भवन मालिक और ठेकेदार के बीच भवन निर्माण अग्रीमेंट लिखते समय ध्यान देने वाली मुख्य बातें।
- विशेष विवरण के साथ भवन निर्माण में लगने वाली लागत ।
- सरिया, सीमेंट, रेत, बालू , आदि जैसी बुनियादी भवन निर्माण सामग्री की लागत मूल्य।
- फ्लोरिंग, पेंटिंग, वाल टाइल्स, बाथ वेयर फिटिंग जैसी बुनियादी सामग्री की लागत।
- ओवरहेड टैंक यानि पानी की टंकी, भवन की चार दीवारी , पैरापेट वाल यानी ए० सी०, पाइप अदि की फिटिंग के लिए दीवाल, आदि से साथ अतिरिक्त कार्य की लागत।
- यदि भवन निर्माण सामग्री की मूल लागत में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन होता है ,तो उसका लाभ कौन प्राप्त करेगा।
- भवन निर्माण में लगने वाला पूर्ण समय वो भी तारीख के साथ।
- आर्किटेक्ट की फ़ीस / हाउस प्लानिंग का खर्चा भवन निर्माण के चरण में कौन देगा।
- भवन निर्माण को लेकर देने वाले भुगतान की तिथियो के साथ भुगतान की समय सीमा।
- बी०बी० एम० पि ० बी ० डी ० ए ० प्लान की मंजूरी व् बी० डब्लू ० एस ० एस ० बी ० , बी० इ ० एस ० सी ० ओ ० एम ० अदि में मालिक की क्या भूमिका या क्षेत्र होगा।
- भवन निर्माण ठेकेदार द्वारा कार्य में किये गयी देरी पर क्या होगा।
- भवन मालिक द्वारा किये गए भुगतान में विलम्ब होने पर क्या होगा।
- भवन निर्माण स्थान पर निर्माण सामग्री की सुरक्षा व् स्वामित्व का जिम्मा किस पर होगा।
- भवन निर्माण कार्य में होने वाली देरी व् देरी से भुगतान होने पर क्या निर्णय लिया जायेगा।
- भवन निर्माण के दौरान अतिरिक्त कार्य करने के लिए भवन मालिक से मंजूरी लेना अनिवार्य है।
- भवन निर्माण को लेकर निपटान शर्ते यदि दोनों पक्ष आपसी सहमति से भवन निर्माण कार्य जको बंद करना चाहते है।
- प्रत्येक बिल पर कुछ प्रतिशत मालिक के पास रहेगा जो कि भवन निर्माण के पुरे होने के कुछ अवधि के बाद दिया जायेगा। ( यह प्रतिशत व् अवधि मालिक व् ठेकेदार स्वयं तय करे )
- भवन निर्माण के लिए ठेकेदार द्वारा किये गए सभी प्रकार के कार्यों का स्पष्ट रूप से सम्पूर्ण विवरण का उल्लेख किया जायेगा।
- भवन निर्माण के पूरा होने 3 महीने की अवधि तक नागरिक समस्याओं की जिमेदारी ठेकेदार की होगी।
- भवन निर्माण स्थान पर किये गए वास्तिक कार्य की माप जोख होने के बाद ही सिविल ठेकेदार को अंतिम बिल दिया जायेगा।
- यदि भवन निर्माण को लेकर कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो ऐसी परिस्थित में सभी विवादों का निपटारा एक योग्य साइट इंजीनियर की मौजूदगी में निष्पक्ष रूप से होगा।
हम आपको भवन निर्माण एग्रीमेंट लिखने का तरीके बताते है, एक प्रभावशाली भवन निर्माण एग्रीमेंट कैसे लिखे।
यह मात्र केवल एक उदहारण है
भवन निर्माण अनुबंध
(Building construction agreement)
प्रथम पक्ष का नाम ( भवन स्वामी का पूरा नाम उसके वर्तमान पता व् स्थायी पता के साथ ).... . . . . . . .
