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ni act sec 138 चेक बाउंस हो जाने पर क्या करना चाहिए और कानूनी प्रक्रिया क्या है A step by step legal procedure after cheque bounce ni act sec138

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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में आप सभी यह बताने जा रहा हु कि चेक बाउंस हो जाने के बाद की कानूनी प्रक्रिया क्या है ?

आज कल लोग रूपये का लेन देन हाथों -हाथ न करके ऑनलाइन ट्रांसफर या तो चेक के माध्यम से करते है , ऐसा इसीलिए की हर समय व्यक्ति अत्यधिक नकदी न तो अपने साथ लेकर घूम सकता और न ही साथ रखता है, अपनी सुविधा के अनुसार व्यक्ति उतना ही नकद रकम लेकर घूमता जितने में उसका काम चल सके। 
ni act sec 138 चेक बाउंस हो जाने पर क्या करना चाहिए और कानूनी प्रक्रिया क्या है A step by step legal procedure after cheque bounce ni act sec138

अक्सर व्यक्ति  जब भी किसी से उधार लेता है या दुकान से कोई भी सामान लेता है, या दुकान से EMI पर सामान लेता है या अन्य कोई भी खरीदारी करता है ,तो वह उस सामान का भुगतान या तो ऑनलाइन कर देता है या चेक के माध्यम से करता है। 
जिस व्यक्ति को चेक दिया जाता है ,तो वह उस चेक को कैश कराने के लिए अपने बैंक में लगाता है, चेक लगाने के बाद उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट में रुपया जमा हो जाता है, यदि रुपया अकाउंट में जमा नहीं, तो पाता,  तो वह व्यक्ति बैंक से संपर्क करता है कि किस कारण से जमा किये गए चेक का रुपया अभी तक अकाउंट में जमा नहीं हुआ है, तो बैंक के द्वारा कई कारण बताये जाते है उनमे से एक कारण चेक बाउंस होने का भी होता है। 

चेक बाउंस होने को लेकर आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि :-
  1. चेक बाउंस क्या होता है ?
  2. चेक कितने समय तक वैध रहता है ?
  3. चेक बाउंस होने के क्या कारण हो सकते है ?
  4. चेक बाउंस होने पर क्या करना चाहिए ? 
  5. चेक बाउंस होने पर कानूनी प्रक्रिया क्या है ?
  6. चेक बाउंस होने की जानकारी देनदार को देने के बाद भी दनदार कुछ न करे तो क्या करे ?
  7. चेक बाउंस होने पर सिविल मुकदमा कैसे दायर करे ?
  8. चेक बाउंस होने पर  क्रिमिनल मुकदमा कैसे दायर करे ?
  9. मुकदमा दायर करते समय किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी ?
  10. कब चेक बाउंस हो जाने पर न लीगल नोटिस भेजी जाएगी और न ही कोई मुकदमा दायर होगा ?
चेक बाउंस होने से लेकर कानूनी प्रक्रिया सम्बंधित पूरी प्रक्रिया क्या है, आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे। 

1. चेक बाउंस / cheque dishonoured  होना क्या होता है ? 
जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को चेक के माध्यम से एक निश्चित राशि का भुगतान करता है, तो भुगतान करने वाला व्यक्ति चेक में एक निश्चित राशि इस आधार पर लिखता जितना उसके बैंक अकाउंट में राशि जमा होती है। चेक पाने वाला व्यक्ति उस चेक को कैश कराने के लिए अपने बैंक अकाउंट में जमा करता है, ताकि उक्त धन राशि उसके अकाउंट में जमा हो जाये। 
लेकिन यही चेक की उक्त धन राशि बैंक अकाउंट में जमा नहीं हो पाती तो, उस कारण को जानने के लिए चेक जमा करने वाला व्यक्ति बैंक से सम्पर्क करता है, तो बैंक चेक बाउंस होने का कारण बताती है , जिसका सीधा सा यह मतलब है कि जिस व्यक्ति ने आपको भुगतान के लिए चेक दिया था, उस चेक में लिखित उक्त धन राशि उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट में नहीं है कि आपको पेमेंट हो सके, या उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट में उतनी धन राशि नहीं है कि जितने का उसने आपको चेक बना कर दिया था। 

चेक बाउंस को एक उदाहरण से समझते है:-
क ने 10000 रूपये की  धनराशि का भुगतान ख को चेक के माध्यम से किया, लेकिन जब ख इस 10000 रूपये की धनराशि का चेक अपने बैंक में लगाता है, तो बैंक द्वारा उस चेक को बाउंस कर दिया जाता है, अर्थात क ने यह चेक जो ख को  दिया था क के  बैंक अकाउंट में 10000 रूपये की धनराशि नहीं है कि ख का भुगतान किया जा सके, जिसके कारण से चेक बाउंस कर दिया गया है। 

