भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं में हुए संशोधन और जोड़ी गयी नई धराओं के बारे में Amendment in Indian penal code sec166A sec 228A sec 376 new sec 376 AB sec 376 D sec 376 DB sec 376E
www.lawyerguruji.com
नमस्कार दोस्तों,
आज के इस लेख में हम आपको "भारतीय दंड संहिता" की कुछ धाराओं में हुए संशोधन और जोड़ी गयी नई धराओं के बारे में बताने जा रहे है।
समय के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर अधिनियम में संशोधन किया जा सकता है और समय के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर अधिनियम में नई धाराओं को जोड़ा भी जा सकता है। ये धाराएं अपराध से सम्बंधित उन अपराध की परिभाषा के साथ दंड के प्रावधान के बारे में बताती है। यदि कोई भी व्यक्ति अपराध करता है या करने का प्रयास करता है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को विधि के अनुसार अधिनियम के तहत दण्डित किया जायेगा।
तो, आईये अब जान ले की भारतीय दंड संहिता की संशोधित धाराओं और जोड़ी गयी नई धाराओं के बारे में।
भारतीय दंड संहिता की धाराओं में संशोधन
1. धारा 166 क (खंड ग )का संशोधन - (amendment of section 166 A)
भारतीय दंड संहिता की धारा 166 A के तहत यदि कोई लोक सेवक, जो विधि के अधीन निदेश की अवज्ञा करता है, तो उसे दण्डित किया जायेगा।
धारा 166 क के खंड ग के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 की उपधारा (1) के अधीन और विशेष रूप से भारतीय दंड संहिता की धारा 326 क , धारा 326 ख, धारा 354, धारा 354 ख, धारा 370, धारा 370 क, धारा 376, 376 क, 376 कख, 376 ख, धारा 376 ग, धारा 376 घ, धारा 376 घक, 376 घख या धारा 376 ड़ या धारा 509 के अधीन दंडनीय संज्ञेय अपराध के सम्बन्ध में लोक सेवक को दी गयी किसी सूचना को दर्ज करने में असफल रहेगा, तो वह कठोर कारावास, जो कम से कम 6 महीने या 2 साल तक की कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
2. धारा 228 क का संशोधन - कपितय अपराधों आदि से पीड़ित व्यक्ति पहचान का प्रकटीकरण -
जो कोई किसी नाम या अन्य बात को जिससे किसी ऐसे पीड़ित व्यक्ति की पहचान हो सकती है ,जिसके खिलाफ धारा 376, धारा 376 क, 376 कख, 376 ख, 376 ग, 376 घ, 376 घक, 376 घख, या 376 ड के अधीन किसी अपराध का किया जाना अभिकथित है या किया गया पाया गया है, मुद्रित या प्रकाशित करेगा वह दोनों में से किसी भी भांति कारावास से, जिसकी अवधि 2 साल तक की हो सकेगी दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेग।
3. धारा 376 का संशोधन - बलात्संग के लिए दंड-
लेकिन ऐसा जुर्माना पीड़ित की चिकित्सा खर्चो और पुनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित आउट युक्तियुक्त होगा।
परन्तु यह और इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जाएगा।
4. नई धारा 376 कख -12 वर्ष से कम आयु की स्त्री से बलात्संग करने के लिए दंड -
जो कोई 12 वर्ष से कम आयु की किसी स्त्री से बलात्संग करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि 20 साल से कम नहीं होगी, किन्तु आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब उस व्यक्ति की शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा, और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा अथवा मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा।
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित की चिकित्सा खर्चो और पुनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा,
परन्तु यह और इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
5. नई धारा 376 घक - सोलह वर्ष से कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करने के लिए दंड -
जो कोई सोलह वर्ष की कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करेगा, जहाँ व्यक्तियों के समूह में से एक या अधिक व्यक्तियों के द्वारा सब के सामान्य आशय को अग्रसर करने में सोलह वर्ष से कम आयु की स्त्री से बलात्संग किया जाता है, वहां ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति के बारे यह समझा जायेगा कि उसने बलात्संग किया है और वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब व्यक्ति के शेष जीवनकाल से होगा और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा,
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित के चिकित्सा खर्चो और पुर्नवास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा,
परन्तु यह और इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
6. नई धारा 376 घख -बारह वर्ष से कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करने के लिए दंड -
जो कोई बारह वर्ष से कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करेगा, जहाँ व्यक्तियों के समूह में से एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा सब के सामान्य आशय को अग्रसर करने में बारह वर्ष की कम आयु की स्त्री से बलात्संग किया जाता है, वहां ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति के बारे में यह समझा जायेगा की उसने बलात्संग किया है और वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब उस व्यक्ति की शेष जीवनकाल के लिए कारावास से होगा, और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा अथवा मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा,
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित के चिकित्सा खर्चो और पूनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा,
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
7. धारा 376 ड का संशोधन - पुनरावृत अपराधी के लिए दंड -