(प्रथम पक्ष भवन स्वामी )
धारा 2. यह भवन निर्माण अनुबंध वर्ग फुट आधारित है। निर्मित क्षेत्र के प्रति वर्ग फ़ीट की लागत 1850 रुपया है। (1850 की जगह आप अपने क्षेत्र फल के हिसाब से जो हो लागत के साथ भरे) , वर्ग फुट में बालकनियां और उपयोगिताओं सहित सभी निर्मित क्षेत्र शामिल होंगे। बाहर बैठने का मार्ग की लागत रु 200 / sq ft होगी।
यह कि ईमारत का कुल क्षेत्रफल 4000 sft ( 4000 sft की जगह आप अपना वर्ग मीटर जो हो वो भरे) है, इसलिए 4000 x 1850 = रु 7400000 है।
भवन के प्रवेश मार्ग का कुल क्षेत्रफल भूतल पर प्रवेश करता है और उत्तर की ओर बाहर बैठने की जगह 400 वर्ग फुट है। जिसकी लागत 400x 200 = रु 80000 होगी। ( केवल अस्सी हजार रुपया )
धारा 3. यह कि आर्किटेक्ट ( आर्किटेक्ट का नाम व् उसके कार्यालय के पता के साथ) और उसके प्रतिनिधि, मालिक द्वारा नियुक्त किये जायेंगे उसके न होने की स्तिथि में किसी और मालिक द्वारा नियुक्त किया जायेगा और इन सब की जानकारी लिखित रूप में ठेकेदार को सूचित किया जायेगा।
धारा 4.यह कि अनुसूची में उल्लिखित दर सभी मामलो में पूर्ण कार्य के लिए होगी और इसमें सभी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और आकस्मिक लागते शामिल होंगी जैसे कि मचान के लिए शुल्क, ,सामग्री और शटरिंग के लिए शुल्क, उपकरण व् मशीनरी के लिए किराया, परिवहन शुल्क व् निर्माण सामग्री के लिए अस्थायी भंडार गृह कार्य शामिल होंगे। सामग्री व् मलबे को हटाने के लिए श्रम शुल्क आदि शामिल होंगे।
धारा 5. यह कि लागत निर्धारण शुल्क अनुसूची में दरें स्टील और सीमेंट की मूल दरों पर आधारित होती है,इन बुनियादी दरों में किसी भी वृद्धि के मामले में कम या ज्यादा की ओर समायोजन अनुबंधित राशि में किया जायेगा। किसी अन्य वस्तु या सामग्री में वृद्धि होने पर खाते से सम्बंधित कोई अनुमति न दी जाएगी।
धारा 6. यह की ठेकेदार इसके लिए हर तरह से भवन निर्माण का कार्य पूरा करने के लिए सहमत है ताकि भवन अमुक तिथि (भवन निर्माण की समय सीमा तिथि ) पर या उससे पहले पूरी तरह से रहने योग्य बना सके। ठेकेदार इस तिथि से 10 दिनों के भीतर कार्य अनुसूची प्रस्तुत करेगा और प्रगति की निगरानी के लिए साप्ताहिक बैठक निर्माण स्थान में आयोजित की करेगा।
धारा 7. यह की इस समझौते के धारा 2 बिल की मात्रा में उल्लिखित दरों में शामिल होने वाले सभी कार्य अनुबंध कर लागु होंगे व् कोई गैर निविदा साम्रगी में वास्तविक +10 % लाभ के अनुसार शुल्क लिया जायेगा।
धारा 8. यह कि भवन निर्माणकर्ता / ठेकेदार निम्नलिखित मामलो के अनुपालन के लिए, सम्बंधित कानून के तहत अनुपालन, व्यय, भुगतान, हर्जाना आदि के लिए पूरी तरह से स्वयं जिम्मेदार होगा। किन्ही भी परिस्थितों में इस तरह के अनुपालन,व्यय भुगतान और हर्जाने के लिए भवन मालिक उत्तरदायी नहीं होगा।
यह परिस्थितयां निम्न प्रकार से है :-
