मूट कोर्ट में होता क्या है ?
- मूट कोर्ट आयोजित करने वाले विश्वविद्यालय के विधि विभाग के शिक्षकों द्वारा किसी विशेष वाद या विषय को चुना जाता है, और फिर इसी वाद/ विषय में वाद विवाद होता है,जिसमे छात्र जो उस चुने हुए विषय के पक्ष में अपना -अपना मत रखते है।
- विधि के ही छात्रों के द्वारा अधिवक्ता, वादी प्रतिवादी और साक्षी यानी गवाहों की भूमिका निभाई जाती है और मूट कोर्ट जो अवास्तविक न्यायालय है उसके समक्ष हाजिर होते है,
- विधि के छात्रों में से ही एक कोई छात्र न्यायिक अधिकारी की भूमिका निभाता है और न्यायालय की कार्यावाही को आगे बढ़ाता है।
- विधि के छात्रों को सिविल मामलों यानी मुकदमा दायर करने के संबंध में वाद पत्र तैयार करने, वाद पत्र का जवाब तैयार करने , साक्षियों यानी मुक़दमे से सम्बंधित गवाहों के परिक्षण एवं प्रतिपरीक्षण करने के साथ जिरह यानी बहस करने ढंग का व् अन्य कार्यवाहियों का ज्ञान प्राप्त होता है ।
- आपराधिक मामलो में परिवाद और आरोप पत्र तैयार करने से लेकर गवाहों के परिक्षण एवं प्रतिपरीक्षण व् जिरह करने का व् अन्य कार्यवाहियों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- न्यायालय में कैसे उपस्थिति होना है, मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया क्या है और शुरवात कैसे करनी इसका भी ज्ञान प्राप्त होता है।
- जो विधि के छात्र न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस करना चाहते है उनको एक प्रेरणा मिलती है और जो बोलने में हिचकिचाहट और मन में एक डर सा रहता है वह मूट कोर्ट के जरिये समाप्त हो जाता है।
- न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना का एक उचित ढंग क्या होना चाहिए इसका ज्ञान होता है।
- अभिवचन यानी प्लीडिंग प्रस्तुत करने का उचित ढंग क्या होगा।
- सिविल मामलों में वादपत्र कैसे तैयार किया जायेगा, इसके ड्राफ्टिंग का उचित ढंग क्या होना चाहिए क्या-क्या लिखा जायेगा अन्य बातों का ज्ञान प्राप्त होता है ।
- सिविल मामलो में दायर मुक़दमे में लिखित कथन यानी जवाब दावा कैसे तैयार किया जायेगा, ड्राफ्टिंग का उचित ढंग क्या होना चाहिए क्या क्या लिखा जायेगा व् अन्य बातों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- आपराधिक व् फौजदारी के मामलों में परिवाद दायर करने से लेकर सम्बंधित अन्य कार्यवाहियों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- मुक़दमे के विचारण से पहले की तैयारी की प्रक्रिया के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है।
- मुक़दमे के विचरण की कार्यावाही के दौरान होने वाली प्रक्रिया का ज्ञान प्राप्त होता है।
- न्यायालय से सम्बंधित कार्यावाही और उससे सम्बंधित अधिवक्ता का शिष्टाचार कैसा होना चाहिए।
- न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष मुक़दमे से सम्बंधित पक्षकार यानी वादी या प्रतिवादी जिसके पक्ष में बोलना हो उस पक्षकार के कथन को प्रस्तुत करने का उचित ढंग क्या होना चाहिए इसका भी ज्ञान प्राप्त होता है।
- मुक़दमे से सम्बंधित न्यायालयों में होने वाली कई तरह की अलग -अलग कार्यवाहियों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- मुक़दमे से सम्बंधित न्यायाधीश के जिरह व् बहस करने का ढंग व् ज्ञान प्राप्त होता है।
- मुक़दमे से सम्बंधित पक्षकारो के साथ और अपने अधिवक्ता साथियों से शालीनता पूर्वक किये जाने वाले व्यवहार का ज्ञान प्राप्त होता है।
- न्यायालय की गरिमा को बनाये रखने का ज्ञान प्राप्त होता है जैसे कि न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष ऊँची आवाज में न बोलना, अपनी बात कहने से पहले सामने वाले को पूरी तरह से अच्छे से सुनना व् अन्य बातों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- न्यायालय परिसर के भीतर में व् बाहर अपने विधिक व्यवसाय से सम्बंधित शिष्टाचार के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त होता है।
- न्याय प्रणाली व् न्यायिक कार्यवाहियों व् विधि से सम्बंधित सुसंगत विधियों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- अन्य सभी ज्ञान प्राप्त होते है।
काल्पनिक तथ्यों के आधार पर मूट कोर्ट की क्या समस्यायें हैं ?
ReplyDeleteWhat are the moot court problems on the basis of imaginary facts ?
ReplyDeletemoot court awam nyayalaya me antar kya hai
ReplyDeleteमूट कोर्ट विधि विद्यालयों द्वारा विधि के छात्रों के अभ्यास के लिए आयोजित कराई जाती है ।
Deleteन्यायालय में असल वाद विवाद सम्बंधित मामले आते है , जिसमें पीड़ित पक्ष या पक्षकार अनुतोष की प्राप्ति के लिए बार काउन्सिल से पंजीकृत अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में वाद दायर करवाते है ।
मूट कोर्ट को गठित करने एवं संचालन करने की विधि
ReplyDeleteमूट कोर्ट को गठित करने एवं संचालन करने की विधि
ReplyDeleteमूट कोर्ट और बास्तबिक न्यायालय में क्या अंतर है ॽ
ReplyDeleteमूट कोर्ट विधि विद्यालयों द्वारा विधि के छात्रों के अभ्यास के लिए आयोजित कराई जाती है ।
Deleteन्यायालय में असल वाद विवाद सम्बंधित मामले आते है , जिसमें पीड़ित पक्ष या पक्षकार अनुतोष की प्राप्ति के लिए बार काउन्सिल से पंजीकृत अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में वाद दायर करवाते है ।
मूट कोर्ट एक ड्रामा है।जिसमे प्रत्येक छात्र अपनी अपनी भूमिका निभाता है।कोई जज बनता है।कोई वादी वकील तो कोई प्रतिवादी वकील।कोई गवाह बनते है।तो कोई रीडर या पेशगार ओर स्टेनोग्राफर भी।वादा जवाब दावा,इश्यूज बनते है।पक्षकार अपने मामले को साबित करने के लिए गवाह पेश कर तथ्यों को साबित करने की कोशिश करते हूं।प्रतिवादी पेश गवाहों को अविश्वनीय या संदिग्ध साबित करने की कोशिश कर वादे को झूठा साबित करने का प्रयास करता है।बयान के बाद बहस होती है।अदालत निर्णय सुनाती है।डिक्री भी जारी होती है।
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