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नमस्कार दोस्तों,
अगर आप भी अपना माकन किसी व्यक्ति को किराये पर रहने के लिए देते है, तो ये लेख आप सभी के लिए बहुत ही खास है, क्योकि आज इस लेख में आप सभी को बताने जा रहा हु कि रेंट एग्रीमेंट बनाते समय किन किन बातों का लिखा जाना अति आवश्यक है ताकि मकान खाली करते समय या अन्य बातो को लेकर मकान मालिक और किरायेदार के बीच किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न न हो और आपको किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
रेंट एग्रीमेंट क्या है ?
रेंट एग्रीमेंट एक ऐसा दस्तावेज है जो कि एक मकान मालिक और किरायेदार के बीच किराये पर माकन देने और लेने के सम्बन्ध में मकान से सम्बंधित समझौता होता है। इस रेंट एग्रीमेंट में माकन संबधित उस हर एक बात का जिक्र होगा जिसपर किरायेदार को अपनी स्वतंत्र सहमति देनी होती है। यदि माकन मालिक और किरायेदार के मध्य किसी बात को लेकर विववाद उत्पन्न होता है , तो ऐसे में यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज जो है जो कि माकन मालिक और किरायेदार दोनों के लिए साक्ष्य के रूप में काम करता है।
इस लिंक पर जाये :- किराये पर मकान देने के लिए रेंट एग्रीमेंट (किरायेदारी अनुबंध ) कैसे लिखे।
रेंट एग्रीमेंट तैयार करते समय इन बिंदुओं का उल्लेख अवश्य करे।
अगर आप भी मकान मालिक है तो जाहिर होगा की आपके पास भी कई लोग किराये पर मकान या कमरा लेने आते होंगे। ऐसे आप दोनों के बीच किराये पर मकान लेने को लेकर कई बातें भी होती होंगी कि क्या आपका मकान या कमरें किराये के लिए उपलब्ध ह। यदि आप अपना मकान या मकान का कमरा किराये पर देना चाहते है ,तो आप उसको हाँ में जवाब देते है।
अब ध्यान देने वाली बात यह है कि जब आप किसी को अपना मकान या कमरा किरये पर देने को राजी हो जाते है, तो आप अपनी सुरक्षा के लिए एक रेंट एग्रीमेंट तैयार करते है जिसमे मकान से सम्बंधित शर्तो का उल्लेख होता है और किरयेदार की उस शर्तो पर सहमति होती है।
यह बात ध्यान देने योग्य है कि रेंट अग्रिममेंट तैयार करते समय मकान सम्बन्धी शर्तो का उल्लेख अवश्य करे जैसे की :-
1. दोनों पक्षकारों का सम्पूर्ण विवरण। दोनों पक्षकरों का सम्पूर्ण विवरण से अभिप्राय मकान मालिक और किराये का शुद्ध नाम,उम्र, पिता का नाम और स्थायी पता जो कि एक किरायेदारी अनुबंध को तैयार करने के लिए अति आवश्यक होता है। इससे यह निर्धारित होता है की मकान मालिक और किरायेदार कौन है।
2. मकान सम्बन्धी शर्ते। मकान से सम्बंधित हर एक शर्तो का उल्लेख करे जिसके आधार पर आप अपने मकान को किराये पर किसी व्यक्ति को दे रहे है जैसे :-
3. मकान का विवरण। रेंट एग्रीमेंट में मकान का पूर्ण विवरण स्पष्ट रूप से किया जाना चाहिए जैसे कि :- मकान कितने साल पुराना है, कमरों की संख्या। अन्य सुविधाएं जो उपलब्ध हो जैसे पार्किंग, गार्डन, gym, अन्य।
4. किराये की अवधि। किराये पर मकान देते वक़्त तैयार किये जाने वाले रेंट एग्रीमेंट में किराये पर रहने की अवधि के बारे में स्पष्ट रूप से लिखे। साधारणतः रेंट एग्रीमेंट 11 महीने की अवधि तक का ही बनाया जाता है, इस अवधि के समाप्त हो जाने पर मकान मालिक के आग्रह पर किरायेदार को मकान खाली करना पड़ेगा है। यदि मकान मालिक चाहे तो किरायेदार के आग्रह पर इस अवधि को पुनः बढ़ा सकता है।
5. किराया। किराये पर मकान देने के लिए किराये की एक अहम् भूमिका होती हैं क्योकि यही एक ऐसा मूल तत्व है जिसका जिक्र मकान मालिक और किरायेदार के बीच प्रारम्भ में होता है कि मकान का मासिक किराया कितना है और बिजली का बिल, पानी का बिल, मकान के किराये में जुड़ा होगा या अलग से देना होगा इस बात को भी स्पष्ट कर देना चाहिए।