जो कोई धारा 376, 376 A, 376AB, धारा 376 D, धारा 376 DA, धारा 376 DB के अधीन दंडनीय किसी अपराध के लिए पहले दोषसिद्ध किया गया है और बाद में उक्त धाराओं में से किसी के अधीन दाण्डीय अपराध से दोषसिद्ध किया जाता है, वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब उस व्यक्ति के शेष जीवनकाल के लिए कारावास से होगा या मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा।
धारा 166 क के खंड ग के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 की उपधारा (1) के अधीन और विशेष रूप से भारतीय दंड संहिता की धारा 326 क , धारा 326 ख, धारा 354, धारा 354 ख, धारा 370, धारा 370 क, धारा 376, 376 क, 376 कख, 376 ख, धारा 376 ग, धारा 376 घ, धारा 376 घक, 376 घख या धारा 376 ड़ या धारा 509 के अधीन दंडनीय संज्ञेय अपराध के सम्बन्ध में लोक सेवक को दी गयी किसी सूचना को दर्ज करने में असफल रहेगा, तो वह कठोर कारावास, जो कम से कम 6 महीने या 2 साल तक की कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
2. धारा 228 क का संशोधन - कपितय अपराधों आदि से पीड़ित व्यक्ति पहचान का प्रकटीकरण -
जो कोई किसी नाम या अन्य बात को जिससे किसी ऐसे पीड़ित व्यक्ति की पहचान हो सकती है ,जिसके खिलाफ धारा 376, धारा 376 क, 376 कख, 376 ख, 376 ग, 376 घ, 376 घक, 376 घख, या 376 ड के अधीन किसी अपराध का किया जाना अभिकथित है या किया गया पाया गया है, मुद्रित या प्रकाशित करेगा वह दोनों में से किसी भी भांति कारावास से, जिसकी अवधि 2 साल तक की हो सकेगी दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेग।
3. धारा 376 का संशोधन - बलात्संग के लिए दंड-
- धारा 376 की उपधारा 1 के अनुसार जो कोई भी बलात्संग करेगा, वह दोनों में से किसी भी भांति के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि 10 साल से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी और वह जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
- उपधारा 2 के खंड (झ) का लोप किया जायेगा , अर्थात छोड़ा जायेगा।
- उपधारा 2 के बाद एक नई उपधारा अन्तः स्थापित की जाएगी उपधारा 3 .
लेकिन ऐसा जुर्माना पीड़ित की चिकित्सा खर्चो और पुनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित आउट युक्तियुक्त होगा।
परन्तु यह और इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जाएगा।
4. नई धारा 376 कख -12 वर्ष से कम आयु की स्त्री से बलात्संग करने के लिए दंड -
जो कोई 12 वर्ष से कम आयु की किसी स्त्री से बलात्संग करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि 20 साल से कम नहीं होगी, किन्तु आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब उस व्यक्ति की शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा, और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा अथवा मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा।
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित की चिकित्सा खर्चो और पुनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा,
परन्तु यह और इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
5. नई धारा 376 घक - सोलह वर्ष से कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करने के लिए दंड -
जो कोई सोलह वर्ष की कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करेगा, जहाँ व्यक्तियों के समूह में से एक या अधिक व्यक्तियों के द्वारा सब के सामान्य आशय को अग्रसर करने में सोलह वर्ष से कम आयु की स्त्री से बलात्संग किया जाता है, वहां ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति के बारे यह समझा जायेगा कि उसने बलात्संग किया है और वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब व्यक्ति के शेष जीवनकाल से होगा और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा,
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित के चिकित्सा खर्चो और पुर्नवास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा,
परन्तु यह और इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
6. नई धारा 376 घख -बारह वर्ष से कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करने के लिए दंड -
जो कोई बारह वर्ष से कम आयु की स्त्री से सामूहिक बलात्संग करेगा, जहाँ व्यक्तियों के समूह में से एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा सब के सामान्य आशय को अग्रसर करने में बारह वर्ष की कम आयु की स्त्री से बलात्संग किया जाता है, वहां ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति के बारे में यह समझा जायेगा की उसने बलात्संग किया है और वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब उस व्यक्ति की शेष जीवनकाल के लिए कारावास से होगा, और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा अथवा मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा,
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित के चिकित्सा खर्चो और पूनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा,
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित किसी भी जुर्माने का भुगतान पीड़ित को किया जायेगा।
7. धारा 376 ड का संशोधन - पुनरावृत अपराधी के लिए दंड -
जो कोई धारा 376, 376 A, 376AB, धारा 376 D, धारा 376 DA, धारा 376 DB के अधीन दंडनीय किसी अपराध के लिए पहले दोषसिद्ध किया गया है और बाद में उक्त धाराओं में से किसी के अधीन दाण्डीय अपराध से दोषसिद्ध किया जाता है, वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसका मतलब उस व्यक्ति के शेष जीवनकाल के लिए कारावास से होगा या मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा।
No comments:
lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।
नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।