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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस पोस्ट में आप सभी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376, 376 A, 376B , 376C, 376D, 376E के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हु।
1. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 375 -बलात्संग - भारतीय दण्ड संहिता की धारा 375 के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति किसी स्त्री की योनि, उसके मुँह, मूत्रमार्ग, या गुदा में अपना लिंग, या ऐसी वस्तु या शरीर का कोई भाग, या अपना मुँह किसी भी सीमा तक प्रवेश करता है, या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है, तो उस व्यक्ति के बारे में यह कहा जायेगा की उसने बलात्संग किया, जो की कानून की नजरो में एक गंभीर अपराध माना गया है और वह व्यक्ति दण्डित किये जाने के योग्य है। यह सभी इन निम्न 7 परिस्थितियों के अधीन किया जाता है जैसे कि :-
- ऐसा बलात्संग उस स्त्री की इच्छा के खिलाफ किया जाता है, जिसमे स्त्री ऐसे जबरदस्ती का विरोध करती है,
- ऐसा बलात्संग उस स्त्री की सहमति के बिना, जिसमे उसके बार बार मना करने पर भी न मानना,
- ऐसा बलात्संग उस स्त्री के किसी हितबद्ध यानी उसके परिवार के किसी व्यक्ति को जान से मार देने की धमकी देकर या किसी प्रकार का भय दिखा कर, उस स्त्री की सहमति प्राप्त करना,
- ऐसा बलात्संग उस स्त्री की सहमति से करना जहाँ, ऐसी सहमति उस स्त्री द्वारा इस कारण से दी गयी है कि जहाँ उस पुरुष द्वारा उस स्त्री को यह विश्वास दिलाया गया और विश्वास करती है कि वह एक ऐसा पुरुष है जिससे वह विधिपूर्ण विवाहित है और विवाहित होने का विश्वास करती है लेकिन वह पुरुष यह जनता है की वह उसका पति नहीं है ,
- ऐसा बलात्संग उस स्त्री की सम्मति से, जब की ऐसी सम्मति उस समय दी गयी थी जब उस स्त्री की मासिक स्थिति सही नहीं थी, या वह नशे में थी, या ऐसी सम्मति की प्रकृति या इसके परिणामो को समझने में असमर्थ थी,
- ऐसा बलात्संग उस स्त्री की सम्मति या सम्मति के बिना किया जाता है जब वह 16 साल की कम की उम्र की है,
- ऐसा बाल्त्संग तब किया जाता है जब कोई भी स्त्री बात करने में असमर्थ है, यानी वह ऐसी स्थिति में है कि वह बात कर ही नहीं सकती जैसे कि बेहोसी की हालत, नशे की हालत, बीमारी की हालत और अन्य स्थिति जिसमे वह कुछ भी कह न पाने की स्थीत में है।
भारतयी दण्ड संहिता की धरा 376 बलात्संग के लिए दंड - धारा 376 में बलात्संग के किये जाने के सम्बन्ध में सजा का प्रावधान किया गया है, यदि कोई भी व्यक्ति बलात्संग जैसा गंभीर अपराध करता है, तो उस दोषी व्यक्ति को न्यायलय द्वारा दण्डित किया जायेगा जो की दस साल या आजीवन कारावास की सजा के साथ दण्डित किया जायेगा और साथ में जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
2. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376A पीड़िता की मृत्यु करने या लगातार निष्क्रिय स्थिति में बने रहने के लिए परिणाम उत्पन्न करने के लिए दंड - यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री के साथ उसकी सम्मति या सम्मति के बिना , यह सम्मति उसको डरा धमका कर या उसके प्रियजनों की मृत्यु का भय देकर उस स्त्री से बलात्संग करता है, और ऐसे अपराध के दौरान उस स्त्री को ऐसी कोई गंभीर क्षति पहुँचती है, जिससे उस स्त्री की मृत्यु हो जाती या जिसके कारण से उस स्त्री की दशा लगातार विकृतशील या निष्क्रिय हो जाती है, तो दोषी व्यक्ति को न्यायलय दण्डित करेगा, जो की 20 साल तक कारावास की सजा या आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा , साथ में जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा, या उस व्यक्ति को मृत्यु दण्ड से दण्डित किया जायेगा।
2. भारतीय दण्ड संहिता की 376 AB - 12 वर्ष की कम उम्र की स्त्री से बलात्संग के लिए दंड -जो कोई भी व्यक्ति 12 साल से कम किसी स्त्री से बलात्संग करेगा, जो कि एक गंभीर और दंडनीय अपराध है, ऐसा करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा जो कि 20 साल तक कारावास की सजा कम की सजा से दण्डित नहीं किया जायेगा या आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा या मृत्यु दंड से दण्डित किया जायेगा।
जुर्माने की धनराशि पीड़िता के उपचार व् पुनर्वास की पूर्ति के लिए न्यायोचित व् उचित होगा, ऐसी जुर्माने की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
