होता है। अब राज्यों व् देशों से माल आयात -निर्यात करने में जहाज की आवश्यकता पड़ती है और आयात -निर्यात के दौरान माल व् जहाज दोनों के क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना होती है। अब इन जोखिमों से सुरक्षा के लिए  समुद्री  बीमा करवाया जाता है ताकि कोई दुर्घटना या क्षति हो तो इसकी पूर्ति की जा सके। 
2. समाज को बीमा से क्या लाभ है ?
  1. व्यक्तिगत स्थिरता -बीमा का एक महत्वपूर्ण कार्य व्यक्ति के जीवन को स्थिर करना भी है, जहाँ व्यक्ति को वर्तमान से लेकर भविष्य में होने वाली घटनाओ की चिंता रहती है कि कब क्या हो जाये,वहाँ ऐसे में बीमा ही व्यक्ति की वर्तमान और भविष्य की चिंताओं को दूर करता है। प्रत्येक व्यक्ति अब अपना स्वयं का और अपनी संपत्ति का बिमा करवा रहा है ताकि वर्तमान या भविष्य में कोई क्षति हो तो उसकी पूर्ति हो सके।    
  2. जोखिम से सुरक्षा -बीमा का मुख्य उद्देश्य ही जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करना है। व्यक्ति के जीवन का उसको स्वयं ही अनुमान नहीं कि कल उसके साथ क्या हो जाये, तो ऐसे में व्यक्ति अगर बीमित है यानी उसने जीवन बीमा या अन्य बीमा लेकर रखा है, तो उसको क्षति के समय बीमा धनराशि से कुछ हद तक सहायता प्राप्त हो सकती है। जोखिमों के आधार पर कई बीमा पालिसी है जैसे कि :- अग्नि बीमा, समुद्री बीमा, मेडिकल बीमा, जीवन बीमा, संपत्ति बीमा आदि। 
  3. उत्तरदायित्व निभाने की भावना - सवाल ये उठता है कि बीमा से क्या उत्तरदायित्व निभाने की भावना का मतलब है, तो जवाब एक उदाहरण से समझे :- जहाँ एक व्यक्ति अपना जीवन बीमा करवाता है तो बीमा अवधी समाप्त होने पर या व्यकित की मृत्यु होने पर उसके परिवार वालो को कुछ हद तक आर्थिक मदद हो जाती है।  यह एक व्यक्ति अपना उत्तरदायित्व अपने परिवार वालो के प्रति निभाता है।  
  4. औद्योगिक विकास - बीमा जो की जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करता है यानी सीधी सी बात की कुछ हद तक आर्थिक मदद करना। उद्योग में लगी बड़ी बड़ी मशीनरी का बीमा होने से उनके क्षतिग्रस्त होने पर बीमा कंपनी से दावा करने पर कुछ हद तक आर्थिक मदद हो जाती है। क्योक उद्योग में लगी मशीनरी की कीमत इतनी अधिक होती है कि एक के क्षतिग्रस्त होने पर तुरंत मंगवा पाना मुश्किल सा हो जाता है। इन मशीनरी के बीमित होने पर इनके क्षतिग्रस्त हो जाने की स्थिति में कुछ हद तक बीमा की धनराशि से और कुछ उद्योग मालिक द्वारा धनराशि लगाने पर मशीन फिर से नयी मंगवाई जा सकती है या उसकी मरम्मत कराइ जा सकती है। इसे औद्योगिक कार्य पर बाधा नहीं पड़ती और औद्योगिक विकास होता रहता है। 
3. व्यक्तिगत को बीमा से क्या लाभ है ?
  1. व्यक्तिगत सुरक्षा - बीमा जिसका मुख्य उद्देश्य जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करना है। व्यक्ति अपना स्वयं का और अपनी संपत्ति का बीमा करवाता है, ताकि वर्तमान और भविष्य की चिंताओं से मुक्ति पाई जा सके। इसलिए बीमा को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए भी जाना जाता है। 
  2. चिंताओं से मुक्ति - व्यक्ति जब अपना या अपनी सम्पत्तियों का बीमा करवाता है, तो वर्तमान और भविष्य में होने वाली क्षति की चिंताओं से मुक्ति पा जाता है। उदाहरण :- जीवन बीमा जीवन में होने वाली क्षति की क्षतिपूर्ति से मुक्ति, संपत्ति के नष्ट होने की क्षति से क्षतिपूर्ति से मुक्ति और अन्य चिंताओं से मुक्ति।   
  3. करों में छूट - बीमा से आयकर में भी छूट मिल जाती है,वो ऐसे कि जब आप बीमा करवाते है तो उसके लिए आपको बीमा का प्रीमियम भी देना होता है। भारतीय आयकर अधिनियम के अंतर्गत आयकर के भीतर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कुल आय में से कुछ प्रतिशत आय आयकर के रूप में देनी होती है। बीमित व्यक्ति के मामले में आयकर अधिकारी आय पर कर लगाते समय बीमा प्रीमियम कुछ प्रतिशत कुल आय से घटा कर बची आय में कर लगाते है। 
  4. ऋण प्राप्ति में सुविधा -बीमा का एक लाभ ऋण प्राप्त करने में भी होता है। क्योकि कुछ ऐसी वित्तीय संस्था भी है, जो कि बीमा पत्र की जमानत पर आसानी से ऋण प्रदान करती है। 
  5. बचत का साधन -बीमा की कुछ पॉलिसी ऐसी भी है जो कि सुरक्षा के साथ साथ बचत का साधन भी होती है। इन्ही में से एक जीवन बीमा भी है, जहाँ व्यक्ति जीवन बीमा करवाता वहाँ वह व्यक्ति अपने लिए तो इंतज़ाम करता है साथ ही साथ अपने पीछे अपने परिवार वालो के लिए भी इंतज़ाम करता है। जीवन बीमा यदि एक निश्चित समय तक के लिए करवाया जाता है तो इस निश्चित समय के पूर्ण होने पर बीमित व्यक्ति को जीवन बीमा की धनराशि मिल जाती है। आजीवन जीवन बीमा में बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके परिवार वालो को बीमा की धनराशि प्राप्त होती है। 
4. राष्ट्र को बिमा से क्या लाभ है ?
बीमा कंपनी की कैपिटल का कुछ प्रतिशत भाग सरकार के पास होता है। जिससे सरकार इन रुपयों को निवेश कर देश का विकास करती है। कुछ बीमा पॉलिसी ऐसी भी जो कि सरकारी योजनाओं पर आधारित होती है, जिनका परिमियम भी कम होता है और देश के नागरिको को लाभ भी प्राप्त होता है। बीमा से देश के आर्थिक विकास को लाभ होता है। देश की सकल घरलू उत्पादक यानी जीडीपी बढ़ाने में बीमा क्षेत्र की बहुत बड़ी भूमिका होती है।  

1 comment:

  1. आज बीमा कंपनियों के खिलाफ स्थाई लोक अदालत सहित अन्य न्यायालयों में प्रकरण बढ़ रहे है।मैं स्थाई लोक अदालत का सदस्य रहा।इस दौरान हमने देखा कि गलत तरीके से भी बीमा कंपनियां बीमा क्लेम खारिज कर देती है।इसके कारण अदालतों में मुक्कदमे बढ़ते है।बीमा कंपनियों को प्रि लिटिगेशन स्टेज पर समझौता अधिकारी के जरिये मामलों को निपटाने पर न्यायहित में ध्यान देना होगा

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