 2. चेक कितने समय तक वैध रहता है ?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट धारा 138 की उपधारा (क) के तहत चेक प्राप्त होने के की तारीख़ से 6 महीने की अवधि के भीतर  या चेक की वैधता की अवधि के भीतर या उससे पहले जो भी पहले हो, चेक क्लियर करें के लिए बैंक में जमा कर देना चाहिए।
यदि चेक की वैधता के समाप्त हो जाने के बाद उस चेक को बैंक में क्लियर होने के लिए जमा करते है ,तो वह चेक अमान्य माना जायेगा और चेक का कोई बीच मूल्य नहीं होगा।

3. चेक बाउंस होने के क्या-क्या कारण हो सकते है ?
चेक बाउंस होने का एक मुख्य कारण बैंक अकाउंट में रूपये का न होना या उक्त धनराशि जो कि चेक में लिखी गयी है उतना धन बैंक अकाउंट में है ही नहीं।  चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते है जैसे की:-
  1.  बैंक अकाउंट में काम धन राशि का होना। 
  2. बैंक अकाउंट का फ्रीज हो जाना। 
  3. चेक में स्पष्ट रूप से नाम का न लिखा जाना।
  4. चेक में गलत हस्ताक्षर हो जाने पर।  
  5. चेक में विवरण का गलत हो जाना। 
  6. चेक में पुरानी तारीख़ का लिखा होना। 
  7. तीन महीने की अवधि पूर्ण हो जाने के बाद चेक का बैंक में लगाना। 
4. चेक बाउंस हो जाने पर क्या करना चाहिए और कानूनी प्रक्रिया क्या है ?
चेक देने वाले व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पर्यात धनराशि न होने के कारण बैंक उस व्यक्ति के द्वारा दिए गए चेक को बाउंस कर देती है। चेक बाउंस हो जाने पर बैंक एक लिखित रशीद देती है, जिसपर चेक बाउंस होने का सम्पूर्ण विवरण लिखा होता है। जब आपको इस बात की जानकारी होती है कि जिस व्यक्ति के द्वारा आपको चेक दिया गया था उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया है, तो आपको यह करना चाहिए कि :-
  1. चेक बाउंस होने की जानकारी आप उस व्यक्ति को दे जिसने आपको चेक दिया था, हो सकता सकता है कि उसने आपको गलत बैंक अकाउंट का चेक दे दिया हो जिसमे पैसे नहीं इस बात की जानकारी उसको भी नहीं थी। 
  2. आपके द्वारा चेक बाउंस हो जाने पर भी वह व्यक्ति आपकी समस्या का कोई भी समाधान नहीं करता है , तो ऐसे आपके पास दो उपाए है। 
  3. पहला की आप चेक देने वाले व्यक्ति को चेक बाउंस होने के बाद 30 दिनों के भीतर एक लिखित लीगल नोटिस भेजवा दे। 
  4. आपके द्वारा भेजी गयी चेक बाउंस होने की नोटिस का 15 दिनों के भीतर कोई भी जवाब नहीं आता, तो ऐसे में आप उस व्यक्ति के खिलाफ किसी अधिवक्ता /वकील /lawyer /advocate के माध्यम से जिले के न्यायालय में एक मुकदमा /वाद दायर करा दे। 
  5. जिस व्यक्ति का दिया चेक बाउंस हो गया है उस व्यक्ति के खिलाफ आप सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 37 के तहत सिविल न्यायालय में एक सिविल मुकदमा दायर कर सकते है। 
  6. जिस व्यक्ति का दिया चेक बाउंस हो गया है उस व्यक्ति के खिलाफ आप भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत आपराधिक न्यायालय में एक आपराधिक मुकदमा /वाद दायर करा सकते है।  
5. चेक बाउंस होने पर किस कानून के तहत कौन सी धारा लगती है ?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट /Negotiable instrument act 1881 की धारा 138 बैंक अकाउंट में पर्याप्त धनराशि आदि न होने के कारण चेक बाउंस होने सम्बन्धी प्रावधान किये गए। 