- कर्मचारी प्रतिकार अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, भविष्य निधि अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम और मजदूरी भुगतान अधिनियम।
- निर्माण में कार्यत श्रमिकों से सम्बंधित कोई अन्य कानून।
- इस अनुबंध के तहत कार्य के कारण व्यक्ति और संपत्ति के, चोट आदि के सम्बन्ध में अन्य सामान्य कानून।
- वैधानिक दायित्वों का पालन करने में भवन निर्माणकर्ता की विफलता के कारण से मालिक को कोई क्षति, हर्जाना, जुर्माना, मुकदमा, भुगतान की स्तिथि पैदा होती है, तो उसकी क्षतिपूर्ति ठेकेदार करेगा।
- अग्रिम संरचना,
- नीव,
- फुटिंग चरण,
- सीढ़ी अवस्था,
- भू तल,
- कर्नल, ब्लॉक कार्य, सीढ़ी,
- छत,
- पहली मंजिल,
- कर्नल, ब्लॉक कार्य, सीढ़ी,
- रूफ लेवल,
- वास्तु,
- डोर फ्रेम / इलेक्ट्रिकल
- लेप,
- पाइपलाइन,
- बाहरी प्लास्टर,
- फर्श,
- दरवाजा,खिड़की,
- पेंटिंग आदि।
धारा 12. भवन निर्माणकर्ता /ठेकेदार जब लिखित रूप से अधिकृत हो या जिसे मौखिक रूप से निर्देशित किया गया हो और बाद में मालिक द्वारा पूर्व सहमति के साथ वास्तुकार द्वारा लिखित रूप में पुष्टि की गयी हो और अनुसूची में दिखाए और वर्णित किये गए कार्यो से भिन्न हो या उसने भिन्न न हो, तो ऐसे में ठेकेदार ऐसे प्राधिकरणों या दिशा निर्देशों के बिना कोई जोड़ घटाव , चूक या बदलाव नहीं करेगा।
आर्किटेक्ट अनुसूची में दिखाए गए और वर्णित किसी भी कार्य की सामग्री को जोडने या छोड़ने के लिए भवन मालिक की सहमति आवश्यक होगी।
यह की सभी अधिकृत विविधताएँ जिनके लिए कोई दर या मूल्य पहले से तय नहीं हो सकती थी, उन्हें आर्किटेक्ट द्वारा मापा और उनका मूल्यांकन किया जायेगा। समाग्री, जिसके लिए ऐसी कोई दर मौजूद नहीं है, कार्यस्थल पर ठेकेदार को वास्तविक लागत पर 15 % gst प्रदान किया जायेगा, जो की वास्तुकार ऐसी लगत को विविधताः प्रमाणित करता है।
धारा 13. यह की सम्बंधित सभी सामग्री विशिष्ट ब्रांड और कारीगर सर्वश्रेष्ठ होंगे और अनुसूची में वर्णित होंगे। कारीगरी और सामग्री की दरों, मात्रा और पर्याप्ता के बारे में आर्किटेक्ट का निर्णय अंतिम होगा और ठेकेदारों पर बाध्यकारी होगा।
यह की भवन निर्माण को लेकर किसी भी दोषपूर्ण सामग्री को निर्माण कार्य से हटाने का आदेश देने या इस समझौते और कार्यक्रम के अनुसार सामग्री को बदलने के आदेश देने की शक्ति व् अधिकार होगा।
धारा 14. यह की पानी और बिजली की पूर्ति के लिए भवन मालिक अस्थायी बिजली के कनेक्शन की व्यवस्था करेगा, निर्माण के दौरान सभी बिजली और पानी का शुल्क मालिक द्वारा वहन किया जायेगा।
धारा 15 . यह की भवन में कोई दोष, रिसाव या संकोचन या अन्य कोई दोष निर्माण कार्य पूरा होने की तारीख से तीन महीनों के भीतर प्रकट होती है, तो वास्तुकार या मालिक की लिखित निर्देश पर उचित समय के भीतर निर्दिष्ट किया जायेगा जिसमे सुधर किया जायेगा और ठेकेदार द्वारा अपनी लागत पर अच्छा बनाया जायेगा।
