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नमस्कार दोस्तों,
आज के इस पोस्ट में आप सभी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 370 - मानव तस्करी। ( Trafficking of Person) के बारे में बताने जा रहा हु। मानव तस्करी किसे कहते और कैसे होती है ?
मानव तस्करी किसे कहते है ?
मानव तस्करी के बारे में यदि हम साधारण शब्दो में बात करे तो कह सकते है की किसी व्यक्ति को डरा धमका कर, बल के प्रयोग से , अपहरण कर , शक्ति का दुरूपयोग कर व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति के हाथो बेच देना। मानव तस्कर ज्यादातर छोटे बच्चों को खास कर बच्चियों का अपहरण कर के किसी दूर राज्य में यौन शोषण और बाल मजदूरी के लिए बेच देते है। ज्यादा तर मानव तस्कर गरीब माँ बॉप को उनके बच्चो के बेहतर जीवन जीने का, पढाई का और अच्छे पैसो का लालच देकर बच्चो को लाकर कही दूर देश में शिक्षा के बजाय इनसे भीख मंगवाई जाती है, ईट के भट्टो में ईट के काम में लगा दिया जाता है, बंधुवा मजदूरी में लगा दिया जाता है, लड़कियों को किसी कोठे या तबायफ खाने में बेच दिया जाता है।
नशीली दवाओं, घातक हथियारों के कारोबार जैसे अपराधों के बाद तीसरा गंभीर अपराध मानव तस्करी ही आता है, जो की बहुत ही गंभीर समस्या है। यदि हम सरकारी आंकड़ों को देखे तो मालूम होता है की हर एक मिनट में, हर एक राज्य से कोई न कोई बच्चा वह लड़का हो या लड़की लापता हो जाते है या उनका अपहरण हो जाता है।
मानव तस्करी के बारे कानूनी प्रावधान क्या है ?
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 370 व्यक्ति का दुर्व्यापार - धारा 370 में यह कहा गया है कि, यदि कोई व्यक्ति शोषण के प्रजोयन के लिए किसी अन्य व्यक्ति को -
- धमकी देता है,
- बल का प्रयोग या अन्य प्रकार से प्रताड़ित करता है,
- अपहरण करके,
- कपट के दवारा,
- शक्ति का दुरूपयोग करके,
- प्रलोभन देकर,
- लालच देकर,मानव को किसी दूर देश में किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है , तो वह दुर्व्यापार कहा जायेगा।
- यदि कोई भी व्यक्ति मानव तस्करी / दुर्व्यापार का अपराध करेगा वह कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा, जो की सात साल से कम नहीं होगी लेकिन दस साल तक की हो सकती है और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
- यदि मानव तस्करी अपराध में एक से अधिक व्यक्तियों का दुर्व्यापार शामिल है, वहाँ ऐसे अपराध को करने वाले व्यक्ति को कारावास से दण्डित किया जायेगा , जो की दस साल से कम नहीं होगी और आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
- यदि 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे (अवयस्क) की तस्करी की जाती है, तो ऐसे अपराधी को दस साल तक की जेल की सजा होगी और आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है साथ ही जुर्माना भी देना होगा।
- यदि एक से अधिक अवयस्क बच्चो की तस्करी होती है , तो ऐसे में अपराधी को चौदह साल तक की जेल की सजा होगी और यह जेल की सजा आजीवन कारावास भी हो सकती है , साथ में जुर्माना भी देना होगा।
- यदि किसी व्यक्ति को अवयस्क का एक से अधिक अवसरों पर दुर्व्यापार किये जाने पर दोषसिद्ध ठहराया जाता है, तो अपराधी को आजीवन कारावास की सजा होगी और जुर्माना भी देना होगा।
- यदि मानव तस्करी के अपराध में कोई लोक सेवक या पुलिस अधिकारी शामिल है, तो ऐसे लोक सेवक और पुलिस अधिकारी को आजीवन कारावास की सजा होगी, जिसमे उस व्यक्ति के शेष प्रकृति जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
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