जहाँ किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी धनराशि के भुगतान के लिए चेक दिया जाता है, और उस चेक में लिखी हुई धराशि बैंक अकाउंट में जमा धनराशि से अधिक है,तो बैंक अकाउंट में अपर्याप्त राशि होने के करण बैंक उस चेक को बाउंस कर देती है। 
अधिनियम के तहत चेक बाउंस होना एक अपराध माना गया है जिस व्यक्ति ने यह अपराध किया है उस व्यक्ति पर अधिनियम की धारा 138 के तहत कानूनी कार्यवाही होती है, जिसके तहत व्यक्ति को 2 साल तक का कारावास या जुर्माने से जो कि चेक की राशि से दोगुना तक या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। 

6. चेक बाउंस होने की जानकारी देनदार को देने के बाद भी वह कुछ नहीं करता तो क्या करे। 
चेक बाउंस हो जाने की जानकारी आपके द्वारा देनदार को दी जाती है, कि पर्याप्त धन या अन्य कारणों से बैंक ने चेक बाउंस कर दिया है। इस जानकारी के प्राप्त होने पर भी देनदार द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जाता है , तो आप चेक बाउंस होने की जनकारी मिलने के 30 दिनों के भीतर देनदार को लीगल नोटिस भेज सकते है।

7. चेक बाउंस हो जाने पर सिविल मुकदमा दायर करे। 
यदि चेक देने वाले व्यक्ति को चेक बाउंस होने की जानकारी समय पर दी जाती है और उस जानकारी के प्राप्त होने के बावजूद भी वह कुछ नहीं करता मतलब की आपके पैसे देने से इंकार कर देता है , तो ऐसे में आप उस व्यक्ति के खिलाफ सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 37 नियम 6 के तहत या नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट धारा 138 के तहत चेक बाउंस होने पर सिविल मुकदमा दायर कर सकते है।  मुकदमा दायर करने से पहले आपको कुछ कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करनी होगी:-

  1. बैंक से चेक बाउंस होने की जनकारी प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर चेक देने वाले व्यक्ति को एक लीगल नोटिस भेजे, उस नोटिस में चेक बाउंस होने सम्बंधित सभी विवरण स्पष्ट रूप से लिखे। 
  2. नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर चेक देने वाले व्यक्ति के द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है, तो ऐसे में आप सिविल न्यायालय में अधिवक्ता/वकील की मदद से मुकदमा दायर कर सकते है। 
  3. मुकदमा दायर करते समय आपको चेक बाउंस होने सम्बंधित दस्तावेज भी लगाने होंगे। 
8. चेक बाउंस होने पर फौजदारी मुकदमा दायर करे। 
यदि चेक देने वाले व्यक्ति को चेक बाउंस होने की जनकारी समय पर दी जाती है ओर उस जानकारी के प्राप्त होने के बावजूद भी वह भुगतान करने इंकार कर देता है ,तो ऐसे में आप भारतीय दंड संहिता धारा 420 के तहत छल किये जाने के लिए मुकदमा दायर कर सकते है लेकिन उससे पहले कुछ कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी होगगी। 
  1. बैंक से चेक बाउंस होने की जानकारी प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर एक लीगल नोटिस भेजे। 
  2. लीगल नोटिस भेजने के 15 दिनों के भीतर कोई भी जवाब नहीं आता है,तो आप चेक देने वाले व्यक्ति के खिलाफ फौजदारी का मुकदमा दायर कर दे। 
  3. मुकदमा दायर करते समय आपको चेक सम्बंधित दस्तावेज लगाने होंगे। 
9. मुकदमा दायर करते समय किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी ?
चेक बाउंस होने की जानकारी प्राप्त होने पर इसकी जानकारी चेक जारीकर्ता को देने के बाद भी चेक देने वाला व्यक्ति आपको भुगतान देने से इंकार कर देता है ,तो उसपर सिविल और फौजदारी का मुकदमा दायर कर सकते है। मुकदमा दायर करते समय आपको इन निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी जैसे कि :-
  1. वह चेक जो कि बैंक द्वारा बाउंस किया गया है। 
  2. बैंक में चेक लगाते समय भरी जनि वाली स्लिप। 
  3. बैंक द्वारा चेक बाउंस की स्लिप जिस पर बैंक की मुहर व् अधिकारी के हस्ताक्षर अंकित है। 
  4. लीगल नोटिस जो की आपने चेक जारीकर्ता को भेजी थी। 
  5. लीगल नोटिस भेजने का सबूत जैसे कि रजिस्टर डाक की स्लिप। 
  6. लीगल नोटिस का कोई जवाब आया हो तो जवाब की मूल प्रति। 
  7. यदि आपके और चेक जारीकर्ता के मध्य किसी प्रकार का कोई लेनदेन हुआ था या हुआ है, तो उस लेनदेन सम्बंधित कोई दस्तावेज। 
  8. यदि चेक देने वाले व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का कोई अग्रीमेंट हुआ था, तो उस अग्रीमेंट से सम्बंधित मूल दस्तावेज। 
10 . कब चेक बाउंस होने पर भी न तो लीगल नोटिस भेज सकते है न ही कोई मुकदमा दायर किया जा सकता है ?
यदि किसी भी व्यक्ति के द्वारा आपको चेक गिफ्ट या डोनेशन के तौर पर दिया जा रहा है तो ,उस चेक के बाउंस हो जाने पर न तो आप किसी भी प्रकार की कोई भी लीगल नोटिस भेज सकते है और न ही सिविल मुकदमा और फौजदारी का मुकदमा दायर कर सकते है। 