मालिक ऐसे दोषों को निर्धारित करने के लिए अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर सकता है, उस दोष को सही करने के लिए भुगतान कर सकता है और उस दोष पर होने वाली पूरी लागत और खर्चे ठेकेदार द्वारा देय धन सहित किसी भी धनराशि से या ठेकेदार द्वारा वसूल किया जायेगा।
धारा 16. यह कि वास्तुकार की राय में ठेकेदार द्वारा किया गया निर्माण कार्य असंतोषजनक है, या निर्माण कार्य की प्रगति धीमी है या यह सम्भावना है कि ठेकेदार अनुसूची के भीतर कार्य पूरा करने में असक्षम है, तो मालिक को इस अनुबंध को समाप्त करने का पुरा अधिकार होगा।
धारा 17. भवन निर्माणकर्ता / ठेकेदार निर्माण स्थान पर सभी सामग्रियों की सुरक्षा व् संरक्षण के लिए जिम्मेदार होगा। वह किसी भी नुकसान के लिए मालिक को क्षतिपूर्ति करेगा।
धारा 18. यह कि मालिक का निर्माण स्थान पर कब्ज़ा बरकरार रहते हुए केवल ठेकेदार को आवासीय घर बनाने हेतु संपत्ति पर प्रवेश करने की अनुमति दे सकता है। मालिक को बाद में किसी भयउ समय स्वतंत्र रूप से प्रवेश करने और पूर्वोक्त आवासीय निर्माण स्थान कब्जे और स्वामित्व के सभी कार्यो का उपयोग करने का अधिकार होगा।
धारा 19. यह की अग्रिम राशि 10,00000 ( जो आपके व् ठेकेदार के मध्य तय हो वह राशि लिखे) मालिक द्वारा ठेकेदार को चेक के माध्यम से कार्य शुरू होने से पहले निकासी की सहमति दी जाती है। चेक -----------( चेक की संख्या ) दिनांक ---------- ( )
धारा 20. यह की मालिक और ठेकेदार के मध्य होने वाले विवाद या मतभेद के मामले में, आर्किटेक्ट का निर्णय दोनों पक्षकारों पर बाध्यकारी होगा।
Very useful.
ReplyDeleteVery usefull agreement
Deleteyah jankari pakar mujhe bahut achha laga, main bahut dino se is prkar ki jankari lena chahta tha!
ReplyDeleteसर जी इस तरह का एग्रीमेंट करने के लिए स्टांप ड्यूटी कितने पर्सेंट है जमीन की मालिया पर लगेगी या लेन-देन पर लगेगी
ReplyDeleteस्टाम्प ड्यूटी सर्कल रेट पर लगती है ।
ReplyDeleteSir is tarah k agreement pr stamp duty to nhi lgti
ReplyDeleteरजिस्ट्रेशन के समय लगेगी ।
DeleteSir mera ek office h. Jo ki hum log theka leke kaam krate h to hum log Malik se kaise agreement kr sakte h.
ReplyDeleteAap ek pdf file bana ke send kr dete to bahut achha rhata..
????????????
Delete40×72 ka plot hai jisme 10 flats & 8 shop bane hue hai jisme owner ko 32% share kitna hoga
ReplyDeleteसर मै सिर्फ First floor का काम करवा रहा हूं उसके लिये किस तरह से एग्रीमेट बनेगा
ReplyDeleteजिस मंजिल तक निर्माण करवाना है, उस मंजिल के संबंध मे विवरण लिखो ।
DeleteGood morning Sir Ji, मुझे आपसे ठेकेदार और मालिक के विवाद के बारे में बात करनी है तो क्या आप अपना कॉन्टैक्ट नंबर मुझे दोगे प्लीज
ReplyDeletecall us वाले विकल्प पर नंबर है , वहाँ से प्राप्त कर लें ।
DeleteGuru ji thekedaar ne kaam beech me hi band kar diya h
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