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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में आप सभी को "पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा " के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हु। पावर ऑफ़ अटॉर्नी के बारे में आपके मन में कई प्रकार के सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि :-
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख़्तारनामा क्या होता है ?
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी कितने प्रकार के होते है ?
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी / मुख्तारनामा कब बनाया जाता है ?
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी बनाते समय किन किन बिंदुओं का लिखा जाना आवश्यक है ?
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी बनाने की प्रक्रिया क्या है?
चलिए आपके इन्ही सब सवालो के जवाब को विस्तार से जानते है, ताकि आपको पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख़्तार नामा के बारे में अधिक ज्ञान हो जाये।
1. पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा क्या होता है ?
पावर ऑफ़ अटॉर्नी अधिनियम, 1882 की धारा 1क के अनुसार पावर ऑफ़ अटॉर्नी एक ऐसा लिखित विधिक दस्तावेज है, जिसके जरिये कोई व्यक्ति अपनी न मौजूदगी में या अन्य असमर्थता के कारण किसी विशिष्ट व्यक्ति को अपने कार्य करने का विधिक प्रतिनिधि बनाता है। जहाँ इस लिखित विधिक दस्तावेज में व्यक्ति अपने निजी कार्य, व्यापर से सम्बंधित कार्य या कानूनी कार्य को करने लिए व् उन पर हस्ताक्षर करने के लिए किसी विशिष्ट व्यक्ति को उसकी तरफ से कार्य करने का अधिकार देता है, ऐसे लिखित दस्तावेज को पावर ऑफ़ अटॉर्नी / मुख्तारनामा कहा जाता है।
2. पावर ऑफ़ अटॉर्नी / मुख्तारनामा कितने प्रकार के होते है ?
पावर ऑफ़ अटॉर्नी को मुख्यतः दो भागो में विभाजित किया गया है, जो कि निम्न प्रकार से है :-
- आम मुख्तारनामा।
- विशेष मुख्तारनामा।
1. आम मुख्तारनामा :- आम मुख्तारनामा के जरिये व्यक्ति किसी विशिष्ट व्यक्ति को अपनी न मौजूदगी में स्वयं द्वारा जाने वाले प्रत्येक कार्यों के किये जाने का प्रतिनिधि बनाता है और उस व्यक्ति को उसकी तरफ से कार्य करने अधिकार देता है। आम मुख्तारनामा का रजिस्ट्री कार्यालय से पंजीकृत होना आवश्यक है।
2. विशेष मुख्तारनामा :- विशेष मुख्तारनामा के जरिये व्यक्ति किसी विशिष्ट व्यक्ति को अपनी न मौजूदगी में किसी विशेष कार्य को किये जाने के लिए प्रतिनिधि बनाकर उस व्यक्ति को अपनी तरफ से कार्य करने का अधिकार। विशेष मुख्तारनामा का रजिस्ट्री कार्यालय से पंजीकृत होना आवश्यक है।
3. पावर ऑफ़ अटॉर्नी / मुख्तारनामा कब बनाया जाता है ?
पावर ऑफ़ अटॉर्नी / मुख्तारनामा के जरिये व्यक्ति अपनी न मौजूदगी में या अन्य असमर्थता के कारण अपने कार्यो को करने के लिए किसी विशिष्ट व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि बनाता है जहाँ वह उस व्यक्ति को अपने कार्यो व् उनपर हस्ताक्षर करने का अधिकार देता है। ये कार्य निम्न हो सकते है जैसे कि :-
- वाद प्रतिवाद के सम्बन्ध में,
- वाद पत्र,
- प्रतिवाद पत्र,
- प्रत्येक प्रकार के वाद पत्र,
- शपथ पत्र,
- उत्तरप्रति, प्रतिउत्तर,
- संपत्ति के प्रबंध के सम्बन्ध में,
- संपत्ति की खरीद व् बिक्री,
- बैनामा,
- हिबनामा,
- इकरारनामा,
- रेहनामा,
- रजिस्ट्री,
- न्यायालय व् अन्य राजकीय विभागों में उपस्थिति होने के लिए।
- न्यायालय,
- दीवानी,
- कलेक्ट्री,
- कमीश्नरी,
- बोर्ड ऑफ़ रेवन्यू,
- फौजदारी,
- बंदोबस्ती (चकबंदी),
- उच्च न्यायालय व् सर्वोच्च न्यायालय,
- पंचायत विभाग,
- नहर,
- कृषि,
- टाउन एरिया,
- नगर पालिका,
- नगर महापालिका,
- जिला पिरषद,
- आबकारी,
- डाक खाना,
- तार,
- रेलवे,
- पुलिस,
- इंजीनियरिंग,
- कोष बैंक,
- फाइनेंस करार,
- इलेक्शन,
- समस्त रजिस्टर्ड कम्पनी,
- अन्य विभाग।
- बैरिस्टर,अधिवक्ता, वकील, मुख्तारखास को नियुक्त अथवा पृथक करे।
4. पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा बनाते समय किन किन बिंदुओं का लिखा जाना आवश्यक है ?
पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा क्या होता है, इसका ज्ञान होने के बाद अब बात आती है कि पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा बनता कैसे है, इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाता है की पावर ऑफ़ अटॉर्नी बनाते समय क्या लिखा जायेगा। इसको हम नींम बिन्दुओ से समझेंगे :-
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी जरिये अपने अधिकार देने वाले व्यक्ति का पूर्ण नाम, पिता का नाम व् निवास स्थान का पता।
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी जरिये अधिकार देने वाले व्यक्ति पहचान प्रमाण पत्र के लिए उसका आधार संख्या।
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी जरिये अधिकार देने वाले व्यक्ति का क्या कार्य करता है व् उसके कार्यस्थल का पता।
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी जरिये जिस व्यक्ति को अधिकार दिया जा रहा है, उस व्यक्ति का नाम, पिता का नाम व् उसका निवास स्थान।
- उस कार्य का लिखा जाना जिस कार्य को किये जाने के लिए किसी विशिष्ट व्यक्ति को अधिकार दिया जा रहा है।
5. पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा बनने की प्रक्रिया क्या है ?
पावर ऑफ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा बनने की प्रक्रिया को निम्न बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझ सकते है :-
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा बनाते समय उपरोक्त जिन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, इन सभी बिंदुओं को एक निर्धारित तरीके से स्टाम्प पर लिखना होता है।
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी जरिये अधिकार देने वाले व्यक्ति की फोटो, आधार कार्ड।
- दो गवाह व् उनकी फोटो व् आधार कार्ड।
- मुख्तारनामा से सम्बंधित विवरण स्टाम्प पेपर पर लिख जाने पर रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन आवेदन करना होता है और वहां से आवेदन संख्या जारी की जाती है जो कि आवेदक को दी जाती है।
- रजिस्ट्री कार्यालय में मुख्तारनामा जरिये अधिकार देने वाले व्यक्ति व् दो गवाहों की ताजी फोटो ली जाती है जो मुख्तारनामे में छापी जाती है।
- मुख़्तारनामा के आवेदन में लगने वाली फीस राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है।
- मुख्तारनामा से सम्बंधित रजिस्ट्री कार्यालय में प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद रजिस्ट्रार उस मुख्तारनामे की जाँच कर उस पर हस्ताक्षर कर उसको जारी करता है।
- मुख्तारनामा बनने में कम से कम 2 दिन या अधिक एक हफ्ता लग सकता है या जैसी स्थिति हो।
पावर ऑफ़ अटॉर्नी यानी मुख्तारनामा बनवाने के लिए आपको अपने जिले के जानकार अधिवक्ता से संपर्क करना होगा।
सबसे पहले आपको नमस्कार धन्यवाद आपने जानकारी अच्छी दी है आपने सब कुछ उसमें बताया है मुझे कुछ दिक्कतें हुई तो मैंने भी आपके साइड चोपड़ा अपने स्टाफ के बारे में नहीं बताया बाकी सब कुछ बताया है कोई बात नहीं पहले ₹50 के स्टांप पर होता था अब ₹100 या ₹500 पर होता है धन्यवाद
ReplyDeleteThanks sir aapse kucha our jankari chahiy
Deletea R k maurya allipur post allipur babhanjot mankapur gonda
आरके जी धन्यवाद ।
Deleteसबसे पहले आपको नमस्कार धन्यवाद आपने जानकारी अच्छी दी है आपने सब कुछ उसमें बताया है मुझे कुछ दिक्कतें हुई तो मैंने भी आपके साइड चोपड़ा अपने स्टाफ के बारे में नहीं बताया बाकी सब कुछ बताया है कोई बात नहीं पहले ₹50 के स्टांप पर होता था अब ₹100 या ₹500 पर होता है धन्यवाद
ReplyDeleteदशरथ जी धन्यवाद ।
Deleteपत्नी बार बार माइके चली जाती हैं घर वालो के कहेने मे और फिर 5 6 महीने मे समझोता कर के आ जाती है फिर घर वालो के चक्कर में आकर लड़ाई झगडा कर के चली जाती है ऐसी स्थिति में किस परकार की लिखा पड़ी करनी चाइए जो मुझे छोड़ कर ना जाए दो लड़किया भी हैं मेरी
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