lawyerguruji

क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद (तलाक ) के लिए याचिका कैसे लिखते है ?

www.lawyerguruji.com

नमस्कार दोस्तों, 
आज के इस पोस्ट में आप सभी को ड्राफ्टिंग के बारे में बताने जा रहा हु। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा  13 में तालाक के आधारों के बारे में बताया गया है और जब एक विवाहित जोड़ा जब अलग होने की सोच लेते  है, तो उसे अपने वकील की मदद से एक याचिका पारिवारिक न्यायालय में दाखिल करनी होती है, तो ऐसे में अब यह याचिका कैसे ड्राफ्ट की जाये, यह समस्या उन नए वकीलों को आती है, जो नए नए वकील बने होते है, क्योकि उनको ड्राफ्टिंग की ज्यादा जानकारी नहीं होती की तलाक की याचिका को कैसे लिखे।  
 तलाक के लिए याचिका का प्रारूप।  ( एक पत्नी कि तरफ तलाक़ के लिए याचिका )

धारा 13  तलाक -  हिन्दू विवाह अधिनियिम की धारा  13 में तलाक के बारे में बताया गया है, की यदि पति पत्नी आपस में एक दूसरे अलग होना चाहते है या अपने विवाह को भंग करना चाहते है, तो तलाक की एक डिक्री के द्वारा इस  विवाह को भंग किया जा सकता है।  
 तलाक के आधार :-
हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा  13 में तलाक के आधार बताये गए है, जिनके आधार पर पति पत्नी एक दूसरे से अलग हो सकते है।  

  1. क्रूरता,
  2. व्यभिचार ,
  3. मानसिक विकार,
  4. परित्याग,
  5. धर्मपरिवर्तन,
  6. कुष्ठ रोग,
  7. पति या पत्नी में से किसी का भी सात साल तक कोई अता पता न होना ,
  8. पति या पत्नी में से किसी ने एक दूसरे को त्याग दिया हो,
  9. यौन रोग,
चलिए जानते है की क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद (तलाक़) के लिए याचिका कैसे लिखते है ?
याचिका लिखने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना बहुत जरूर है जैसे :-
  1. उस न्यायालय का नाम जिस न्यायालय में याचिका दाखिल की जानी है,
  2. वादी और प्रति वादी दोनों का नाम, उम्र, पिता का नाम और स्थाई और अस्थाई निवास स्थान का पता, 
  3. उन बातो को जिनके आधार पर तलाक़ लिया जाना है,
  4. प्रार्थना,
  5. शपथपत्र।
 तलाक के लिए याचिका का प्रारूप।  ( एक पत्नी कि तरफ तलाक़ के लिए याचिका )

न्यायालय श्रीमान पारिवारिक न्यायाधीश, . .. . . . .  . . . . . . . . .. . . 
वाद स०. .. . . . . . सन 2018 
क पुत्री ख पत्नी ग  निवासी  ... .  . . . . . . . . . . . जिला  . . .. . . . . . 
-वादिनी 
ग पुत्र घ निवासी..........   ......................
-प्रतिवादी 
श्रीमानजी,
उपरोक्त वादिनी निम्नलिखित निवेदन करती है -
  1. यह की वादिनी का विवाह प्रतिवादी के साथ तिथि  (        ) को हिन्दू रीती रिवाज के साथ (          ) संम्पन हुआ था।  
  2. यह की विवाह के समय वादिनी के पिता और अन्य रिस्तेदारो द्वारकाफी और हैसियत से कही ज्यादा दान -दहेज़, नकदी और अन्य सामान प्रतिवादी पक्ष को दिया गया था, परन्तु प्रतिवादी व् उनके माता पिता दहेज़ के समान से संतुष्ट नहीं हुए तथा वे वादिनी पर उसके पिता के यहाँ से  (                   ) रुपया नकद व् कार लेन के लिए दबाव डालने लगे,
  3. यह की वादिनी द्वारा नकदी और कार लेन में असमर्थता व्यक्त किये जाने पर प्रतिवादी व् उसके माता पिता ने वादिनी का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करना आरंभ कर दिया।  वे लोग वादिनी को भूखा- प्यासा रखकर उत्पीड़न करने लगे यहाँ तक की उसके साथ जब तब मारपीट भी करने  लगे,
  4. यह की अपने और अपने माता पिता की प्रतिष्ठा और मन मर्यादा की वजह से  वादिनी यह पीड़ा कई महीनो तक शान करती रही।  जब कष्ट की सिमा से बाहर हो गयी तो वादिनी ने प्रतिवादी का विरोध करना शरूकर दिया। इस पर प्रतिवादी वादिनी से खफा हो गया और तिथि (                ) को मार पीटकर पहने हुए कपड़ो में ही खली हाथ घर से बाहर निकल दिया।  
  5. यह की वादिनी ने अपने माता पिता के साथ अनेक बार समझौता करने की बातचीत की ,परन्तु प्रतिवादी दहेज़ की मांग पर अड़े रहे। 
  6. यह कि तिथि (                  ) को वादिनी ने प्रतिवादी व् उसके माता पिता के खिलाफ दहेज़ उत्पीड़न का मुकदमा थाना (       ) में दर्ज कराया।  
  7. यह कि प्रतिवादी ने वादिनी को बीते (              ) वैर्षो से इतना उत्पीड़ित किया है कि वह उसके साथ रहने को तैयार नहीं क्योकि वादिनी को अंदेशा है कि वह उनके साथ रही तो उसकी जान को खतरा है।  
  8. यह कि वादिनी अपने पिता के घर विगत (                   ) वर्षो से रह रही है। प्रतिवादी द्वारा की जा रही दहेज़ की अनुचित मांग व् मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की वजह से वादिनी प्रतिवादी से स्थाई रूप से सम्बन्ध विच्छेद ( तलाक) चाहती है।  
  9. यह की उक्त विवाह ( स्थान का नाम )  में श्रीमान जी के न्यायालय के स्थानीय सीमाओं में उत्पन्न हुआ इसीलिए श्रीमान जी को इस वाद के न्याय -निर्णय का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। 
  10. यह की इस वाद पर यथा विहित न्यायिक शुल्क अदा किया जा रहा है।  
प्रार्थना 
अतः श्रीमानजी से प्रार्थना है कि वादिनी के साथ हुए प्रतिवादी के विवाह को विच्छेद करने हेतु एक डिक्री पारित करने की कृपा करे वह वादिनी को वाद व्यय व् भरण पोषण हेतु पर्याप्त धनराशि दिलाने का आदेश पारित करे।  हस्ताक्षर क ,वादिनी 
शपथपत्र 
एतद्द्वारा सत्यापित किया जाता है कि इस वाद के पैरा 1 व् 10 के कथन वादिनी के निजी ज्ञान और विश्वास में सत्य है।  वादपत्र का सत्यापन आज तिथि (           ) को बमुक़ाम (                ) पर किया गया है।  
हस्ताक्षर क ,वादिनी 

2 comments:

  1. सर, कृपया आदमी के लिए बताये
    प्लीज सर

    ReplyDelete

lawyer guruji ब्लॉग में आने के लिए और यहाँ पर दिए गए लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपके मन किसी भी प्रकार उचित सवाल है जिसका आप जवाब जानना चाह रहे है, तो यह आप कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते है।

नोट:- लिंक, यूआरएल और आदि साझा करने के लिए ही टिप्पणी न करें।

Powered by Blogger.