4 . भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376B अलग रह रहे पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ मैथुन करना यानी सम्भोग करना - जब पति- पत्नी एक दूसरे से अलग रह रहे है या अलग रहने की डिक्री के अधीन है, तब वह पति अपनी पत्नी के साथ उसकी सम्मति के बिना शारीरिक सम्बन्ध बनाता है या मैथुन करेगा, तो यह बलात्संग माना जायेग, जो की एक अपराध है , और दोषी पति को न्यायालय द्वारा दण्डित किया जायेगा , जो की दो साल या सात साल तक कारावास की सजा से दण्डित किया जौएगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
5 .भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376C प्राधिकारवान व्यक्ति द्वारा मैथुन यानी शारीरिक सम्बन्ध बनाना - जब कोई अधिकारी , लोक सेवक, जेल, रिमांड होम, अभिरक्षा के किसी अन्य स्थान, स्त्रियों या बालको की संस्था का अधीक्षक या प्रबंधक है, या अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, ऐसी किसी स्त्री, जो की उसकी अभिरक्षा में है या भरसाधन के अधीन है या परिसर में उपस्थित है उस स्त्री को अपने साथ मैथुन करने के लिए यानी शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए उत्प्रेरित करने लिए अधिकार की स्थित या विश्वास के सम्बन्ध का दुरूपयोग करेगा, जब ऐसा मैथुन बलात्संग की कोटि में नहीं है,ऐसा करने वाले तो उस व्यक्ति को पांच साल या दस साल की कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
6 . भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376D सामूहिक बलात्संग - जहाँ किसी स्त्री के साथ एक या एक से अधिक वयक्तियों द्वारा मिलकर या समूह बना कर एक ही आशय को पूरा करने के इरादे से सामूहिक बलात्संग किया जाता है, तो उन सभी व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति के बारे में यह समझा जायेगा की उसने बलात्संग का अपराध किया है। ऐसे में दोषी अपराधियों को न्यायलय द्वारा दण्डित किया जायेगा, जो की बीस साल की कारावास की सजा या आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने के साथ भी दण्डित किया जाएगा।
लेकिन ऐसा जुर्माना पीड़िता के चिकित्सीय खर्चो को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा। ऐसे जुर्माने की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
7. भरतीय दंड संहिता की धारा 376 DA - 16 वर्ष से कम उम्र की किसी स्त्री के साथ सामूहिक बलात्संग के लिए दंड - जहाँ किसी स्त्री के साथ जो कि 16 वर्ष की उम्र से कम उम्र की है, एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा मिलकर या समूह बना कर एक ही आशय को पूरा करने के इरादे से सामूहिक बलात्संग किया जाता है, तो वहाँ उन सभी व्यक्तियों में से हर एक व्यक्ति के बारे में यह समझा जायेगा की उनमे से सबने बलात्संग का अपराध किया है जो की दंडनीय है। हर एक व्यक्ति को जो बलात्संग अपराध का दोषी है आजीवन कारावास की सजा से और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।
जुर्माने की धनरशि पीड़िता के चिकत्सक उपचार व् पुनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्यायोचित और उचित होगा और ऐसी धनरशि पीड़िता को दी जाएगी।
8. भारतीय दंड संहिता की धारा 376 DB - 12 वर्ष से कम उम्र की स्त्री के साथ सामूहिक बलात्संग के लिए दंड - जहाँ किसी स्त्री के साथ जो कि 12 वर्ष से कम उम्र की है, एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा मिलकर या समूह बना कर एक ही काम को पूरा करने के इरादे से सामूहिक बलात्संग किया जाता है, तो वहाँ उन सभी व्यक्तियों में से हर एक व्यक्ति के बारे में यह समझा जायेगा की उनमे से सबने बलात्संग का अपराध किया है जो कि दण्डनीय है। हर एक व्यक्ति जो बलात्संग अपराध का दोषी है आजीवन कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।
जुर्माने की धनराशि पीड़िता के चिकित्सक उपचार और पुनर्वास की पूर्ति करने के लिए न्याय उचित होगा और ऐसी धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
9 .भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376Eबलात्संग के अपराध के दोहराने पर दंड - जो कोई, भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376A या 376D के अधीन दण्डनीय किसी अपराधों के लिए पहले कभी दण्डित किया गया है और बलात्संग के अपराध 376, 376A 376AB 376D 376DB में बताये गए किसी भी अपराध को दुहराता है और उस दोषी व्यक्ति को दोषसिद्ध ठहराया जाता है, तो उस दोषी व्यक्ति को दण्डित किया जायेगा जो की आजीवन कारावास या मृत्यु दंड से दण्डित किया जाएगा।
अगर कोई लड़की अपनी मर्जी से लडके द्वारा रिलेशनशिप बनाती है और लडके द्वारा लडकी को गर्भा अवस्था धारण हो जाता है ar लडकी अपनी मर्जी से भ्रूण हत्या भी करा लेती है और बाद मे लडकी लडके को भ्रूण हत्या में फसाए तो क्या वो लडका बच सकता है या nhi जमानत मिल सकती हैं या लडके को जेल होगा
ReplyDeleteअगर मगर नही जो बात है सही वो बताओ ?
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