20 comments:

  1. Hi
    Kya ni act petition after file or after evidence. Can I add respondent name add please

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  2. Sir ji cheque pr stop payment k option pr kis dhara m jaygey

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    1. जिसने आपको चेक दिया उसने बैंक से चेक के भुगतान रोके जाने या चेक का भुगतान किए जाने से पहले चेक किए जाने के संबंध मे बैंक को प्रार्थना पत्र क्यो लिखा ?

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  3. Check chori karke kisi pr mukdma kr skta h koi h ager koi yesa kr deta h to usse kese solve kare

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    1. चोरी करना अपराध है । चोरी का उद्देश्य क्या है ?

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  4. udhar diye paise ke against mai firm ke cheque sign krke (with date and amount) diye hai ab check bounce krwa diye hai. firm ki total income approx 1250000/- ho rakhee hai. aaise mai kya krna chihiye aur kya documents nikalwane chahiye aur samne wale ke business documents nikalwane ka kya tarika hai...??? Please suggest if possible

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    1. फ़र्म के दस्तावेज़ो के लिए आपको रजिस्ट्री कार्यालय से सम्पर्क करना होगा ।

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  5. Mera cheque bounce ho gya h.
    Ab age ki prakriya kya rahegi

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    1. लेख पुनः ध्यान से पढ़े ।

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  6. sir cheque Bounce hone par agar address na ho to Email or Whatsapp par legal notice send kiya ja sakta hai.

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  7. sir maine kisi ko Rs udhar diye unsne mere ko ek cheque diya, cheque dene wala meri hi city jhunjhunu ka rahne wala tha or jhunjhunu uska permament address hai lekin abb wo jaipur me kisi jagha rahne kam karne lag gya hai or jaipur me hi rahta hai. jaipur ka address mere pass nhi hai to kya Advocates ka legal notice usko Email ya Whatts app par send kiya ja sakta hai uske permament address ke alawa

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    1. रजिस्टर्ड डाक से पते पर नोटिस भेजने का महत्व अलग है ?

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  8. सर मेरे पिताजी ने सहकारी बैंक से ऋण लिया था, परंतु दुर्भाग्यवश मेरे पिताजी लकवाग्रस्त हो गए। अब बैंक द्वारा NI Act 138 के तहत कोर्ट का नोटिस मिला है।
    क्या उपाय है?

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    1. नोटिस मे क्या लिखा है ?

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  9. Sir mere father ne thekedaar ho ghar ka kaam shuru krane se pehle blank cheque sign krke diya tha lekin jb bank se payment aayi toh mere father ne us ko 1500000 rupay de diye lekin ghar ka nirmaan kaarya abhi bhi adhura bach gya tha jisme humne baad mai kisi or dusre thekedaar se kaam kraya, ab us pehle thekedaar ne cheque bouce krane coat se hum pr hi mukadma daal diya h sir kya kiya jaa skta h please help sir

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  10. Hallo Sir I am Himanshu From Muzaffarpur Bihar. Maine ek aadmi ko ek saal phle 1 lakh rs karz diya tha. Paisa maine uske account pe online transfer kiya tha. Badle me usne mujhe allahabad Bank ke 2 cheque diye the. Aaj Ek saal ho gye hai aur usne mera paisa nhi return kiya hai. Jab bhi paisa mangta hu uska family humko dhamki deta hai ki jhutha Case me fsa denge. Aur ek dikkat ye hai ki jo cheque usne mujhe diya tha vo cheque purna ho gya hai jo ki clearance nhi ho sakta Bank ke statement ke anusar .quki Allahabad ab Indian Bank me merge ho gya jisse check ka value ab nhi rha to aise condition me mai kya kru . Sir please help me.

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