6. जमानत राशि। रेंट एग्रीमेंट में जमानत राशि का भी उल्लेख किया जाना चाहिए क्योकि यह वह राशि होती है जो मकान मालिक द्वारा किराये पर मकान दिए जाने पर किरायेदार से जमानत के रूप में लेती है। यह जमानत राशि कितनी होगी इसको मकान मालिक निर्धारित करता है। यह जमानत राशि जमानत के रूप में ली जाती है और किराये की अवधि के पूर्ण होने पर किरायेदार के मकान खाली करने पर वापस कर दी जाती है।
7 . किराये के भुगतान समय। एग्रीमेंट में किराये के भुगतान का समय इस बात का भी उल्लेख किया जाना अति आवश्यक होता है। यदि मकान का किराया महीनेवार है तो महीने की किस तिथि को किराये का भुगतान करना है।
यदि किराया देने के लिए दी गयी समय सीमा के भीतर किराया नहीं दिया जाता, तो ऐसे में कितना अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
8.किराये में वार्षिक वृद्धि। रेंट एग्रीमेंट में किराये में वार्षिक वृद्धि का स्पष्ट रूप से उल्लेख कर दिया जाना चाहिए। अगर आप साल भर बाद किराये में उचित वृद्धि करते है, तो आपके (मकान मालिक) और किरायेदार के मध्य किराये की वृद्धि किसी भी प्रकार का वाद विवाद उत्पन्न न हो।
9. मकान के मरम्मत या रखरखाव शुल्क। रेंट एग्रीमेंट के मकान की मरम्मत और उसके रखरखाव के शुल्क का भी उल्लेख किया जाना अति आवश्यक है। क्योकि जब कोई भी मकान मालिक किसी व्यक्ति को किराये लिए अपना मकान या कमरा देता है, तो यह बात साधरण है कि उसमे छोटी मोटी टूट फुट या खराबी होती रहती है जैसे:- पानी का नल ख़राब या टूट जाना, फर्श पर लगी टाइल्स का टूट जाना, अन्य प्रकार की खराबी या टूट फूट के खर्चो का भुगतान किरायेदार ही करेगा।
10. मकान खाली करने के लिए नोटिस। रेंट एग्रीमेंट में मकान खाली करवाने के लिए किरायेदार को नोटिस देने के बारे में भी उल्लेख होना चाहिए। यदि किसी कारणवश मकान मालिक अपना माकन या कमरा किरायेदार से खाली करवाना चाहता है, तो उसे किरायेदार को पहले नोटिस देनी होगी जिसमे इस बात का साफ उल्लेख होगा की कितने समय में आपको मकान खाली कर देना है, नोटिस में इतनी अवधि देनी चाहिए की वह अन्य मकान आसानी से ढूंढ ले ताकि किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। नोटिस देने वाली बात मकान मालिक और किरायेदार दोनों पर लागु होती है।
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सर यदि मकान खाली करने से पहले नोटिस देने वाली बात का जिक्र एग्रीमेंट भूल से न किया गया हो तो मकान मालिक के लिए क्या प्रावधान है?
ReplyDeleteमकान ख़ाली कराने से पहले नोटिस देने का प्रावधान क़ानून में है, यदि आप रेंट एग्रीमेंट में इस बात का ज़िक्र नहीं भी करते है तो भी मकान ख़ाली करवाने कि लिए नोटिस दे सकते है ।
Deleteयदि मकानमालिक बिना किसी अग्रीमेंट के मकान के कलर निकलने जेसे खर्चे की मांग करने लगे तब क्या प्रावधान है
ReplyDeleteमकान किराए पर लेते समय कोई एग्रीमेंट हुआ था ?
Deleteनही किसी भी प्रकार का ऐग्रीरीमेन्ट नहीं बनाया गया था
ReplyDeleteआपस मे बात कर सुलह कर ले ।
Delete10 years ka agreement ke baad agar 1 year k liye aur agreement badana ho aur property owner nahi maan raha ho toh kya karey
ReplyDeleteकुछ नही ।
DeleteSir meri shop ka agreement time Pura ho gya h but tenant kehta h ki wo abi Khali ni krega use December tk ka time chahy jabki agreement time end October me ho jyga ab hme kya krna chahy plz suggest
ReplyDeleteआप क्या चाहते वो बताए ?
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